जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: ब्रह्मपुरी थानांतर्गत अबरार नगर गली नंबर-12 में रहने वाली एक साल की बच्ची नाले में गिर गई। जिससे उसकी दर्दनाक मौत हो गई। नगर निगम की लापरवाही को देखते हुए स्थानीय लोग सोमवार को कलक्ट्रेट में प्रदर्शन करेंगे।
बताया जाता है कि अबरार नेता वाली में रहने वाले फाजिल की एक साल की बेटी फायजा खेलते-खेलते नाले में गिर गई। जब तक लोग उसे निकालते तब तक उसकी मौत हो चुकी थी।
बच्ची की मौत से परिवार में हड़कंप मच गया और मां का रो-रोकर हाल बेहाल हो गया। दुर्घटना की सूचना मिलते ही काफी संख्या में लोग एकत्र हो गए और नगर निगम के खिलाफ नारेबाजी करने लगे। एकता सेवा समिति के प्रदेश अध्यक्ष अबरार अहमद का कहना है कि नगर निगम की लापरवाही से नाले में गिर कर कई लोगों की मौत हो चुकी है। सोमवार को क्षेत्र के लोग डीएम कार्यालय पर प्रदर्शन कर ज्ञापन देंगे।
नालों को ढकने का प्रस्ताव शासन के ठंडे बस्ते में
नगर निगम के नालों में गिरकर बच्चों की मौत पर कभी हाइकोर्ट की फटकार तो कभी लोगों के गुस्से पर नाला ढकने के प्रस्ताव बनाए गए। गत चार वर्षों में तीन बार प्रस्ताव नगर विकास विभाग को भेजे भी गए। लेकिन लखनऊ में बैठे उच्च अधिकारियों ने हर बार प्रस्तावों को ठंडे बस्ते में डालने का काम किया। किसी ने भी जानलेवा हो चुके खुले नालों को ढकने का बीड़ा उठाया होता तो शायद ये दिन न देखना पड़ता। शहर में कुल 315 छोटे-बड़े नाले हैं। करीब 39 नाले बड़े हैं। करीब 2,49,500 मीटर छोटे-बड़े नालों का जाल है। लेकिन ये सभी नाले खुले हैं।
इनमें भी ओडियन, आबूनाला-एक, आबूनाला-दो, कोटला नाला, मोहनपुरी नाला, बच्चा पार्क नाला, पांडव नगर का नाला, जेलरोड व यूनिवर्सिटी रोड का नाला, शास्त्रीनगर का नाला आदि इतने चौड़े और गहरे हैं। ओडियन, आबूनाला एक व दो समेत बड़े नालों को आबादी वाले क्षेत्रों में ढकने का प्रस्ताव था। बड़े नालों को ढकने में करीब 231 करोड़ रुपये खर्च आने का अनुमान बताया गया था। लिसाड़ी गेट क्षेत्र के खुले नालों में गिरकर पिछले डेढ़ वर्ष में तीन बच्चों की मौत हो गई।
दर्जनों लोग घायल हो चुके हैं। इसके बावजूद नगर निगम आंखें मूंदे बैठा है। क्षेत्रवासी कई बार स्थानीय पार्षद के अलावा नगरायुक्त व महापौर से भी नालों की सफाई के बाद इन्हें ढंकने की मांग कर चुके हैं लेकिन नतीजा सिफर है। अगस्त-2018 में ब्रह्मपुरी की तारापुरी निवासी गुलनाज अपने चार वर्ष के बेटे जैद के साथ लिसाड़ी गेट की रशीदनगर में क्लीनिक पर गई थी। उनका बच्चा खेलता हुआ दुकान के बाहर आ गया और नाले में गिर गया।
25 मीटर दूर से बच्चे को मृत हालत में नाले से निकाला गया था। लिसाड़ी गेट क्षेत्र के मुमताज नगर में करीब डेढ़ साल पूर्व ढाई वर्ष का बच्चा मकान के पास खेलते हुए नाले तक पहुंच गया। बच्चे को नाले से निकाला गया, लेकिन उसकी मौत हो चुकी थी। नवंबर 2016 में तारापुरी की जाटव गली में नाले ने दो साल की मासूम बच्ची की बलि ले ली थी। वह बीमार थी तथा डॉक्टर को दिखाने के लिए ताऊ के साथ आई थी। नेहरू नगर के नाले में 31 जनवरी 2016 को मंदबुद्धि 11 वर्षीय गौरव तथा मोहकमपुर नाले में गिरकर मासूम जॉनी की मौत की घटना को शहर के लोग अभी भूल नहीं पाए हैं।