- डाक्टर दंपति की बेटी का सुबह बेडरूम में मिला शव
- मवाना रोड स्थित पंचवटी कालोनी का है मामला
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: गंगानगर थाना क्षेत्र के मवाना रोड स्थित पंचवटी कॉलोनी के सामने एक नर्सिंग होम में ऊपर की मंजिल पर डॉक्टर की बेटी एमबीबीएस तृतीय वर्ष की छात्रा ने जहरीला पदार्थ खाकर आत्महत्या कर ली। पुलिस ने शव पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। छात्रा की मौत से परिवार में कोहराम मचा हुआ है। छात्रा की मौत से पूरा परिवार सदमे में है। पंचवटी कॉलोनी के सामने डा. एसपी सिंह का अनुदेव नर्सिंग होम है। उनकी पत्नी डा. उषा सिंह भी वहीं प्रैक्टिस करती हैं। उनकी दो बेटियां हैं। बड़ी बेटी अनुष्का सिंह (23) एमबीबीएस तृतीय वर्ष की छात्रा थी।
गुरुवार रात वह कमरे में सोई थी। शुक्रवार सुबह जब वह अपने बेडरूम से बाहर नहीं आयीं तो जगाने के लिए मां उषा सिंह रूम में पहुंची। उनकी चीख निकल गयी। अनुष्का सिंह बेड पर मृत पड़ी थी। आसपास फर्श से बदबू उठ रही थी। वहां उल्टी पड़ी थी। सूचना पर थाना पुलिस पहुंची। मौके की जांच पड़ताल की और फिर शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। पुलिस ने परिजनों से पूछताछ की। इस मामले में पुलिस कई बिंदुओं पर जांच कर रही है। जांच में किसी जहरीला पदार्थ से मौत होना सामने आ रहा है,
क्योंकि उसने कमरे के फर्श पर उल्टी की हुई थी। वहीं, छात्रा के शरीर पर किसी प्रकार की प्रताड़ना के कोई निशान नहीं मिले हैं। इस मामले में अभी किसी प्रकार की लिखित शिकायत पुलिस को नहीं मिली है। एसपी देहात राकेश मिश्रा ने बताया कि जो चीज नोटिस में लायी जा रही है। उन्हें जांच में शामिल किया जाएगा। परिजनों से भी जानकारी ली जा रही है। कॉल डिटेल भी निकलवायी जाएगी। पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया गया।
सुसाइड नोट में लिखा, मैं बहुत हताश हूं…
पिता डा. एसपी सिंह ने बताया कि गुरुवार रात को वह अपने कमरे में सोने चली गईं। खाना भी ठीक से खाया था। उसके हाव-भाव से नहीं लगा कि वह सुसाइड कर सकती हैं। शुक्रवार सुबह जब वह कमरे से बाहर नहीं आई, तब हम लोग उसको जगाने पहुंचे देखा कि अनुष्का बेड पर औंधे मुंह पड़ी थी हमें लगा कि तबीयत खराब होगी। मगर पास जाकर देखा तो सांस थम चुकी थी। वहीं, पूरे मामले की जानकारी पर गंगानगर पुलिस पहुंची थोड़ी देर में फोरेंसिक टीम भी पहुंची। टीम ने जब अनुष्का के सामान की जांच की, तब उन्हें एक सुसाइड नोट मिला।
इसको पुलिस ने सार्वजनिक नहीं किया। मगर जांच कर रहे अधिकारी ने बताया कि छात्रा ने नोट में लिखा है कि वह बहुत हताश हूं, इसलिए ऐसा कदम उठा रही है। उसे ऐसा लग रहा है कि वह डाक्टर बनने के लायक नहीं है। एसपी देहात राकेश मिश्रा ने कहा, छात्रा के परिजनों के बयान दर्ज हुए हैं। सुसाइड नोट भी मिला है वह डिप्रेशन में बताई जा रही है। हम पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार कर रहे हैं, क्योंकि मौत कैसे हुई? यह तभी क्लियर होगा। इसके अतिरिक्त, छात्रों के बयान दर्ज हो रहे हैं। छात्रा से जुड़े सभी लोगों से बात की जा रही है।
