नमस्कार, दैनिक जनवाणी डॉट कॉम वेबसाइट पर आपका हार्दिक स्वागत और अभिनन्दन है। सनातन धर्म में वृक्ष में देवताओं का वास माना गया है। कुछ पेड़-पौधे जैसे तुलसी, शमी, केला जैसे कई वृक्ष हैं जिनको देवताओं का प्रतीक माना जाता है। इनमे से ही एक वृक्ष है बेलपत्र। पुराणों के अनुसार, बेलपत्र के वृक्ष को बहुत पवित्र माना गया है।
वहीँ, शिव पुराण में भी बेलपत्र के पेड़ या उसके पत्तों की पूजा के महत्व की व्याख्या दी गई है। माना जाता है कि भगवान शिव शिवलिंग पर बेलपत्र अर्पित करने वाले की हर मनोकामना पूरी करते हैं।
बेलपत्र के वृक्ष का महत्व
शिव पुराण में बेलपत्र के पेड़ या उसके पत्तों की पूजा के महत्व की व्याख्या दी गई है। मनुष्य ही नहीं देवता भी बेलपत्र के वृक्ष की पूजा करते हैं। बताया जाता है कि बेलपत्र के पत्ते भगवान शिव की ऊर्जा को अवशोषित करते हैं, और जब इसे भगवान को चढ़ाया जाता है, तो इसमें कुछ ऊर्जा समा जाती है।
ऐसा माना जाता है कि बेलपत्र के पौधे की जड़ों के आसपास स्नान करना ब्रह्मांड के सभी पवित्र जल में स्नान करने के बराबर है, जिससे व्यक्ति पवित्र और दिव्य हो जाता है। इसके अलावा, बेल-पत्र का प्रसाद किसी के तमस्, रजस व सत्व – किसी व्यक्ति के स्वभाव के तीन पहलुओं को त्यागने का संकेत है।
बेलपत्र का पौधा लगाने से होंगे यह फायदे
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घर की उत्तर-दक्षिण दिशा में बेलपत्र का पौधा लगाना शुभ माना जाता है।
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बेलपत्र का पौधा घर में लगाने से दरिद्रता दूर हो जाती है।
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बेलपत्र का पौधा लगाने से घर के सदस्यों को अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है।
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धार्मिक शास्त्रों के अनुसार, बेलपत्र के पेड़ की जड़ों में मां गिरिजा, तने में मां महेश्वरी, शाखाओं में मां दक्षायनी, पत्तियों में मां पार्वती, फूलों में मां गौरी और फलों में देवी कात्यायनी वास करतीं हैं, जिसके कारण वहां रहने वाले लोग तेजस्वी और ऊर्जावान होते हैं।
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आंगन में बेलपत्र का वृक्ष लगाने से टोने-टोटके का असर घर के सदस्यों पर नहीं होता।
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वृक्ष के होने से आपकी कुंडली में चंद्र दोष का प्रभाव नहीं पड़ेगा।
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