- बिना यूनिफार्म के दिख रहे चालक, मुंह पर नहीं है मास्क, पैरों में जूतों की जगह चप्पल
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: बसों में सफर करने वाले यात्रियों के लिए रोडवेज द्वारा गाइडलाइंस निर्धारित की गई हैं। बिना मास्क या कपड़े से मुंह को कवर किए बिना बसों में यात्री सवारी नहीं कर सकते हैं, लेकिन खुद रोडवेज के चालक और परिचालक ही उनके नियमों को ताक पर रखकर यात्रियों को जोखिम में डाल रहे हैं।
रोडवेज के चालक और परिचालकों विभाग द्वारा पोशाक दी गई हैं, साथ ही कुछ नियम भी निर्धारित किए गए हैं। जिनमें उन्हें जूते भी पहनना आवश्यक है, लेकिन चालक व परिचालक इन नियमों का पालन करते नजर नहीं आ रहे हैं।
कोराना वायरस संक्रमण को देखते हुए रोडवेज द्वारा कुछ गाइडलाइंस निर्धारित की गई हैं। जिसके तहत बसों में यात्रियों के साथ चालक व परिचालक को मुंह पर मास्क लगाना और सैनिटाइजर अनिवार्य हैं।
इसके बिना यात्रियों को बस में सफर करने से रोका जा सकता है। साथ ही बसों में सीटों के मुताबिक ही यात्रियों सवार किए जाना चाहिए। ऐसे में बसों में गाइडलाइंस का पालन कराने की जिम्मेदारी चालक और परिचालक की ही होनी चाहिए, लेकिन जब चालक व परिचालक खुद ही नियमों की धज्ज्यिां उड़ाएंगे तो यात्रियों का सुरक्षा तो भगवान भरोसे ही है।
संक्रमण काल में सिर्फ यात्रियों को ही नहीं बल्कि चालक और परिचालकों को भी मास्क का इस्तेमाल करने की बेहद जरूरत है, लेकिन रोडवेज बस अड्डे पर चालक व परिचालक बिना मास्क पहने नजर आ रहे हैं। ऐसे में खुद गाइडलाइंस का ख्याल न रखने वाले यात्रियों को क्या ही नियम समझाएंगे?
…तो चप्पलों में भी बसों को दौड़ाते हैं चालक
रोडवेज द्वारा अपने चालकों और परिचालकों को पोशाक दी जाती है। जिसके साथ ही सभी को जूते भी दिए जाते हैं। जिससे बस चलाने वाले चालकों को किसी भी तरह की परेशानियों का सामना करना पड़े और यात्रियों का सफर भी पूरी तरह से सुरक्षित रहे, लेकिन चालक परिचालक दोनों ही अधूरी पोशाक के साथ चप्पलों में ही नजर आते हैं। ऐसे में बिना जूतों के भी बसे दौड़ाई जा रही हैं। जिससे यात्रियों का सफर खतरे में भी पड़ सकता है।