Friday, December 1, 2023
HomeUttar Pradesh NewsMeerutट्रैफिक पुलिस की वसूली नहीं दिखती अफसरों को

ट्रैफिक पुलिस की वसूली नहीं दिखती अफसरों को

- Advertisement -
  • शहर के हर चौराहों पर गिद्ध दृष्टि जमाए रहते हैं ट्रैफिक कर्मी
  • ट्रैफिक पुलिस चेकिंग के नाम पर कर रही लोगों का आर्थिक शोषण

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: क्रांतिधरा की जनता आईपीएस प्रभाकर चौधरी के कार्यकाल को अभी भूल नहीं पाई हैं। उनके कार्यकाल में मजाल कोई ट्रैफिक पुलिस कर्मी सड़क पर वसूली करने उतर जाए। उनके नाम की ही दहशत थी पुलिस में, लेकिन वर्तमान में ट्रैफिक पुलिस जो कर रही हैं, वो शायद नहीं तो जनप्रतिनिधियों को दिखाई दे रहा हैं और नहीं अफसरों को। दिखाई देता तो शायद ट्रैफिक पुलिस कर्मी दूसरे राज्य व गैर जनपदों की गाड़ियों को रोककर उत्पीड़न नहीं करते। इससे सरकार की छवि को भी ट्रैफिक पुलिस कर्मी दागदार कर रहे हैं, वहीं क्रांतिधरा की छवि भी बिगड़ रही हैं।

ट्रैफिक पुलिस ने शहर भर में सौ से ज्यादा प्वाइंट बनाये हैं, जहां पर उनकी ड्यूटी लगाई जाती हैं। वहां आॅन रिकॉर्ड तो यातायात व्यवस्था को संभालने के लिए तैनाती दी जाती हैं, मगर मौके पर हो क्या रहा हैं? वो देखने वाली बात हैं। गैर जनपद व गैर राज्य की गाड़ियों को रोक कर किस तरह से उत्पीड़न चलता हैं, ये देखकर भी हर कोई आंखें मूंदे हुए हैं। आखिर ट्रैफिक पुलिस को इतनी छूट किसने दे रखी हैं ? जो ट्रैफिक पुलिस कर रही हैं, उसको रोका क्यों नहीं जा रहा हैं? आखिर इसके लिए जवाबदेही किसकी हैं?

15 20

हाल ही में डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य को भी इसकी शिकायत शहर के लोगों ने लिखित में की हैं। डिप्टी सीएम ने एक पत्र डीएम दीपक मीणा को लिखा है तथा कहा कि मेरठ की ट्रैफिक व्यवस्था में सुधार किया जाए। शहर में जाम से जनता त्रस्त हैं। इसमें सुधार करने के लिए कुछ सामाजिक संस्थाओं ने भी सहयोग करने का दावा किया हैं। अब संस्था और एसपी ट्रैफिक के बीच मीटिंग भी चल रही हैं, लेकिन ट्रैफिक पुलिस जो चौराहे पर कर रही हैं, वो बंद कब होगा? इसको लेकर कोई भी अधिकारी बोलने को तैयार नहीं हैं।

ठीक है चालान भी होने चाहिए, ये व्यवस्था तो आॅन लाइन कर दी गई हैं, फिर आॅफ लाइन चालान करने के नाम पर वसूली क्यों की जा रही हैं? इसके लिए जिम्मेदारों पर क्या कार्रवाई हो पाएगी या फिर इसी तरह से वसूली अभियान चलता रहेगा। महत्वपूर्ण बात ये है कि ट्रैफिक पुलिस तो आईपीएस प्रभाकर चौधरी के समय में भी थी, लेकिन तब चौराहे पर वसूली करते हुए पुलिस कर्मी क्यों नहीं दिखते थे।

16 22

प्रभाकर चौधरी ने कोई निर्देश भी नहीं दिये थे। पुलिस को पता था कि भ्रष्टाचार किया जो जेल जाना पड़ेगा। अब खुली छूट मिल रही हैं, इसी वजह से डर-भय खत्म हो गया हैं। हालांकि एसएसपी रोहित सजवाण ने भी ट्रैफिक पुलिस कर्मियों के कृत्य से जो बदनामी झेलनी पड़ रही हैं, उसको लेकर मीटिंग बुलाई थी। मीटिंग में स्पष्ट भी किया गया था कि ट्रैफिक व्यवस्था संभाले, वसूली बंद करें।

कुछ समय एसएसपी की धमकी का असर दिखा, लेकिन फिर पुराने ढर्रे पर ट्रैफिक पुलिस लौट आयी हैं। टैंक चौराह, मवाना रोड डेरी फार्म, सरधना बाइपास, रोहटा बाइपास, बागपत बाइपास, परतापुर बाइपास, मोहिउद्दीनपुर, हापुड़ रोड चौराहा, बिजली बंबा बाइपास चौराहा, गढ़ रोड आदि ऐसे प्वाइंट चिन्हित ट्रैफिक पुलिस ने किये हैं, जहां पर दिन निकलते ही चेकिंग के नाम पर लोगों का उत्पीड़न आरंभ हो जाता हैं।

- Advertisement -

Recent Comments