जनवाणी संवाददाता |
बड़ौत: आर्य महाविद्यालय किरठल में श्रावणी पर्व बड़ी धूमधाम से मनाया गया। इस मौके पर विद्यालय में प्रवेश पाने वाले ब्रह्चारियों का उपनयन संस्कार किया गया। प्रबंधक ओमपाल शास्त्री ने कहा कि उपनयन संस्कार के दौरान विद्यालय में प्रथम प्रवेश करने वाले छात्रों को यज्ञोपवीत धारण किया जाता है। इस दिन से उसकी शिक्षा शुरु हो जाती है। वह गुरु के सानिध्य में ब्रह्मचारी रहकर शिक्षा ग्रहण करता है।
रविवार को श्रावणी पर्व के उपलक्ष में छात्रों का उपनयन संस्कार कराया गया। उपनयन संस्कार के दौराप नवागंतुक छात्रों का यज्ञोपवीत संस्कार किया गया। उपनयन संस्कार के बाद छात्रों को वेदारंभ कराया गया। प्रबंधक ओमपाल शास्त्री ने छात्राओं को वैदिक संस्कृति की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि गुरुकुल छात्रों में अच्छे संस्कार पैदा करता है। वेद का ज्ञान ईश्वरीय ज्ञान है।
वेदों के अनुसार ही गुरुकुलों में शिक्षा दी जाती है। यहां सबसे मानव बनाए जाते हैं। इसके बाद ही बच्चे अपनी-अपनी प्रतिभा के बल पर कोई केरियर चुनते हैं। महाविद्यालय के प्राचार्य ब्रह्मदत्त शास्त्री ने छात्रों को वैदिक संस्कृति के बारे में बताया कि वेद की वाणी को सुनना और सुनाना बहुत लाभप्रद होता है। इस मौके विजय कुमार, विकास, सुरेंद्र सिंह प्रधान, शिक्षक त्रिनाथ शास्त्री, विनोद कुमार, सुनील, अशोक अलंकार आदि लोग उपस्थित थे।