- जल संरक्षण के लिये जन सहभागिता जरूरी, वायु प्रदूषण लोगों की उम्र कर रहा कम
- गॉडविन कालोनी में परमार्थ निकेतन के स्वामी चिदानंद महाराज बोले-आम आदमी को भी दिखानी होगी सजगता
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: ऋषिकेश स्थित परमार्थ निकेतन के स्वामी चिदानंद सरस्वती महाराज ने बढ़ते वायु प्रदूषण और जल संकट पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि पूरी दुनिया में वायु प्रदूषण के मामले में बांग्लादेश के बाद भारत दूसरे नंबर है। इस कारण उत्तर भारत के लोगों की जिंदगी कम होती जा रही है। उन्होंने कहा कि एक बार वाटरलू युद्ध हुआ और अगली बार वाटर वॉर होगा। इस कारण जल संरक्षण के लिये जन सहभागिता बहुत जरूरी है।
बागपत रोड स्थित ग्रीन वुड स्थित गॉडविन कालोनी में पधारे पयार्वरण प्रहरी के रूप में प्रसिद्ध परमार्थ निकेतन के स्वामी चिदानंद सरस्वती महाराज का गॉडविन ग्रुप के निदेशक भूपेन्द्र सिंह बाजवा, जितेन्द्र सिंह बाजवा, हरशरण कौर बाजवा और चिरंजीव सिंह बाजवा ने स्वागत किया। स्वामी चिदानंद ने कहा कि वायु प्रदूषण के कारण उत्तर भारत खासकर दिल्ली और मेरठ में इसका बुरा असर पड़ रहा है।
दिल्ली और मेरठ के लोगों के सात से दस साल उम्र इस कारण कम हो रही है। उन्होंने कहा कि इससे ज्यादा गंभीर समस्या जल संकट को लेकर है। पानी का दोहन बेइंतहा हो रहा है और जल संरक्षण के नाम पर काम जीरो। दुखद बात यह है कि हर साल पांच साल से कम उम्र के 16 सौ बच्चे प्रदूषित पानी के कारण दम तोड़ रहे हैं और उसकी कोई चर्चा नहीं कर रहा है।
उन्होंने कहा कि पेड़ लगाये नहीं जा रहे। रेन वाटर हार्वेस्टिंग के नाम पर गंभीरता से काम नहीं हो रहा है। अगर हम पानी का जल स्तर नहीं बढ़ाएंगे तो आने वाली पीढ़ी स्वस्थ पानी के लिये तरस जाएगी। उन्होंने लोगों से अपील करते हुए कहा कि अपने अपने जन्म दिन उम्र से एक पेड़ ज्यादा लगाएं। बड़ी बड़ी पार्टियां करने से कोई फायदा नहीं, सामूहिक रूप से अगर तालाब बनाये जाएंगे तो इंसान के अलावा पशु पक्षियों का भी भला होगा।
उन्होंने कहा कि सरकार के भरोसे न रहें क्योंकि सरकार तो नीति बनाकर पैसा आवंटित कर देगी, लेकिन जब तक खुद के अंदर प्रदूषण से लड़ने की इच्छा शक्ति नहीं होगी तब तक भला नही हो पाएगा। उन्होंने कहा कि जिस तरह हम अपने परिवार के लिये जान छिड़कते हैं उसी तरह शहर और देश के लिये भी एकजुट होकर कुरीतियों से लड़ें और लोगों को जागरूक करें।
योग से मिलती है शक्ति
स्वामी चिदानंद सरस्वती महाराज ने कहा कि योग करने से मानसिक और शारीरिक शक्ति मिलती है और उससे कई विकार भी खत्म होते है। आज की पीढ़ी बेवजह तनाव में जी रही है और उसका ध्यान अध्यात्म और धर्म से विमुख होता जा रहा है। यही कारण है लोग जल्दी उत्तेजित होकर गलत कदम उठाने में लगे हुए हैं। उन्होंने लोगों से आह्वान किया कि योग को दिनचर्या बना लें और ईश्वर के लिये थोड़ा समय निकालें।
