- धान, गन्ना और बंदगोभी की फसलों को भारी नुकसान
जनवाणी संवाददाता |
किठौर: मौसम के बदले मिजाज से किसानों के चेहरों पर चिंता की शिकन साफ दिख रही है। गत 16 सितंबर की रात से मौसम में बदलाव के साथ शुरू हुआ बारिश का दौर थमने का नाम नही ले रहा है। तेज हवा के साथ रुक-रुककर रोजाना हो रही बारिश ने किसानों को बबार्दी के कगार पर लाकर खड़ा कर दिया है।
बारिश से गन्ना और धान की तैयार फसलें धाराशायी हो गई हैं। किसानों के आंकड़ों पर गौर करें तो बारिश से 20 फीसद गन्ना व धान की फसलें तबाह हो चुकी हैं। बदंगोभी को भी काफी बहुत क्षति पहुंची है। पेश है बारिश से फसलों के नुकसान की किसानों से बातचीत पर आधारित रिपोर्ट…
छुछाई निवासी संदीप कुमार उर्फ जवाब सिंह का कहना है कि लगातार हो रही बारिश धान और गन्ने के लिए तबाही का सबब है। जो धान फ्लोवरिंग पर आया हुआ है बारिश से उसका फ्लोवर झड़ जाएगा। फिर न निषेचन क्रिया होगी और न बलियों में धान बनेगा। इस तरह फ्लोवरिंग पर आई फसल में से 35 फीसदी धान खत्म हो जाएगा। गन्ना गिरकर डेढ़ा हो जाएगा भूमि पर पड़े हुए को चूहें कुतरेंगे।
असीलपुर निवासी नादिर अली का कहना है कि उसने 40 बीघा धान और 70 बीघा गन्ना बोया हुआ है। 13 बीघा धान और 30 बीघा गन्ना बारिश से गिर गया। गिरे हुए धान में नमी के चलते हूपर कीट लगने की पूरी संभावना है। हूपर धान के तने को चूसेगा और फसल नष्ट हो जाएगी। मौसम साफ होने के बाद यही स्प्रे भी की जाए तो 50 फीसदी रिकवरी नहीं हो पाएगी।
फिरोजपुर निवासी गज्जन सिंह का कहना है कि धान और गन्ना उसकी प्रमुख फसलें हैं। दोनों पर ही बारिश ने कहर ढा दिया। उसके पास 55 बीघा धान और 120 बीघा गन्ना है। जिसमें 17 बीघा धान और 33 बीघा गन्ना गिर गया। धान फ्लोवरिंग पर था। उसको तमाम कीट दबोच लेंगे। बारिश से फ्लोवर झड़ जाएगा। जो बचेगा उसे हूपर और फफंूद खत्म कर देगी। जो धान पका खडा है उसमें भी हूपर का खतरा बढ़ गया है।
शाहीपुर निवासी किसान हरजीत सिंह का कहना है कि उसके पास 60 बीघा धान और 180 बीघा गन्ना है। 23 बीघा धान गिर चुका है। जिसमें हूपर, फफूंद का पूरा खतरा है। इसके अलावा बारिश से कीट जोर पकड़ेगा पत्ता लपेट भी इसमें आएगा। बताया कि हूपर और फफूंद आने पर 60-70 फीसद धान नष्ट हो जाती है। 27 बीघा गन्ना गिर गया है। बहुत नुकसान है बारिश से भरपाई कैसे होगी ?
क्या कहते हैं विशेषज्ञ
कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि फ्लोवरिंग पर आए धान के नुकसान की तो भरपाई नही हो सकती, लेकिन जिस धान में दाना बन चुका है उसकी गिरी फसल पर हूपर से रक्षा के लिए सिलिकॉन स्टीकर के साथ पाइमेटरोजिम 100-125 डाइफेनोकोनाजोल प्रति एकड़ करें और फफूंद से बचाव के लिए टराइफ्लोक्सा स्टराबिन व टेबोकोनाजोल का स्प्रे करें।