- रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने को तांबे के बर्तनों की बढ़ रही मांग
- बर्तनों की नई रेंज महिलाओं को आ रही पसंद
- खरीदारी को बाजार में पहुंचने लगे लोग
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: दीवाली जैसे-जैसे नजदीक आ रही है वैसे ही बाजार में रौनक बढ़ती जा रही है। वहीं दीवाली से पूर्व धनतेरस के लिए बर्तन बाजार भी सजकर तैयार हो गया है। बेगमपुल, आबूलेन, सदर, सेट्रल मार्किट आदि में बर्तनों की दुकाने सजकर तैयार हो चुकी है।
त्योहार को भूनाने के लिए दुकानदारों ने बाहर से भी नए तरह के उत्पाद मंगाए है ताकि लोगों को खरीदारी करने में आसानी रहे। कोरोना के चलते काफी समय से बाजार में रौनक नहीं दिख रही थी, लेकिन अब दीवाली पर करोड़ों का बाजार होने की उम्मीद की जा रही है।
इस बार पुराने बर्तनों के साथ-साथ नए डिजाइन के बर्तन भी बाजार में देखने के लिए मिल रहे है। जिसमें मिश्रित धातु के बने आकर्षक पैन, टब, प्रैशर कुकर, किचन स्टेंड आदि खास है। रोजमर्रा के समान पर बाजार का अधिक फोकस है।
बेगपुल स्थित बर्तन दुकान के संचालक दीपक अग्रवाल का कहना है कि त्योहार को ध्यान में रखकर नए सामानों को बाजार में उतारा गया है ताकि लोगों को अधिक से अधिक वैरायटी दिखाई जा सकें। वहीं गत वर्षो की भाति इस वर्ष बर्तनों के दामों में 20 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हुई है।
नॉन स्टिक के बर्तनों को अधिक पसंद किया जा रहा हैं, जिनकी कीमत 450 रुपये से शुरु होकर 600 रुपये तक है। वहीं पीतल के बर्तन भी डिमांड में है। पीतल का लोटा 50 रुपये से 300 रुपये तक बिक रहा है। प्रेशर कुकर एक हजार से 2 हजार तक है। डिनर सेट भी लोग लड़कियों की शादी को लेकर खरीद रहे हैं, जिसकी कीमत 1500 सौ से शुरु है।
तांबे के बर्तनों की अधिक मांग
कोरोना काल में लोग सेहत के प्रति जागरुक हुए है। इसका असर बर्तन बाजार पर दिखाई दे रहा है। रोग प्रति रोधक क्षमता बढ़ाने को तांबे के बर्तनों की मांग बढ़ गई है। बर्तन कारोबारियों का कहना है कि इस बार तांबे का तवा और कुकर बाजार में उतारा गया हैं, जो ग्राहकों को काफी पसंद आ रहा है। तांबे का जग, मटका, गिलास, बोतल, कटोरी और थाली भी कम नहीं है।
इसलिए खरीदे जाते है धनतेरस पर पीतल और चांदी के समान
पुराणों के अनुसार समुद्र मंथन के समय भगवान धनवंतरी कार्तिक मास में कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी को धनतेरस के दिन अमृत पात्र के साथ प्रकट हुए थे। भगवान धनवंतरी को भगवान विष्णु का अवतार माना जाता है और उन्हें देवताओं के वैद्य के रुप में भी जाना जाता है।
धनतेरस पर भगवान धनवंतरी की पूजा कर अच्छे स्वास्थ्य की प्रार्थना की जाती है। इसीलिए धनतेरस पर पीतल के बर्तन खरीदने की परंपरा है। धनतेरस पर चांदी के आभूषण खरीदना भी शुभ माना जाता है। चांदी को चंद्रमा का प्रतीक मानते हैं। चांदी कुबेर की धातु है। वहीं इस दिन चांदी व सोने के आभूषण खरीदने से यश और कीर्ति में वृद्धि होती है। यह भी मान्यता है कि धनतेरस के दिन चल या अचल संपत्ति खरीदने से उसमें 13 गुना वृद्धि होती है।