बेटियों के नाम पर बनाया अस्पताल
अनुष्का के पिता डा. एसपी सिंह और मां डा. उषा सेना में डॉक्टर रहे हैं। रिटायर होने के बाद दोनों मेरठ के मेडिकल कॉलेज में जॉब करने लगे। बड़ी बेटी अनुष्का और छोटी बेटी देवांजलि की पढ़ाई के चलते उन्होंने दोनों के नाम पर एक छोटा-सा अस्पताल बना लिया।
सुसाइड नोट की चंद लाइनें…
मम्मी-पापा, मैं आपको बहुत प्यार करती हूं। मुझे आपने बहुत से सपने दिखाए, उन्हें पूरा करना था। जिंदगी में बहुत आगे जाना था। लेकिन…मैं कुछ कर नहीं पा रही हूं। मैं डॉक्टर बनने के लिए डिजर्व नहीं करती हूं। मम्मी, पापा और मेरी बहन, आप लोग मेरे इस कदम के लिए मुझे माफ करना। मैं बहुत हताश हूं।
पल्लवपुरम में सिंचाई विभाग के जेई की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत
मोदीपुरम: पल्लवपुरम फेज-वन स्थित सिंचाई विभाग की कालोनी में जेई की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। जेई का खून से लथपथ शव कालोनी के मुख्य गेट के पास फर्श पर पड़ा मिला। पुलिस ने पोस्टमार्टम कराकर शव उनकी पत्नी को सुपुर्द कर दिया। शव का अंतिम संस्कार दिल्ली में श्मशान घाट में किया जाएगा। उत्तराखंड़ में पिथौरागढ़ निवासी करीब 44 वर्षीय मुकेश पुत्र गोविंद सिंचाई विभाग में जेई थे। करीब छह महीने से जेई पल्लवपुरम फेज-वन स्थित सिंचाई विभाग के हिमगिरी फील्ड हास्टल कालोनी के कमरा नंबर पांच में अकेले रह रहे थे।
जेई की पत्नी बबीता दिल्ली में प्राइवेट कंपनी में नौकरी करती हैं, जो अपने दो बच्चों के साथ द्वारकापुरी में रहती हैं। जेई अपने बच्चों से मिलने दो से तीन दिन में जाया करते थे। हिमगिरी फील्ड हॉस्टल कालोनी के केयर टेकर सुंदर लाल मोर्या ने बताया कि जेई 10 दिसंबर की रात को अपनी पत्नी और बच्चों के पास से आए थे। गुरुवार रात को जेई अपने कमरे में सोने चले गए थे। शुक्रवार सुबह करीब साढ़े सात बजे केयर टेकर अखबार देने के लिए अधिकारी के कमरे में जा रहे थे। तब उनकी नजर फर्श पर पड़े शव को देखा। नजदीक से देखा तो जेई खून से लथपथ पड़े हुए थे।
सिंचाई विभाग के अधिकारी और कर्मचारी मौके पर पहुंचे। सूचना पर पल्लवपुरम पुलिस से दारोगा शिवकुमार भी मौके पर पहुंचे और जांच पड़ताल की। पुलिस ने जेई की तलाशी ली तो कमीज की जेब से करीब नौ हजार रुपये, गुटका और अन्य कागजात मिले भी मिले। जिसके बाद जेई की पत्नी को भी सूचना दी गई। पुलिस ने शव मर्चरी पहुंचाया, जिसके बाद पोस्टमार्टम कराकर मृतक की पत्नी को शव सुपुर्द कर दिया। जांच अधिकारी दारोगा शिवकुमार ने बताया कि प्रथम दृष्टया प्रथम तल से गिरकर जेई की मौत हुई है।