- निगम व पीडब्ल्यूडी विभाग द्वारा घंटाघर के निकट नाले पर बनी अवैध दुकानों को बचाने के प्रयास बढ़ा दी लोगों की परेशानी
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: नगर निगम एवं पीडब्ल्यूडी विभाग की लापरवाही का खमियाजा शहर की जनता को उठाना पड रहा है। घंटाघर के निकट नाले पर बनी अवैध दुकानों को न हटाकर सड़क में नाला खोदाई का कार्य जो शुरू कराया गया। जिसमें जहां एक तरफ लोगों को पेयजल आपुर्ति एवं जाम की समस्या से जूझना पड़ रहा है। वहीं दूसरी तरफ निगम एवं पीडब्ल्यूडी विभाग के अधिकारियों के लिए यह मामला गले की फांस बनता जा रहा है। मंगलवार को टंकी की पाइप लाइन एक बार फिर फट गई। उसे बदलवाने के लिए सड़क में खुदाई का कार्य करा तो मार्ग पर जाम लग गया। उधर, लोग टंकी के पानी को भी तरसे।
घंटाघर के निकट पीडब्ल्यूडी विभाग द्वारा जो नाला निर्माण कराया जा रहा है। वह लोगों के लिए मुसीबत का सबब बन गया है। मंगलवार को जिला अस्पताल से लेकर घंटाघर तक जाम की स्थिति बनी रही। छतरी वाले पीर से होते हुए जिला अस्पताल एवं घंटाघर के सामने से होते हुए यह नाला ओडियन तक बनाया जा रहा है। जिसके निर्माण पर करीब 24 करोड़ से अधिक का बजट खर्च किया जा रहा है, लेकिन घंटाघर के निकट नाले पर बनी अवैध दुकानों को न हटवाकर सड़क के बीच में नाला खुदाई का कार्य जैसे ही शुरू कराया गया तो इस दौरान पानी की टंकी की पाइप लाइन फट गई। जिसको लेकर सड़क पर जलभराव एवं आसपास के क्षेत्र के लोगों के लिए पेयजल आपूर्ति की समस्या बन गई।
जिसमें यह समस्या कम होने की जगह लगातार बढ़ती चली गई। जिसमें टंकी की पाइप लाइन को ठीक करने के दौरान नाले में गलत तरीके से टंकी की लाइन को दूषित पानी के बीच से होकर गुजार दिया गया। जिसका जनवाणी द्वारा प्रमुखता से प्रकाशित किया गया। जिस पर महापौर हरिकांत अहलूवालिया पीडब्ल्यूडी एवं निगम के अधिकारियों के साथ मौके पर पहुंचे और दूषित पानी के बीच से जो पाइप लाइन डाली गई थी, उसे हटवाने को कहा। जिस पर करीब आठ से 10 लाख रुपये के अतिरिक्त खर्च की बात सामने आई। जिसमें दुकानों को बचाने के प्रयास में निगम एवं पीडब्ल्यूडी विभाग के द्वारा आनन-फानन में जो कार्य घंटाघर के निकट कराया जा रहा है।
उसमें लोगों को राहत की जगह उनकी लगातार परेशानी बढ़ती जा रही है। यदि वह दुकान नाले से हटाकर पूर्व के नाले की जगह यह निर्माण कराया जाता तो शायद टंकी की पाइप लाइन के फटने या फिर दूषित पानी से टंकी की पाइप लाइन डालने की जरूरत न पड़ती। फिलहाल सड़क के बीच में नाला खुदाई से वहां पर आए दिन जाम की समस्या बनी रहती है। वहीं, टंकी की पाइप लाइन के फटने से पेयजल आपूर्ति बाधित होने की समस्या भी बनी रहती है। इस मामले में निगम एवं पीडब्ल्यूडी विभाग के अधिकारी अवैध दुकानों को नाले से हटाने के लिए कोई भी प्रयास नहीं करते दिखाई दे रहे हैं। वहीं, जाम एवं पेयजल आपूर्ति की समस्या से लोगों को लगातार जूझना पड़ रहा है।
घंटाघर के व्यापारी जाम और जलभराव से परेशान
घंटाघर के निकट के व्यापारी प्रकाश, सतनाम एवं गिरिश आदि ने बताया कि आए दिन पाइप लाइन के फटने एवं मार्ग पर जाम लगने के कारण उनका कारोबार चौपट हो गया है। जिसमें एक तो नाला निर्माण मानक के अनुसार नहीं कराया जा रहा ओर उसका निर्माण भी बेहद धीमी गति से कराया जा रहा है। जिसके चलते घंटाघर के निकट के व्यापारियों का कारोबार धीरे-धीरे चौपट होता जा रहा है। निगम को चाहिए की एक तो सड़क किनारे से अतिक्रमण हटवाए दूसरे नाला निर्माण का कार्य पीडब्ल्यूडी विभाग से मिलकर जल्द से जल्द कराया जाना चाहिए, ताकि उनका रोजगार चोपट होने से बच सके।