धर्म के नाम पर हिंसा फैलाने वालों को सचेत किया स्वामी चिदानंद ने
भारतीय जनता पार्टी की प्रवक्ता नुपुर शर्मा के विवादित बयान के बाद भड़की हिंसा को लेकर ऋषिकेश स्थित परमार्थ निकेतन के स्वामी चिदानंद सरस्वती महाराज ने धर्म के नाम पर हिंसा फैलाने वालों को सचेत करते हुए कहा कि जुमे की नमाज जिम्मे की नमाज बने, कोई आलिम यह सीख नहीं देता कि नमाज के बाद पत्थर बरसाने से अल्लाह खुश होंगे। उन्होंने धर्म को हथियार उठाने नहीं बल्कि समाधान के रास्ते खोजने का मार्ग बताया।
स्वामी चिदानंद ने कहा कि जुम्मे की नमाज हो या हनुमान चालीसा हो। जुमे की नमाज भी जिम्मेदारी वाली होना चाहिए। पत्थर बरसाने वाले समझ लें कि जुम्मे की नमाज के बाद पत्थर बरसाने से अल्लाह खुश नहीं होता। कोई आलिम नहीं कहेंगे कि नमाज के बाद पत्थर बरसाओ, अल्लाह उसमें खुश होगा। ये पत्थर किसी का संस्कार हो सकता है, लेकिन भारत का ये संस्कार नहीं है।
प्रदेश में माफियाओं की अवैध संपत्ति पर चल रहे बुलडोजर पर स्वामी चिदानंद ने कहा कि कोर्ट ने अतिक्रमण हटाने का आदेश दिया है तो वो होना चाहिए, क्योंकि कोर्ट गलत निर्णय नहीं देता। बुलडोजर से केवल वही डर रहे जिसने गलत किया है। अगर लगता है किसी के साथ गलत हो रहा है तो वो कोर्ट में जाएं, हाथ में पत्थर या गन न उठाएं। समाधान कानून होना चाहिए हथियार नहीं। अगर हथियार उठा लेंगे तो दंगें और बढ़ेंगे। अगर हथियार उठा लेंगे तो दंगें और बढ़ेंगे, हमें समाधान के रास्ते खोजना होगा।
स्वामी जी ने नमाजियों को सीख देने के साथ कहा कि मंदिरों में संवादों को बहुत गंभीर होना चाहिए। मंदिरों में भी जिम्मेदारी से लोग बोलें, वहां टंग मैनेजमेंट बहुत जरूरी है। धर्म का अर्थ नफरत, हिंसा न फैलाना। धर्म वो है जो दिलों को जोड़े, दरारों को भरे। नफरत में कोई 24 घंटे नहीं जी सकता, मोहब्बत में ताउम्र जी सकते हैं। धर्म का अर्थ जो मन को शीतलता प्रदान करे। सच ऐसा न बोलें जो समाज में स्थिरत को तोड़े, क्योंकि संवाद ही देश का सम्मान है। सच संवाद पैदा करे ऐसा होना चाहिये।
स्वामी चिदानंद से मिले कवि हरिओम पंवार
मेरठ कालेज के प्रोफेसर और ओज के कवि हरिओम पंवार ने परमार्थ निकेतन के स्वामी चिदानंद सरस्वती महाराज से मुलाकात की। आवास पर आयोजित पत्रकार वार्ता में स्वामी चिदानंद ने देश में चल रहे सामयिक मुद्दों पर खुलकर विचार रखे और कहा कि सभी की नैतिक जिम्मेदारी है कि समाज को एक सकारात्मक सोच की तरफ ले जाएं और जिन बातों से मनमुटाव और दरारें पड़ने का आभास हो उससे बच कर रहे।