जनवाणी संवाददाता |
बिनौली: तेड़ा के आर्य विद्यालय इंटर कॉलेज में सोमवार को राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तृतीय चरण की कार्यशाला में क्विज प्रतियोगिता का आयोजन हुआ। जिसमें सभी शिक्षकों ने हिस्सा लिया।
कार्यशाला के प्रारंभ में प्रधानचार्य डीपी सिंह ने शिक्षकों को बताया कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 से एक भारत-श्रेष्ठ भारत तो बनेगा ही साथ ही इससे नैतिक मूल्यों का संवर्धन भी होगा।
भारत का प्राचीन गौरव स्थापित होगा। शिक्षकों के सम्मान में वृद्धि होगी क्योंकि अब शिक्षा शिक्षण कक्षो से निकलकर रोजगार तक पहुंचेगी। प्रधानाचार्य डीपी सिंह ने स्पष्ट किया कि अभी तक हम 10+2 पद्धति पर शिक्षण कर रहे थे। अब यह 5 + 3 + 3 + 4 हो जाएगी।
इसमें पहले पांच का तात्पर्य है 3 वर्ष प्री प्राइमरी तथा कक्षा एक एवं दो। प्रथम तीन का तात्पर्य कक्षा 3,4 व 5 हैं। दूसरे 3 का तात्पर्य कक्षा 6,7 एवं 8 है। अंत में अंकित 4 का तात्पर्य कक्षा 9,10,11 एवं 12 है।
प्रधानाचार्य ने बताया कि अब विद्यार्थी किसी भी विषय को चुन सकेंगे अर्थात विज्ञान वर्ग, कला वर्ग अथवा वाणिज्य वर्ग नहीं होंगे। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 स्पष्ट करती है कि अब बी एस सी, बीए, बी कॉम नहीं कहलाए जाएंगी।
जो विद्यार्थी स्नातक के 4 वर्षीय पाठ्यक्रम में से केवल प्रथम वर्ष उत्तीर्ण करेगा उसे स्नातक सर्टिफिकेट, दो वर्ष वाले को स्नातक डिप्लोमा, तीन वर्ष वाले को स्नातक डिग्री तथा 4 वर्ष पूर्ण करके उत्तीर्ण होने वाले को स्नातक शोध की उपाधि प्रदान की जाएगी।
उन्होंने बताया कि स्नातक के 3 वर्ष करने के पश्चात स्नातकोत्तर 2 वर्षीय होगा। जो 4 वर्षीय स्नातक करेगा उसके लिए स्नातकोत्तर 1 वर्ष का होगा।एमफिल को समाप्त किया गया है। स्नातक में प्रवेश लेने एवम बीच में पढ़ाई छोड़कर फिर से छूटी हुई कक्षा में प्रवेश लेने की छूट होगी। अर्थता अब साल खराब नही जाएगा।