- किसान दिल्ली-सहारनपुर हाइवे पर जाम लगाकर करेंगे दिल्ली में आवागमन बंद
जनवाणी संवाददाता |
खेकड़ा: केंद्र सरकार द्वारा बनाए गए कृषि कानून के विरोध में आंदोलन कर रहे किसानों द्वारा शनिवार को मंडौला गांव में महापंचायत का आयोजन किया जायेगा। शुक्रवार को। किसान संगठनों ने बैठक का पंचायत का निर्णय कर गांव-गांव जाकर किसानों को महापंचायत में पहुंचने का आहवान किया। महापंचायत के बाद किसान दिल्ली- सहारनपुर हाइवे पर जाम लगाकर आवागमन को बंद करेंगे।
गुरुवार को भाकियू, आप सहित अन्य किसान संगठनों ने दिल्ली सहारनपुर हाइवे पर नए कृषि कानून के विरोध में धरना देकर जाम लगाया था। उन्होंने नए कृषि कानून को रद्द करने की मांग की थी। जिसके बाद अधिकारियों के समझाने पर किसान धरना व जाम खत्म कर दिल्ली की तरफ कूच कर गए थे।
जिसके बाद किसानों ने अगली रणनीति बनाने के लिए मंडौला गांव में ही डेरा जमा लिया। शुक्रवार को अन्य प्रदेशों से आए संगठनों वहां बैठक की। बैठक में रिपब्लिक संगठन, अन्नदत्ता किसान यूनियन, किसान यूनियन लोकतांत्रिक, किसान अधिकार आंदोलन, किसान यूनियन, आजाद किसान यूनियन आदि ने मिलकर नए कृषि कानून के विरोध में लड़ाई लड़ने के लिए एक सयुक्त संगठन किसान अधिकार समन्वय मंच बनाया। पूर्ण सिंह को उसका अध्यक्ष बनाया गया।
किसानों ने शनिवार को इसी मंच के माध्यम से किसानों की एक महापंचायत करने का ऐलान किया। उन्होंने कहा कि शनिवार को किसान महापंचायत के बाद दिल्ली बार्डर व सिंधु बार्डर की तरह सील किया जायेगा। उन्होंने कहा कि जब तक नए किसान कानून को रद्द नहीं किया जाता तब तक उनका आंदोलन जारी रहेगा।
उन्होंने कहा कि किसान बदहाल होकर सड़कों पर उतर आया है। अब वह आर-पार की लड़ाई लड़ने को तैयार है। सरकार इस किसान विरोधी कानून को तत्काल ही रद्द कर दे। सरकार के कानून को रद्द करने के बाद ही किसान अपने घरों को वापिस लौटेंगे।
उन्होंने महापंचायत के लिए आस पास के गांव मीरपुर, अल्लीपुर, नवादा, नोरशपुर, सुभानपुर, डूंडाहेड़ा आदि गांवों में जनसपंर्क कर महापंचायत में हिस्सा लेकर आंदोलन को सफल बनाने का आहवान किया। गुरमुख सिंह विर्क, पूर्ण सिंह भारतीय किसान संगठन नरेद्र राणा, महेश कुमार, राकेश चौहान, नीरज त्यागी, आरडी त्यागी आदि मौजूद रहे।
संगठनों के लिए भोजन की व्यवस्था कर रहे किसान
नए कृषि कानून के विरोध में आंदोलन कर रहे किसानों ने आंदोलन जारी रखने के लिए मंडौला गांव में डेरा जमा लिया है। विभिन्न राज्यों से आए किसानों के लिए भेजने की व्यवस्था की जिम्मेदारी आसपास के किसानों ने संभाल रही है। किसानों का कहना है कि जब तक किसान आंदोलन करते रहेंगे। तब तक उनके भेजन की व्यवस्था वही करेंगे।