Monday, September 25, 2023
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हर दो दिन औसतन तीन ट्रांसफार्मर चोरी !

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  • सालाना रिपोर्ट में 500 से अधिक ट्रांसफार्मर चोरी पर ऊर्जा मंत्री जता चुके नाराजगी
  • समीक्षा बैठक में डीएम ने ऊर्जा निगम से मांगी करीब 16 महीने की रिपोर्ट
  • पुलिस से कठोर कदम उठाने के निर्देश

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: मेरठ और बागपत जिलों में औसतन दो दिन में तीन ट्रांसफार्मरों का सामान चोरी हो जाता है। इस मामले को लेकर ऊर्जा मंत्री समीक्षा बैठक के दौरान नाराजगी जता चके हैं। वहीं डीएम दीपक मीणा भी करीब 16 माह में हुए ट्रांसफार्मर चोरी के मामलों की रिपोर्ट तलब करके पुलिस विभाग को इस दिशा में कठोर कार्रवाई के लिए निर्देशित कर चुके हैं।
चीफ इंजीनियर के अधीन मेरठ महानगर, मेरठ देहात के साथ-साथ बागपत जिला भी आता है।

चीफ इंजीनियर कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार दोनों जनपद में एक वित्तीय वर्ष के दौरान करीब 500 ट्रांसफार्मरों का सामान चोरी हो जाता है। इसमें भी बागपत जिले में चोरी की वारदात अपेक्षाकृत कम होती हैं। जबकि मेरठ के देहात में सरधना और सरूरपुर थाना क्षेत्र ट्रांसफार्मर चोरी के मामले में पहले स्थान पर है। इस बीच ट्रांसफार्मर चोरी के मामलों को एंटी पॉवर थैप्ट थानों में ही दर्ज कराने की व्यवस्था की गई है।

इसमें एक तकनीकी पहलू यह लिया गया है कि पूरा ट्रांसफार्मर चोरी होने की स्थिति में संबंधित थानों में विधिवत रूप से चोरी की मुकदमा दर्ज किया जाएगा। जबकि खोखा छोड़कर ट्रांसफार्मर से तेल और तार आदि चोरी जाने की स्थिति में रिपोर्ट एंटी पॉवर थैम्ट थाने में दर्ज की जाएगी। मेरठ में इसके लिए थाना कंकरखेड़ा में बनाया गया है। बताया गया है कि मेरठ जनपद के संबंध में डीएम को एक रिपोर्ट नोडल कार्यालय से प्रेषित की गई है।

जिसमें अप्रैल 2022 से अगस्त के तीसरे सप्ताह तक ट्रांसफार्मर के उपकरण चोरी होने की 667 घटनाओं का उल्लेख किया गया है। अधिकारियों का यह भी कहना है कि समीक्षा बैठक के दौरान ऊर्जा मंत्री की नाराजगी और डीएम स्तर से तलब की गई रिपोर्ट के बाद पुलिस विभाग के स्तर से कार्रवाई शुरू की गई है। यहां यह भी उल्लेखनीय है कि सपा विधायक अतुल प्रधान भी एक पखवाड़ा पूर्व दिशा की बैठक में ट्रांसफार्मर चोरी की घटनाओं को लेकर मुद्दा उठा चुके हैं। उन्होंने बैठक में इस बात को प्रमुखता से उठाया कि मेरठ जिले में एक साल में ट्रांसफार्मर चोरी की 500 घटनाएं हो चुकी हैं।

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बिजली विभाग के अधिकारियों ने भी अपने स्तर से कराई गई जांच में इसकी पुष्टि की है। ट्रांसफार्मर चोरी की बढ़ती घटनाओं के पीछे अधिकारी यह भी मानते हैं कि नलकूपों पर दिन के समय बिजली आपूर्ति करने की व्यवस्था चली आ रही है। इस कारण रात के समय जंगल क्षेत्र अंधेरे में डूबा रहता है। और चोर भी मुतमइन रहते हैं कि चोरी करने के दौरान उन्हें रात के समय बिजली के झटके लगने की कोई आशंका नहीं है।

त्योहारों के दृष्टिगत जारी की गई एडवाइजरी

आगामी त्योहार शृंखला को देखते हुए अपर मुख्य सचिव महेश कुमार गुप्ता की ओर से एक एडवाइजरी जारी की गई है। जिसमें अगस्त के आखिर और सितंबर माह में आने वाले त्योहार रक्षाबंधन, जन्माष्टमी, चेहल्लुम और बाराह वफात आदि के मद्देनजर प्रदेश के समस्त विद्युत वितरण खंडों में समय रहते एहतियाती कदम उठाने के निर्देश जारी किए गए हैं।

जिला स्तर पर 24 घंटे 7 दिन काम करने वाले कंट्रोल रूम में त्योहारों के अवधि के दौरान सक्षम स्तर के अधिकारियों की ड्यूटी रोस्टर वाइज लगाने को कहा गया है। पत्र में कहा गया कि पिछले दिनों बिजली के खभों, स्ट्रीट लाइट खंभों, डिस्ट्रीब्यूशन ट्रांसफार्मर से करंट लीकेज होने के कारण दुर्घटनाएं संज्ञान में आई हैं। यह दुर्घटनाएं न होने पाएं, इसके लिए स्थानीय नगर निकाय, विकास प्राधिकरण, आवास विकास परिषद आदि के साथ संबंध में करके समुचित व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।

जिन मार्गों से यात्रा गुजरेगी या जिन स्थलों पर विभिन्न आयोजन संपन्न होंगे या झांकिया लगाई जाएंगी, इन सभी मार्गों पर लटके हुए एवं ढीले तारों का निरीक्षण करके उन्हें ठीक कर दिया जाए। ट्रांसफार्मर के चारों ओर सुरक्षा की दृष्टि से आवश्यक गार्ड लगा दी जाए। रात के समय जुलूस मार्ग या सार्वजनिक आयोजन स्थल पर विद्युत आपूर्ति में व्यवधान न हो, इसके लिए समय रहते कदम उठा लिए जाएं। इसी क्रम में ऊर्जा निगम की एमडी चैत्रा वी. की ओर से पश्चिमांचल के सभी 14 जिलों के डीएम और पुलिस अधिकारियों को पत्र लिखकर सहयोग की अपेक्षा की गई है।

मेरठ और बागपत में बिजली आपूर्ति की स्थिति सुधारने के लिए 135 करोड़ रुपये का एक प्रपोजल शासन स्तर पर लंबित है। इस योजना के अंतर्गत क्षमता वृद्धि, नए ट्रांसफार्मर, जर्जर लाइन बदलने, नए फीडर बनाने, 33 हजार की नई लाइन तैयार करने, बिजलीघरों में 5-10 एमवीए के बड़े ट्रांसफार्मर स्थापित करने आदि के कार्य किए जाएंगे। यह कार्य इसी वित्तीय वर्ष में पूर्ण होने की उम्मीद है। इसके अलावा रिवैंप योजना के अंतर्गत बिजली आपूर्ति में आशातीत सुधार किए जाने की योजना भी शीघ्र लागू होने जा रही है। -अनुराग अग्रवाल, चीफ इंजीनियर, मेरठ जोन

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