अम्बिका
अक्सर यह देखा जाता है कि लोग डाइटिंग के चक्कर में इतना कम खाने लगते हैं और इतनी गलत खुराक लेते हैं कि वजन कम तो क्या, उन्हें अनेक प्रकार की कमजोरियां महसूस होने लगती हैं। डाइटिंग का सही मतलब केवल ‘कम’ खाना नहीं है-इसका सही मतलब है ‘सही’ खाना। यह सही खुराक ही आपको चुस्त व सुडौल बनाएगी। इसलिए डाइटिंग करने से पहले आप पहचानें कि किस प्रकार से डाइटिंग करनी चाहिए और किस प्रकार का भोजन जरूरी है।
यह जानकारी बहुत जरूरी है कि आपको कब, क्या और कितना खाना चाहिए। सबसे पहले आप ध्यान में रखें कि एक सफल डाइटिंग का कार्यक्रम बनाने से पहले किन जरूरी बातों का पालन करना चाहिए।
- -एक वयस्क युवती को कम से कम 1200 कैलोरी और व्यस्क पुरूष को 1600 कैलोरी की जरूरत होती है।
- -अपना भोजन कम से कम तीन खुराकों में बांट लें। इससे आपको एक समय पर ज्यादा भूख नहीं लगेगी और इस चक्कर में आप ज्यादा नहीं खाएंगे।
- -नियंत्रण में खाने के चक्कर में आप कम खुराक न लें जिससे आप वजन कम करने के बजाए कमजोरी महसूस करें।
- -एक खुराक में प्रोटीन और कार्बोहाइड्रेट सही मात्रा में लेने चाहिए।
आइए एक आदर्श आहार तालिका देखें।
नाश्ता: एक गिलास वसा रहित दूध अथवा जूस अथवा नींबू पानी लें। इसके साथ एक अंडा व दो टोस्ट लें। यदि आप अण्डा न खाते हों तो थोड़ा सा पनीर या पनीर की भुरजी अथवा चीज लें। यदि आप इससे तंग आ जाएं तो वर्षा के मौसम में और सर्दियों में गरम दूध के साथ एक प्याला दलिया या कॉर्नफ्लेक्स लें। यदि आप चाहें तो इसके बाद आप एक प्याला चाय अथवा कॉफी ले सकते हैं।
दोपहर का भोजन: एक कटोरी दाल, अथवा कोई रसेदार सब्जी पर्याप्त हरी सब्जियों का सलाद जैसे टमाटर, प्याज, बंदगोभी, खीरा, गाजर, मूली इत्यादि व दो चपाती अथवा चावल। इसके बाद फल खाना बहुत जरूरी है। इस समय आप एक कटोरी दही भी ले सकते हैं।
नौकरीपेशा लोगों को चाहिए कि वे बाहर से बर्गर इत्यादि खाने के बजाए घर से सैंडविच तथा सलाद ले जाएं, या फल इत्यादि ले जाएं। सप्ताह में एक दिन आप केवल सादा दही व फल लें या फिर पूरा भोजन लेने के बजाय केवल जूस, व सलाद या फल लें।
रात का भोजन: इस समय आप चिकन, मांस या मछली ले सकते हैं लेकिन सब्जी खाना बहुत जरूरी है। यदि आप शाकाहारी हैं तो आलू की सब्जी या कोई दाल या कोई रसेदार सब्जी या पनीर के बने व्यंजन लें। इसके बाद आप कोई भी पुडिंग या मीठा व्यंजन लें।
यदि आपको कभी बीच में भूख लगे तो कभी भी चिप्स इत्यादि न लें। यदि आप उस समय छाछ या नींबू पानी लें तो बेहतर होगा। ज्यादा चाय व कॉफी पीने से भी वजन बढ़ता है।
यदि आप सप्ताह में एक दिन केवल पेय पदार्थों पर रह सकें तो आप स्वयं ही महसूस करेंगे कि आपको कितना अच्छा लग रहा है। इस दिन आप कोई भी जूस, मिल्क शेक, नींबू पानी व बहुत अधिक पानी लें। रात को एक समय कोई भी हल्का खाना खाएं।
हम लोग प्राय: यह गलती करते हैं कि हम बस वही घिसी पिटी चीजें खाते हैं। हमें अपना भोजन व खाने के तौर तरीके बदलने चाहिए। हम यह तो जानते हैं कि अकुंरित दाल अच्छी है लेकिन हम इसे दैनिक भोजन का हिस्सा क्यों नहीं बनाते? हमें गाजर, शलजम, इत्यादि सब्जियां अधिक खानी चाहिए।
हम यह भी जानते हैं कि प्रोटीन भी हमारे शरीर के लिए जरूरी हैं लेकिन कुछ प्रोटीन युक्त आहार में ज्यादा कैलोरीज होती हैं और कुछ में कम। इसकी भी जानकारी जरूरी है कि किस प्रोटीनयुक्त आहार में कम कैलोरी हैं जैसे, चिकन व मछली में कम कैलोरी होती हैं और मांस में ज्यादा! हफ्ते में एक या दो दिन से ज्यादा इसका प्रयोग नहीं करना चाहिए।
फल जितना भी आप लें, वह कभी हानिकारक नहीं होता। खास तौर पर रसदार फल जैसे मौसमी, संतरा, अंगूर, और तरबूज व खरबूजा जी भर के ले सकते हैं। यदि हम अपनी खुराक में एक समय का भोजन केवल फल व दही पर आधारित रखें तो बहुत फायदा होगा।
अनाज खाते समय आप यह ध्यान में रखें कि गेहूंयुक्त खाद्य पदार्थ ज्यादा फायदेमंद हैं। यदि आप ब्रेड खाते हैं तो गेहूंयुक्त ब्रेड जिसे हम ब्राउन ब्रेड कहते हैं, वह लें।
जब भी आप अपने खाने पीने के तौर तरीके बिल्कुल बदलते हैं तो आपके शरीर में नर्ह तरह की प्रतिक्रि याएं पैदा हो जाती हैं जैसे यदि आप अचानक कार्बोहाइड्रेट कम कर रहे हैं तो आपको कब्ज होने का डर है, इसलिए आपको ज्यादा पानी व जूस इत्यादि लेना चाहिये।