- कृषि विभाग का दावा, भरपूर खाद उपलब्ध
जनवाणी संवाददाता |
ऊन/ शामली: जनपद के किसानों को सहकारी समितियों पर खाद नहीं मिल रही है। खाद की किल्लत के चलते किसान परेशान हैं। खाद की किल्लत ऊन की किसान सेवा सहकारी समिति के अलावा थानाभवन क्षेत्र की यारपुर पर देखने को मिली है। ऐसा ही नजारा अन्य सहकारी समितियों का है। दूसरी ओर, जिला कृषि अधिकारी डा. हरी शंकर जनपद में खाद की किल्लत से इंकार कर रहे हैं, उनका कहना है कि किसान परेशान न हों, जनपद में खाद का भरपूर स्टॉक है।
कोरोना काल के चलते किसानों को समय पर खाद नहीं मिल रही है। पिछले एक माह में सहकारी समिति पर एक ही बार खाद आया। मई व जून माह में किसान को सबसे ज्यादा खाद की आवश्यकता होती है लेकिन समितियों पर यूरिया, डीएपी व एनपीके उपलब्ध नहीं है। खाद की किल्लत के चलते किसान परेशान हैं। किसान सेवा सहकारी समिति ऊन पर सोमवार को जैसे ही यूरिया खाद वितरण की सूचना किसानों को मिली तो भारी भीड उमड़ पड़ी। समिति द्वारा प्रत्येक किसान को पांच बोरे ही खाद के दिए गए।
किसान राजेंद्र सिंह का आरोप है कि समिति पर 4 दिन से खाद आया हुआ है लेकिन वितरण नहीं हुआ। तीन दिन से किसान समिति के बाहर बैठा है लेकिन बार-बार पॉश मशीन न चलने के कारण खाद नहीं मिल रहा है, न ही किसान की समस्या का समाधान हो रहा है।
किसान जयपाल सिंह गागोर का कहना है कि समिति पर चार-पांच दिनों से खाद आया है लेकिन कागजों में खाद न दर्ज होने का बहाना बनाकर खाद नहीं दिया जा रहा है। किसान के परिवार के व्यक्ति को आधार कार्ड पर भी खाद नहीं दिया जा रहा है। किसान सत्यवान सिंह का कहना है कि समिति पर एक माह में मात्र 400 कट्टे खाद के वितरित हुए हैं। अब 1300 कट्टे खाद के आए हैं जबकि इससे अधिक किसान खाद लेने आए हुए है।ं समिति पर डीएपी, एनपीके व पोटाश नहीं है जिससे किसान परेशान हैं।
इस संंबंध में समिति के सचिव दीपक कुमार ने बताया कि रैक लगने में देरी के चलते खाद नहीं आ पाया। 13 सौ बोरे खाद के मिले हैं जिन्हें किसानों को वितरित किया जा रहा है। शीघ्र ही डीएपी एनपीके किसानों को उपलब्ध कराया जाएगा।
दूसरी ओर, थानाभवन क्षेत्र के यारपुर स्थित साधन सहकारी समिति पर भी पिछले दो दिनों से खाद नहीं है। समिति के सचिव संदीप कुमार का कहना है कि आज देर शाम तक खाद आ जाएगा।
जनपद में नहीं खाद की किल्लत
जनपद में खाद की कोई कमी नहीं है। ट्रांसपोर्ट की सुविधा के अभाव में थोड़ा बहुत विलंब हो सकता है। यूरिया का वार्षिक लक्ष्य 33 हजार मीट्रिक टन है, जो अब तक 12,186 मीट्रिक टन उपलब्ध कराया जा चुका है। किसान को खाद की कमी नहीं होने दी जाएगी।
-डा. हरी शंकर, जिला कृषि अधिकारी, जनपद शामली।