Friday, December 1, 2023
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चुनाव लड़ने वाले सदस्य की नहीं होगी संगठन में वापसी : मलिक

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जनवाणी संवाददाता  |

मुजफ्फरनगर: नवगठित ​भारतीय किसान यूनियन के वरिष्ठ नेता गठवाला खाप के चौधरी राजेन्द्र मलिक ने बताया कि पुराने भारतीय किसान यूनियन संगठन के अनेक लोग समय पर चुनाव लड चुके हैं। लेकिन उन्होने निर्णय लिया है कि उनके संगठन का कोई सदस्य यदि चुनाव लडेगा तो उसकी संगठन मे वापसी नही होगी।

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महावीर चौक स्थित एक प्रतिष्ठान पर राजेन्द्र मलिक ने जानकारी देते हुए बताया कि ज्यादातर किसान संगठनो के नेता किसानो की चार-पांच समस्याओ पर ही बात करते है, लेकिन नया किसान संगठन जिला स्तर पर कृषि विभाग किसानो से बातचीत करके फसलो की जानकारी लेकर सरकार को रिर्पोट देगा। पहले हम सरकार से बातचीत करेगें।

यदि बात नही बनी तो फिर आन्दोलन करेंगे। उन्होने अन्य किसान संगठनो पर कटाक्ष करते हुए कहा कि ज्यादातर संगठन चुनाव से तीन माह पहले सक्रिय होकर हो हल्ला मचाते है। बाकी समय मे वे चुप्पी साध लेते है, लेकिन वें ऐसा नही करेंगे।

हम शुरू के साढ़े चार साल आंदोलन करेंगे और आखिर के छह महीने चुप्पी साधेंगे। उन्होंने कहा कि दिल्ली मे पिछले दिनो चलाए गए किसान आन्दोलन के संदर्भ मे अनेक ऐसे कारण रहे जिस कारण कृषि कानूनो की वापसी और किसानो की घर वापसी संभव हुई है। उन्होने संकेत दिया कि अन्य समान विचारधारा वाले संगठनो से उनका दल हाथ मिलाने से गुरेज नही करेगा।

नई भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता धर्मेन्द्र मलिक ने बताया कि नलकूप मीटर लगाने के मामले पर पश्चिमांचल विद्युत कम्पनी के एमडी से शीघ्र वार्ता की जाएगी। उन्होने किसानो से कहा कि छोटे-छोटे चकों पर टयूबवैल लगाने की होड खत्म हो और सरकार से मांग की जाएगी कि हर 500 बीघे का एक चक बनाकर उस पर एक निजी नलकूप के माध्यम से सिंचाई करायी जाए|

और सरकार ओटीएस योजना लागू कर नलकूपों को निशुल्क बिजली प्रदान करे और डीजल पर भी किसानो को अनुदान दिया जाए। उन्होने किसानो से आहवान किया कि देश मे निर्यात की पर्याप्त सम्भावनाएं हैं अत: पढ़े-लिखे किसानों को खेती में आगे आना चाहिए।

धर्मेन्द्र मलिक ने पत्रकारों से कहा कि किसी भी संघर्ष का हल सड़कों पर धरना-प्रदर्शन करने से नहीं निकलता। इसके लिए परस्पर संवाद जरुरी है। इस अवसर पर गुड़ियान खाप के चौधरी सचिन, निर्वाल खाप के चौधरी राजबीर, बेनीवाल खाप के चौधरी अमित, थाम्बेदार खाप के चौधरी भीम सिंह तथा जगवीर सिंह फौजी आदि उपस्थित रहे।

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