Sunday, October 6, 2024
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गेंगस्टर का आरोपी नईम धोबी हुआ बरी

  • 80-90 के दशक में आतंक का पर्याय रहा है नईम धोबी
  • साक्ष्य के अभाव में 31 साल पुराने मुकदमे में किया गया बरी
  • नईम धोबी के खिलाफ दर्ज हुए थे हत्या, डकैती, लूट आदि के मुकदमें

जनवाणी संवाददाता  |

मुजफ्फरनगर: आतंक का पयार्य रहे नईम धोबी को मुजफ्फरनगर की एक अदालत ने साक्ष्य के अभाव में गेंगस्टर के मामले में बरी कर दिया। 1980-90 के दशक में नईमधोबी आतंक का पर्याय रह चुका है और उस पर कुख्यात नफीस कालिया, सलीम तोतला आदि के साथ गैंग बनाकर हत्या, डकैती तथा लूट आदि की घटनाओं को अंजाम देने के आठ मुकदमे दर्ज किए गए थे।

गौरतलब है कि 1991 में शहर कोतवाली के तत्कालीन प्रभारी निरीक्षक राजपाल सिंह ने नईम धोबी पुत्र बशीर निवासी खालापार को गैंगस्टर एक्ट में निरुद्ध करते हुए मुकदमा दर्ज किया था। आरोप था कि नईम धोबी ने कुख्यात नफीस कालिया, सलीम तोतला, बालम, शाहनवाज उर्फ पप्पू के साथ मिलकर एक गैंग बनाया। इसका उद्देश्य जनता को डरा, धमकाकर आर्थिक लाभ अर्जित करना था।

इसके समर्थन में उन्होंने नईम धोबी गैंग द्वारा उस समय तक अंजाम दी गई लूट, हत्या तथा डकैती आदि की करीब छह घटनाओं का हवाला दिया था, जिनमें नई मंडी निवासी सत्यप्रकाश मित्तल से 16 जून 1996 को मिमलाना रोड स्थित उसके फार्म हाउस से चैकीदार से मारपीट कर बलपूर्वक उसका ट्रैक्टर लूटने का प्रयास का मामला, जिसमें सलीम तोतला, नईम धोबी आदि को गिरफ्तार किया गया।

दूसरी घटना में शहर कोतवाली के तत्कालीन प्रभारी निरीक्षक नरोत्तम सिंह ने नईम धोबी गैंग पर पुलिस पार्टी पर जानलेवा हमला करने का मुकदमा दर्ज कराया था, तीसरी घटना में शहर कोतवाली क्षेत्र के सरवट गेट पर 31 दिसंबर 1988 को सुबह आठ बजे अजमल पुत्र इब्राहिम की हत्या का मामला। चैथी घटना में नगर पालिका सभासद रमजान 19 अगस्त 1989 को हत्या करने का मामला।

पांचवी घटना में 31 जनवरी 1990 को थाना सदर बाजार क्षेत्र के शहीद स्मारक भैंसाली में एकत्र होकर एक शराब ठेकेदार को लूटने की योजना बनाने व ठेकेदार को रोजाना बिक्री से मिलने वाले पांच से छह लाख रुपए लूटने की योजना बनाने, मगर पुलिस द्वारा डकैत सलीम तोतला, नईम धोबी, शाहनवाज उर्फ पप्पू, ऐजाज और मेराज निवासी बकरा मार्केट को घटना अंजाम देने से पहले ही गिरफ्तार लिया जाने का मामला।

छठी घटना 11 अप्रैल 1991 को शहर कोतवाली क्षेत्र के मोहल्ला खालापार की गूलर वाली गली में लोगों पर रोब जमाने और आतंक का राज स्थापित करने के लिए गैंग के सदस्य नईम धोबी, सलीम तोतला तथा उसके भाई बालम आदि ने कय्यूम निवासी मल्हुपुरा पर गोलियां बरसाने।

सातवीं घटना 23 जून 1991 को ईद का के दिन मुजफ्फरनगर निवासी शफीक पुत्र मेहरबान पर सलीम तोतला और गैंग के सदस्यों द्वारा ताबड़तोड़ गोलियां बरसाने व हमले के बाद शफी की अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो जाने का मुकदमे का उल्लेख किया गया था।

स्वतंत्र साक्ष्य प्रस्तुत करने में नाकाम रहा अभियोजन पक्ष

1991 में नईम धोबी के खिलाफ दर्ज किये गये गेंगस्टर के मुकदमें की सुनवाई गैंगस्टर एक्ट कोर्ट के जज एडीजे-5 बाबूराम ने की।

अभियोजन पक्ष मुकदमे आरोपित नईम धोबी के विरुद्ध जनता का कोई स्वतंत्र साक्षी प्रस्तुत कराने में नाकाम रहा। ट्रैक्टर लूट के मामले में वादी मुकदमा सत्यप्रकाश मित्तल ने कोर्ट में पेश होकर कहा कि वह 95 वर्ष का है। अब उसे याद नहीं कि उसने ट्रैक्टर लूट का कोई मुकदमा दर्ज कराया था।

वह आरोपित नईम पुत्र बशीर को भी नहीं जानता। इसके बाद कोर्ट ने साक्ष्य के अभाव में चर्चित नईम धोबी को बरी कर दिया

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