- निकाय चुनाव लड़ने की तैयारियों में जुटे संभावित प्रत्याशी पर लगा ब्रेक
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: निकाय चुनाव कब होंगे? इसको लेकर हाईकोर्ट का मंगलवार को आने वाले निर्णय पर सभी की निगाहें लगी हुई हैं। हाईकोर्ट में निकाय चुनाव को लेकर निर्णय सुरक्षित रख लिया गया हैं, जिसको मंगलवार को सुनाया जा सकता हैं। इस पर प्रदेश भर की निगाहें लगी हुई हैं। क्योंकि लोग निकाय चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे थे। अचानक तैयारियों पर ब्रेक लग गया।
हालांकि आरक्षण को लेकर भी सीटें फाइनल हो चुकी हैं। अब हाईकोर्ट के निर्णय से पता चलेगा कि कौन सी सीट पिछड़ी और अनुसूचित जाति के लिए होगी? इसको लेकर संभावित प्रत्याशी परेशान हैं। अपनी गोटियां फिट करने में संभावित प्रत्याशी जुटे हुए थे। कहा जा रहा है कि मेरठ मेयर की सीट को लेकर ज्यादा फेरबदल होने वाला नहीं हैं। चुनौती जिन मेयर की सीट को सामान्य किया गया हैं, उनको लेकर की गई हैं।
टिकट पाने वालों की भाजपा में भीड़
मेयर पद के लिए चुनाव लड़ने के लिए टिकट पाने वालों की सर्वाधिक भीड़ भाजपा में हैं। भाजपा से बडी तादाद में लोग चुनाव लड़ने के लिए टिकट की मांग कर रहे हैं। हालांकि पिछले चुनाव में यह सीट बसपा के खाते में चली गई थी। भाजपा की प्रत्याशी रही कांता कर्दम हार गई थी तथा बसपा की सुनीता वर्मा जीत गई थी।
तब ये सीट अनुसूचित जाति की महिला के लिए आरक्षित थी। इस बार पिछड़ा वर्ग के लिए आरंक्षण की घोषणा हुई हैं, जिस पर आपत्ति भी हुई और सुनवाई हो चुकी। इसी बीच प्रदेश भर की कुछ सीटों को लेकर हाईकोर्ट में चुनौती दी गई हैं, उसमें ही सुनवाई चल रही हैं।
सपा-रालोद गठबंधन, कई दावेदार
सपा-रालोद अभी यह तय नहीं कर पाया है कि मेयर की सीट किस दल के पास जाएंगी। हालांकि सपा के साथ रालोद नेताओं ने भी मेयर की दावेदारी कर दी हैं। दावेदारों में डा. राजकुमार सांगवान, मनीषा अहलावत समेत कई नामों पर प्रबल चर्चा हो रही हैं।