Thursday, May 22, 2025
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17 साल बाद दीवाली पर बन रहा दुर्लभ संयोग, धन संबंधी समस्या होगी दूर

  • पूजन के समय रहेगा चौघड़िया मुर्हूत, गृहस्थी और व्यापारियों को मिलेगा लाभ

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: 14 नवंबर को इस वर्ष दीवाली का पर्व मनाया जाएगा। दीवाली इस वर्ष शनिवार को पड़ रही है और इस दिन जहां 17 साल बाद दीवाली पर सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहा हैं, वहीं 499 साल बाद दुर्लभ संयोग भी बन रहा हैं, जो लोगों की धन संबंधित समस्याओं को खत्म करने का काम करेगा।

वहीं यह दिन तंत्र पूजा के लिए भी बेहद खास होता है। इस दिन गुरु ग्रह अपनी राशि धनु में और शनि अपनी राशि मकर में रहेंगे। शुक्र ग्रह कन्या राशि में नीच का रहेगा। ज्योतिषाचार्य राहुल अग्रवाल के अनुसार करीब 499 वर्ष बाद दीवाली के दिन तीन बड़े ग्रहों का दुर्लभ यह योग बन रहा है।

इससे पहले 1521 में यह योग बना था, जो 499 वर्ष पहले थे। उस वर्ष 9 नवंबर को दीवाली मनाई गई थी। कहा जाता है कि आर्थिक स्थिति को मजबूत करने वाला ग्रह गुरु और शनि है। ऐसे में इस वर्ष दीवाली पर धन संबंधित कार्यो में लोगों को बड़ी उपलब्धि मिल सकती है। क्योंकि यह दोनों ग्रह अपनी राशि में होंगे। दीवाली पर माता लक्ष्मी और गणेश भगवान की पूजा की जाती है।

इस दिन श्री यंत्र की पूजा करना भी लाभकारी होता है। इसबार गुरु धनु राशि में रहेंगे। ऐसे में पूरी रात कच्चे दूध से श्री यंत्र का अभिषेक करना होगा जो कि बेहद शुभ रहेगा।

दीवाली लक्ष्मी पूजन समय

  • लक्ष्मी पूजा मुर्हूत: 14 नवंबर की शाम 5 बजकर 28 मिनट से 7 बजकर 24 मिनट तक शुभ समय पूजन के लिए।
  • सर्वश्रेष्ठ मुर्हूत: 14 नवंबर की शाम 5 बजकर 49 मिनट से 6 बजकर 2 मिनट तक।
  • प्रदोष काल मुर्हूत: 14 नवंबर की शाम 5 बजकर 33 मिनट से रात 8 बजकर 12 मिनट तक।
  • वृषभ काल मुर्हूत: 14 नवंबर की शाम 5 बजकर 28 मिनट से रात 7 बजकर 24 मिनट तक।

लक्ष्मी पूजा चौघड़िया मुहूर्त

  • दोपहर: 14 नवंबर की दोपहर 2 बजकर 17 मिनट से शाम 4 बजकर 7 मिनट तक।
  • शाम: 14 नवंबर की शाम 5 बजकर 28 मिनट से शाम 7 बजकर 7 मिनट तक।
  • रात्रि: 14 नवंबर की रात 8 बजकर 47 मिनट से 1 बजकर 45 मिनट तक।
  • गृहस्थों के लिए लक्ष्मी पूजन: 14 नवंबर की शाम 5 बजकर 49 मिनट से 6 बजकर 2 मिनट तक।

चतुर्थी और अमावस्या तिथि दोनों ही 14 नवंबर को

दीवाली के दिन यानि की 14 नवंबर को चतुर्थी तिथि दोपहर 1 बजकर 16 मिनट तक रहेगी। इसके बाद अमावस्या शुरु हो जाएगी। दीवाली के दिन लक्ष्मी पूजन किया जाता है। यह पूजा संध्याकाल या फिर रात में ही की जाती है। अमवास्या की बात करे तो यह तिथि 15 नवंबर को सुबह 10 बजकर 16 मिनट तक रहेगी।

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