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प्रभु का गुणगान करती है मेरी आत्मा…

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प्रभु का गुणगान करती है मेरी आत्मा…
  • आज से होगा दो दिवसीय मेले का आगाज

जनवाणी संवाददाता |

सरधना: ऐतिहासिक चर्च में लगने वाले मेले में श्रद्धालु पहुंचने लगे है। मेले से एक दिन पूर्व शुक्रवार को हरियाणा और पंजाब से करीब बीस हजार से अधिक श्रद्धालु सरधना पहुंच गए। पंजाब के अलावा मेले में जम्मू-कश्मीर और हिमाचल प्रांत से भी श्रद्धालुओं की भीड़ आ रही है। देर रात तक श्रद्धालुओं के आने का सिलसिला जारी रहा। श्रद्धालुओं के लिए चर्च परिसर में विशाल भंडारे व पंडाल लगाए गए हैं। वहीं सुरक्षा की दृष्टि से पुलिस बल तैनात किया गया है। खुफिया विभाग की भी मेला गतिविधि पर पूरी नजर है।

गौरतलब है कि सरधना के ऐतिहासिक चर्च में प्रतिवर्ष विशाल मेले का आयोजन किया जाता है, जिसमें विभिन्न राज्यों से लाखों श्रद्धालु पहुंचते है। मेले में आने वाले श्रद्धालु माता मरियम की चमत्कारी तस्वीर के सामने कैंडल जलाकर मन्नत मांगते हैं। चर्च में विशेष समारोही प्रार्थना का आयोजन भी किया जाता है। शनिवार और रविवार को मेले का आयोजन होगा। मेले की तैयारियां पूरी हो गई है।

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मेले से एक दिन पूर्व शुक्रवार को हरियाणा, पंजाब, कश्मीर आदि राज्यों से करीब बीस हजार से अधिक श्रद्धालु चर्च पहुंचे। मेले में दुकानें और झूले भी सज गए हैं। इसके अलावा बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं के ठहरने की व्यवस्था का पूरा इंतजाम हो गया है। मेले के समापन वाले दिन सबसे अधिक लोग पहुंचेंगे। देर शाम तक लोगों के आने का सिलसिला जारी था।

प्रार्थना में दिया ख्रीस्तीयों की सहायता का संदेश

ऐतिहासिक चर्च में चल रहे कृपाओ की माता का महोत्सव में शुक्रवार को विशेष प्रार्थना का आयोजन किया गया। इस दौरान फादर ने ख्रीस्तीयों की सहायता का संदेश देते हुए इंसान को एक-दूसरे की मदद करने की बात कही। इसके साथ नवीना और मिस्सा बलिदान किया गया। प्रार्थना में काफी संख्या में श्रद्धालु मौजूद रहे। महोत्सव के सातवें दिन शुक्रवार को चर्च में मेरठ से आए फादर ने सर्वप्रथम नवीना कराया। इसके बाद ख्रीस्तीयों की सहायता का संदेश दिया।

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फादर ने कहा कि ईश्वर दूसरों की सहायता करने वालों के करीब होता है। जो लोग दूसरों की खासकर जरूरतमंद लोगों की सहायता करते हैं। ईश्वर उनकी सहायता करता है। इसलिए हमें संसार में रहकर एक-दूसरे की सहायता करनी चाहिए। ऐसा करने वाले मनुष्य से प्रभु प्रसन्न होते हैं। इसके बाद मिस्सा बलिदान किया गया। विशेष प्रार्थना में काफी संख्या में श्रद्धालु शामिल हुए। वहीं विशाल मेले में एक सप्ताह का समय शेष रह गया है। समय को देखते हुए चर्च में महोत्सव की तैयारी युद्ध स्तर पर की जा रही है।