- नौ माह से ठप पड़ा है पर्यटन उद्योग, कोरोना को लेकर बंदिशें जारी
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: कोरोना के कारण मार्च से पूरे देश में पर्यटन और होटल उद्योग पूरी तरह से ठप पड़ा है। जब कोरोना का असर कम होना शुरु हुआ तो पर्यटन और होटल उद्योग को सांसे मिलनी शुरु हुई थी, लेकिन सरकारों ने फिर से पाबंदियों को लगाना शुरु कर दिया है। इससे एक बार फिर पर्यटन उद्योग पर ग्रहण लगने की संभावना बढ़
गई है।
उत्तराखंड में शासन ने क्रिसमस और नये साल के जश्न पर रोक लगा दी है। हर किसी को मालूम है कि बर्फबारी और भीषण ठंडक में पर्यटक नये साल और क्रिसमस का जश्म मनाने के लिये देहरादून, मसूरी, कोसानी और नैनीताल जाना पसंद करते हैं लेकिन इस बार सरकार ने इस पर पाबंदी लगा दी है।
उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ कांग्रेसी नेता हरीश रावत का कहना है कि उत्तराखंड में पहली बार न क्रिसमस और न ही नये साल का जश्न मनाने दिया जा रहा है। अगर ऐसा हुआ तो पहाड़ के पर्यटन स्थलों पर स्थित होटल व्यवसाय का क्या होगा।
महत्वपूर्ण दिवसों पर पर्यटकों के आने पर अगर प्रतिबंध लगता रहा तो लोग कैसे आएंगे। हजारों लोग बर्फबारी देखने आते हैं, तब भी कोरोना का खतरा होगा तो क्या उस पर भी प्रतिबंध लगा दिया जाएगा। विंटर कार्निवाल पर प्रतिबंध लगाना व्यवसायियों की कमर तोड़ने जैसा साबित होगा।
इसी तरह मेरठ में भी कोरोना के डर से नये साल का जश्न सीमित कर दिया गया है। हालांकि प्रशासन की तरफ से मनाही नहीं है लेकिन सख्ती तो है। देश की वाणिज्यक राजधानी मुंबई में क्रिसमस और नये साल के जश्न को देखते हुए नाइट कर्फ्यू लगा दिया गया है। ऐसे में इन शहरों में पूरे साल से बाट जोहते आ रहे व्यापारियों को फिर से निराशा लगेगी।