- संयुक्त किसान मोर्चा ने किया था पुतलें फूंकने का आह्वान
- जनपद में न किसान संगठन कामयाब हुए न राजनतिक दल
जनवाणी ब्यूरो |
शामली: संयुक्त किसान मोर्चा ने तीन कृषि कानूनों के विरोध और लखीमपुर खीरी कांड को लेकर केन्द्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा टेनी को हटाने की मांग को लेकर शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह तथा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के पुतले फंूकने का ऐलान किया था।
संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर किसान संगठनों की तैयारियां भी पूरी थी लेकिन शनिवार की सुबह ही पुलिस प्रशासन ने किसान संगठन के पदाधिकारियों को उनके घरों में ही नजरबंद कर दिया। इस दौरान भाकियू के नगर अध्यक्ष योगेंद्र पंवार, देवराज पहलवान, गुड्डू बनत तथा शौकिंद्र सिंह को नगर माजरा रोड स्थित भाकियू कार्यालय पर पुलिस ने नजरबंद कर लिया। भाकियू के नगर अध्यक्ष ने भी केन्द्र सरकार पर जमकर प्रहार किए।
उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार कृषि बिलों की आड़ में किसानों को पूंजीपतियों का गुलाम बनाने की साजिश रच रही है जो कभी सफल नहीं होगी। लखीमपुर खीरी में भी भाजपा नेताओं की गाड़ी से कुचलकर कई किसानों की मौत हो गयी थी, इस मामले में केन्द्रीय राज्यमंत्री का इस्तीफा भी नहीं लिया गया।
दूसरी ओर, गांव कुडाना में किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौ़ सवित मलिक को उनके आवास पर पुलिस ने नजरबंद कर दिया। इस दौरान किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौ़ सवित मलिक ने कहा कि सरकार किसानों की आवाज को दबाने का प्रयास कर रही है जो कभी सफल नहीं होगा। किसान हर हाल में तीनों कृषि कानूनों को वापस कराकर दम लेंगे।
पुलिस-प्रशासन की सख्ती के चलते प्रात: से लेकर देर शाम तक किसान संगठन और राजनीतिक दलों के नेताओं की पुतले फूं कने की मंशा पूरी नहीं हो सकी। जिस पर पुलिस प्रशासन ने राहत की सांस ली।
कांधला: हुरमंजपुर में भाकियू किसान सेना के नेता नजरबंद
भाकियू किसान सेना की बैठक क्षेत्र के गांव डांगरौल में राष्ट्रीय संगठन मंत्री सतेन्द्र जावला के आवास पर हुई। बैठक में राष्ट्रीय प्रवक्ता विक्रांत चौधरी ने कहा कि लखीमपुर खीरी में हुए किसानों के नरसंहार मामले में केन्द्रीय गृह मंत्री के पुत्र की नाटकीय ढंग से गिरफ्तारी होने व मंत्री को बर्खास्त किए जाने की मांग को लेकर कांधला बड़ी नहर पर केन्द्र सरकार के पुतला दहन का कार्यक्रम संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर रखा गया था लेकिन नजरबंद होने के कारण कार्यक्रम नहीं हो सका। उन्होंने कहा कि यह सरकार मजदूर व किसान विरोधी सरकार है। वर्तमान सरकार में सबसे ज्यादा उत्पीडित अगर कोई वर्ग है तो किसान और मजदूर है। बैठक के दौरान सब इंस्पेक्टर सुरेंद्र तेवतिया व भभीसा चौकी इंचार्ज मुनेन्द्र सिंह मय फोर्स के सतेन्द्र जावला के घर पहुंचे तथा कार्यकत्ताओं को वहीं नजर बंद कर दिया।
इस अवसर पर अशोक जावला, रामकुमार जावला, संजीव कुमार, सचिन कुमार, अमरीश चौधरी, जयपाल सिंह, सुरेशपाल सिंह, सहेन्द्र, साहब सिंह, आशीष पंवार, राजीव पंवार, संजू, विनोद, छत्रपाल, रामशरण सिंह, नरेन्द्र, भीम सिंह आदि मौजूद रहे।
ऊन नगर अध्यक्ष सुमित किए नजरबंद
भारतीय किसान यूनियन के नगर अध्यक्ष सुमित कुमार को चौकी प्रभारी पविंद्र सिंह ने घर में ही नजर बंद कर दिया तथा सभी कार्यकर्ताओं पर पुलिस ने दिनभर नजर बनाए रखी। पुलिस की शक्ति के कारण कार्यकर्ता पुतला नहीं फूंक सके विरोध प्रदर्शन न होने पर पुलिस व प्रशासन ने राहत की सांस ली।
जलालाबाद में सपा पिछड़ा वर्ग के नेता नजरबंद
समाजवादी पार्टी पिछड़ा वर्ग के पूर्व जिलाध्यक्ष गफ्फार मलक को स्थानीय पुलिस ने प्रात: ही जलालाबाद के मोहल्ला मोहम्मदी गंज स्थित उनके आवास पर नजरबन्द कर दिया। गफ्फार मलक ने बताया कि आज उन्हें पिछड़ा वर्ग के प्रदेश अध्यक्ष डा. राजपाल कश्यप की संविधान बचाओ सामाजिक न्याय यात्रा के सम्मेलन मे भाग लेने के लिए सहारनपुर जाना था लेकिन भाजपा सरकार के इशारे पर स्थानीय पुलिस ने उन्हें सवेरे ही घर में नजरबंद कर दिया है जिसके चलते वह कार्यक्रम में भाग लेने नहीं जा सके। भाजपा आंदोलन करने वाले विपक्षी नेताओं को नजरबंद कर रही है। इससे भाजपा सरकार की बौखलाहट साफ नजर आ रही है।
इस अवसर पर सपा के पिछड़ा वर्ग प्रकोष्ठ के सचिव रविन्द्र प्रधान जोगी, इसरार मलक, अनुज, इजहार आदि मौजूद रहे।