- एफआईआर क्यों नहीं?, तीन डंपर और एक जेसीबी मशीन सीज
जनवाणी संवाददाता |
कंकरखेड़ा/मेरठ: रोहटा रोड पर स्थित दिलावरा और सिंधावली गांव के जंगल में खनन माफिया रात के अंधेरे में जेसीबी मशीन से अवैध मिट्टी खनन काफी समय से कर रहे हैं। पुलिस ने सिर्फ खानापूर्ति करते हुए मिट्टी खनन करते हुए मौके पर पकड़े गए वाहनों को जब्त करने की कार्रवाई की गई, एफआईआर क्यों नहीं की? यह बड़ा सवाल है। पुलिस की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठ रहे हैं।
ऐसा तब है, जब एसएसपी प्रभाकर चौधरी ईमानदार हैं। पुलिस कर्मी खनन माफियाओं से मिलकर खाकी की छवि को धूमिल करने से नहीं चूक रहे हैं। पुलिस ने चार वाहन पकड़े हैं, उन पर ड्राइवर भी थे। कई खनन माफिया भी वहां मौके पर मौजूद थे। ये लोग शोभापुर पुलिस चौकी पर भी देर रात तक जमे रहे, लेकिन पुलिस ने चारों वाहनों का लावारिस में दाखिला कर दिया, जबकि खनन माफिया के लोग इन वाहनों को दिलावरा के जंगल से खुद चलाकर पुलिस चौकी पर पहुंचे थे।
बाद में पुलिस से सेटिंग-गेटिंग होने के बाद खनन माफिया के लोगों को तो छोड़ दिया, सिर्फ कागजी पेट भरते हुए चारों वाहनों को जब्त दिखाकर खानापूर्ति कर दी। इस तरह से पुलिस का खेल मिट्टी खनन के मामले में चल रहा हैं। खनन माफिया एक नहीं, बल्कि सिंधावली गांव में दर्जन भर लोग इसमें शामिल हैं। कुछ लोग मौके से पकड़े गये, मगर पुलिस ने उन पर मेहरबानी दिखाते हुए उन्हें छोड़ दिया।
मुरलीपुर, सिंधावली, रमेश शर्मा, जब्बार, शहजाद, खालिद समेत दर्जन भर लोग मिट्टी खनन का काम कर रहे हैं। रात होते ही ये लोग डंपर लेकर सड़क पर उतर आते हैं। पूरी रात इनका खनन चलता हैं। इस दौरान रात को जेसीबी मशीन से डंपर भरकर शहरी और देहात क्षेत्र में मिट्टी का अवैध खनन कर भराव किया जा रहा है। गुरुवार रात ग्रामीणों ने उस समय जेसीबी मशीन चालक और डंपर चालकों को घेर लिया। जब सरकारी चकरोड से मिट्टी उठाकर अवैध खनन किया जा रहा था। सूचना पर कंकरखेड़ा पुलिस मौके पर पहुंची और कार्रवाई करते हुए एक जेसीबी मशीन और तीन डंपर सीज कर दिए हैं।
गुरुवार रात के समय रोहटा रोड पर कुछ खनन माफिया दिलावरा और सिंधावली गांव के जंगल में बनी सरकारी चकरोड को काटकर अवैध खनन कर रहे थे। जब इस बात की सूचना ग्रामीणों को लगी तो काफी लोग जंगल में पहुंच गए। ग्रामीणों ने जेसीबी मशीन चालक और डंपर चालक को घेर लिया। ग्रामीणों का कहना था कि रात के अंधेरे में यह अवैध खनन क्यों किया जा रहा है ?
ग्रामीणों ने काफी हंगामा किया और पुलिस को सूचना दे दी। सूचना पर शोभापुर चौकी से पुलिस मौके पर पहुंची। चौकी इंचार्ज वीरेंद्र सिंह ने बताया कि अवैध खनन की सूचना उन्हें मिली थी। पुलिस मौके पर पहुंची और तीन डंपर और एक जेसीबी मशीन को कब्जे में लेकर चौकी पर खड़ा कर लिया है। चारों वाहनों को सीज कर दिया गया है। खनन की कार्रवाई प्रशासनिक अधिकारियों के अंतर्गत आती है। इसलिए पुलिस द्वारा वाहनों पर सीज की कार्रवाई कर दी गई है। खनन की कार्रवाई प्रशासनिक अधिकारियों के स्तर से की जाएगी।
सरकारी सम्पत्ति को नष्ट करने का मुकदमा क्यों नहीं?
सरकारी चकरोड को खुर्द-बुर्द करने का बड़ा मामला हैं। एक तरह से सरकारी चकरोड़ से मिट्टी उठाने के मामले में सरकारी सम्पत्ति को नुकसान पहुंचाने का मुकदमा दर्ज कराया जाना चाहिए, लेकिन इसमें पुलिस भी मौन हैं तथा कार्रवाई करने से बच रही हैं। यही नहीं, प्रशासनिक अफसरों ने तो इसमें कोई कदम ही नहीं उठाया हैं। सरकारी चकरोड को नष्ट करना और फिर मिट्टी चुराकर बेचना बड़ा अपराध हैं।
इसमें प्रशासन की तरफ से भी एफआईआर दर्ज करायी जानी चाहिए। सरकारी चकरोड़ को किसान भी खुर्द-बुर्द नहीं कर सकता। किसान के खिलाफ भी मुकदमा दर्ज हो सकता हैं, लेकिन यहां तो मिट्टी खनन माफिया सीधे प्रशासन को मिट्टी चुराकर ले जा रहे हैं और सीधे चुनौती दे रहे हैं। इसमें प्रशासन और खनन अधिकारी की तरफ से कार्रवाई की जानी चाहिए।