Thursday, March 28, 2024
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पुलिस का किला तोड़ ट्रैक्टर लेकर कलक्ट्रेट में घुसे किसान

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  • कृषि कानून के विरोध में किसानों ने कलक्ट्रेट धरना-प्रदर्शन
  • जिले से सैंकड़ों ट्रैक्टर-ट्रालियां लेकर किसान पहुंचें कलक्ट्रेट

जनवाणी ब्यूरो |

शामली: कृषि कानूनों के विरोध में अपनी पूर्व चेतावनी के बाद किसानों ने कलक्ट्रेट में घुसकर धरना-प्रदर्शन किया। पुलिस प्रशासन की घेराबंदी तोड़ते हुए किसान ट्रैक्टर-ट्राली लेकर कलक्ट्रेट में घुस गए और नारेबाजी करते हुए धरना-प्रदर्शन करते हुए संबोधन किया। किसानों ने कृषि कानून को काला कानून बताते हुए वापस लिए जाने तक आंदोलन जारी रखने की चेतावनी दी।

राष्ट्रीय लोकदल, समाजवादी पार्टी, कांग्रेस, भाकियू समेत दर्जनभर किसान संगठनों ने 14 दिसंबर को मार्च निकालते हुए कलक्ट्रेट में हंगामा प्रदर्शन की चेतावनी दी थी। उससे पूर्व ही प्रशासन ने राजनैतिक दलों के जिलाध्यक्षों और अन्य नेताओं को उनके आवासों व प्रतिष्ठानों पर नजरबंद कर दिया।

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बावजूद इसके भाकियू के प्रदेश प्रवक्ता कुलदीप पंवार व जिलाध्यक्ष कपिल खाटियान के नेतृत्व में किसानों ने कलक्ट्रेट में पहुंचकर शांतिपूर्ण धरना शुरू कर दिाय। इसके बाद सैंकड़ों की संख्या में ट्रैक्टर-ट्रालियां लेकर सैंकड़ों किसान कलक्ट्रेट पहुंच गए। रोड पर ट्रैक्टर ही ट्रैक्टर नजर आ रहे थे और किसान कृषि कानून को वापस लेने की नारेबाजी करते हुए चल रहे थे। उधर पुलिस प्रशासन ने कलक्ट्रेट को छावनी में बदल रखा था।

गेट के अंदर जाने को बेरीकेडिंग की गई थी। जैसे ही किसान ट्रैक्टर लेकर कलक्ट्रेट गेट पर पहुंचे तो पुलिस प्रशासन ने उन्हें रोकने का प्रयास किया लेकिन आक्रोषित किसान नहीं रुके और ट्रैक्टर-ट्रालियों को कलक्ट्रेट में घुसा दिया तथा पाकिंग स्थल पर पहुंच गए।

बाकी ट्रैक्टरों को कलक्टेट के बाहर रोड पर ही खड़ा किया गया। इसके बाद किसानों ने धरना दे रहे भाकियू नेताओं को भी अपने साथ आने का न्यौता दिया जिसके बाद भाकियू भी उनके साथ आ गई। यहां वक्ताओं ने कहा दिल्ली में हमारे किसान भाई कृषि कानूनों के विरोध में धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं हमें भी उनके साथ जाना चाहिए। आज हमने कलक्ट्रेट का घेराव कर ताकत दिखा दी है।

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अब दिल्ली में ताकत दिखानी है। वक्ताओं ने कहा कॉरपोरेट घरानों को लाभ पहुंचने के लिए ही कृषि कानून लाए गए हैं। जो कंपनी अपने लाभ के लिए फ्री में सिम देकर आज करोडो उपभोक्ता बनाकर अरबो रुपये कमा सकती है वह हमसे कुछ समय तक अच्छे दामों पर फसल भी खरीद लेंगे और बाद में हमें और हमारी पीढियों को गुलामी की जिंदगी में जकड लिया जाएगा।

हम अगर आज नहीं जागे तो हमारी पीढ़ियां हमें कभी माफ नहीं करेगी। बाद में किसानों ने राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन एसडीएम सदर संदीप कुमार को सौंप दिया। वहीं भाकियू, किसान सेना समेत कई संगठनों ने भी एसडीएम को ज्ञापन सौंपा।

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कलक्ट्रेट में धरना प्रदर्शन में बाबा श्याम सिंह, भाकियू प्रदेश प्रवक्ता कुलदीप पंवार, जिलाध्यक्ष कपिल खाटियान, बाबा संजय सिंह, रविंद बाबा, किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष सवित मलिक, भाकियू भानु के राष्ट्रीय महासचिव अनिल मलिक, ठाकुर शक्ति सिंह, मा. जाहिद, दीपक शर्मा, संजीव राठी, मनव्वर हसन, करमवीर सिंह, भंवर सिंह, मांगेराम, सनसपाल, देवराज पहलवान, सतपाल पहलवान, जबरदीन, अजीत निर्वाल, योगेंद्र पंवार, प्रदीप त्यागी, आमिर अली, सतबीर, राजन जावला, वकील चौहान, यशपाल सिंह, तनवीर राणा आदि मौजूद रहे।

छावनी में तब्दील रहा कलक्ट्रेट

किसानों के कलक्ट्रेट में धरना प्रदर्शन को लेकर पुलिस प्रशासन ने पूरी तैयारियां की थी। मुख्य गेट पर बेरीकेडिंग के साथ ही गेट को बंद किया और कलक्ट्रेट पार्किंग पर लोहे का बैरीयर लगाते हुए फायर ब्रिगेड की गाडी खड़ी की गई थी। सीओ सिटी प्रदीप सिंह ने आदर्श मंडी, कोतवाली और अन्य थानों का पुलिस बल व पीएसी के साथ कलक्ट्रेट को छावनी में बदल दिया था। पुलिस की मंशा थी कि कलक्ट्रेट के मुख्य गेट पर ही किसानों को रोक दिया जाए, लेकिन आक्रोषित किसान ट्रैक्टर-ट्राली लेकर बैरीकेडिंग हटाते हुए अंदर घुस गए थे।

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