Friday, March 29, 2024
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टारगेट किलिंग पर केंद्र सरकार का सख्त रुख   

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जनवाणी ब्यूरो |

नई दिल्ली: कश्मीर में टारगेट किलिंग की बढ़ती वारदातों के मद्देनजर केंद्र सरकार कश्मीर में सीआरपीएफ की और पांच कंपनियां भेज रही है। ये कंपनियां एक सप्ताह के भीतर तैनात हो जाएंगी। इससे पहले अर्द्धसैनिक बलों की अतिरिक्त 50 कंपनियां भेजी जा चुकी हैं।

धरातल पर सुरक्षा बलों की मौजूदगी दिखाने की रणनीति के तहत अतिरिक्त सुरक्षा बलों की तैनाती की जा रही है। इस बीच, उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने मंगलवार को सचिवालय में उच्च स्तरीय बैठक में सुरक्षा हालात की समीक्षा की। उन्होंने हिदायत दी कि घाटी में हत्याएं हर हाल में रुकनी चाहिए। आम लोगों में सुरक्षा का माहौल बनाया जाए। उन्होंने कहा कि सीमा पार से अशांति फैलाने की नापाक साजिशों को हर हाल में नाकाम करें।

अक्तूबर में टारगेट किलिंग की वारदातों के मद्देनजर केंद्र ने अर्द्धसैनिक बलों की 55 अतिरिक्त कंपनियां भेजने की हिदायत दी थी। पांच कंपनियां इस कड़ी की अंतिम खेप है। 55 कंपनियों में से 25 सीआरपीएफ, जबकि शेष बीएसएफ की हैं। एक कंपनी में 100 जवान होते हैं।

जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा व्यवस्था और आतंकवाद निरोधक ऑपरेशन के लिए सीआरपीएफ की 60 बटालियन तैनात की गई हैं। एक बटालियन में एक हजार जवान होते हैं। बीएसएफ की आईबी एवं एलओसी की सुरक्षा के साथ ही शहरों में कानून व्यवस्था की स्थिति पर नियंत्रण के लिए भी तैनाती की जाती है।

बैठक में उप राज्यपाल ने स्पष्ट हिदायत दी कि आतंकियों और उनके मददगारों को कोई मौका न दिया जाए। उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई हो। इंटेलिजेंस ग्रिड को और मजबूत बनाया जाए। तकनीक का ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल कर आतंकियों के नेटवर्क को तोड़ा जाए।

ऐसे लोगों को चिह्नित किया जाए जो आतंकी गतिविधियों को बढ़ावा देने का काम कर रहे हैं। उन्होंने सभी सुरक्षा एजेंसियों और प्रशासन के बीच बेहतर समन्वय की आवश्यकता पर भी जोर दिया। बैठक में डीजीपी दिलबाग सिंह के अलावा आईजी कश्मीर, एडीजी जम्मू, स्पेशल डीजी सीआरपीएफ मौजूद रहे।

नए बंकर और नाके बनाए

टारगेट किलिंग की घटनाएं बढ़ने के बाद श्रीनगर समेत घाटी में नए बंकर बनाए गए हैं। कई स्थानों पर नाके भी लगाए गए हैं। सीआरपीएफ की महिला विंग की लाल चौक और आसपास के इलाकों में नाकों पर तैनाती की गई है। बड़े स्तर पर दोपहिया वाहनों को जब्त किया गया।

सभागारों में सुरक्षा बलों को ठहराने पर विवाद

सुरक्षा बलों की अतिरिक्त तैनाती के बाद जवानों को श्रीनगर शहर के सामुदायिक सभागारों और शादी स्थलों पर ठहराने पर विवाद पैदा हो गया है।

नेकां, पीडीपी, पीपुल्स कांफ्रेंस, माकपा समेत अन्य दलों का कहना है कि यह समाज की जरूरतों को कुचलने की साजिश है। मेयर अजीम मट्टू ने इसकी निंदा करते हुए कहा कि इनका नियंत्रण नगर निगम के पास होता है, लेकिन निगम से किसी प्रकार की अनुमति नहीं ली गई।

अक्तूबर से अब तक 14 नागरिकों की हत्या

अक्तूबर से लेकर अब तक कश्मीर में आतंकी 14 नागरिकों की हत्या कर चुके हैं। इनमें कश्मीरी पंडित कारोबारी मक्खन लाल बिंदरू, बिहार के पांच मजदूर, अल्पसंख्यक समुदाय के दो शिक्षक शामिल हैं।

इन घटनाओं के बीच गृह मंत्री अमित शाह ने कश्मीर का पिछले महीने दौरा कर उच्च स्तरीय सुरक्षा बैठक में समीक्षा की। इसके बाद कुछ दिनों तक यह सिलसिला बंद रहा, लेकिन सात नवंबर से लगातार दो दिनों तक नागरिकों को शिकार बनाया गया।

इस साल 112 आतंकियों का काम तमाम

कश्मीर में इस साल अब तक 112 आतंकियों को मार गिराया गया है। केंद्र शासित प्रदेश में 135 आतंकियों को गिरफ्तार किया गया है। यह कार्रवाई सीआरपीएफ और अन्य सुरक्षा बलों ने संयुक्त अभियान में की है।

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