- उत्तराखंड में यूसीसी लागू करने की तैयारी को देखते हुए प्रशासन सतर्क
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: उत्तराखंड में यूनिफॉर्म सिविल कोड (यूसीसी) को लागू करने की तैयारियों में आई तेजी को देखते हुए उत्तर प्रदेश में प्रशासन एलर्ट मोड पर आ गया है। सूत्रों के अनुसार दीपावली का पर्व सम्पन्न होने के बाद अब इस बात की उम्मीद है कि उत्तराखंड में जस्टिस रंजना देसाई की देख रेख में बनी एक्सपर्ट कमेटी मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को शीघ्र ही रिपोर्ट सौंप सकती है। इन सब पहलुओं को देखते हुए प्रशासन एलर्ट है।
पता चला है कि मेरठ सहित वेस्ट यूपी के कई शहरों में यूसीसी के विरोध की पठकथा लिखी जा रही है। हालांकि इस पर कोई भी खुलकर बोलने को तैयार नहीं है, लेकिन पता यह चला है कि मेरठ में अल्पसंख्यक बाहुल्य क्षेत्रों में कुछ मुस्लिम संगठन इसके विरोध का खाका तैयार करने में लगे हुए हैं। उत्तराखंड में दीपावली के बाद कभी भी विधान सभा का विशेष सत्र बुलाकर यूसीसी को कानूनन अमलीजामा पहनाने का काम किया जाएगा। यदि ऐसा हुआ तो उत्तराखंड यूसीसी लागू करने वाला देश का पहला राज्य बन जाएगा।
यहां यह भी काबिल ए गौर है कि उक्त समिति ने उत्तराखंड के लगभग ढाई लाख लोगों से बात कर यूसीसी का ड्राफ्ट तैयार किया है। इस मुद्दे पर मेरठ के उलेमाओं ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि यदि यूसीसी लागू किया जाएगा तो इससे न सिर्फ मुस्लिम प्रभावित होंगे बल्कि सभी धर्मों के लोग इस कानून से प्रभावित होंगे। इनका मानना है कि मुस्लिम पर्सनल लॉ से लेकर हिन्दु मैरिज एक्ट तक प्रभावित होंगे।
सबसे ज्यादा मुस्लिम ही कर रहे विरोध
कई मुस्लिम स्कॉलर्स का मानना है कि मुस्लिम इस कानून का इसलिए सबसे ज्यादा विरोध कर रहे हैं कि संविधान के अनुच्छेद 25 में सभी देशवासियों को धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार प्रदान किया गया है। इसलिए इस प्रकार का कानून थोपना संविधान के पूरी तरह खिलाफ है।