- श्मशान पर मेडिकल वेस्ट फेंकने और बाउंड्री वॉल को लेकर जताई आपत्ति
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: सूरजकुंड स्थित श्मशान घाट पर रोजाना कई संक्रमित शवों का अंतिम संस्कार किया जा रहा हैं। वहीं, इन दिनों श्मशान पर अव्यवस्थाएं भी हावी चल रही हैं। ऐसे में यहां के क्षेत्रवासियों ने इसको लेकर आवाज उठाना शुरू कर दिया है। हाल ही में कुछ दिन पहले बाउड्री वॉल उंची कराने की मांग की थी। जिसके बाद मंगलवार को भी मेडिकल वेस्ट खुले में डालने को लेकर हंगामा कर दिया।
सूरजकुंड श्मशान घाट पर रोजाना 50 के करीब शवों का अंतिम संस्कार किया जा रहा है। वहीं, यहां पर इतने अधिक शवों के आने से प्लेटफार्म की संख्या भी कम पड़ने लगी है। जिससे जमीन पर भी अंतिम संस्कार कराए जा रहे हैं। वहीं, इन अंतिम संस्कार का सिलसिला सुबह से शुरू होकर रात तक चलता रहता है। ऐसे में यहां के क्षेत्रवासियों को इससे आपत्ति होने लगी है।
गौरतलब है कि हाल ही में नगर निगम द्वारा नए अस्थाई प्लेटफार्म भी श्मशान में अस्थाई रूप से बनवाए गए हैं। ऐसे में यहां के क्षेत्रवासियों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा हैं जिस वजह से मंगलवार को लोगों ने यहां पर जमकर हंगामा किया। उनका कहना है कि श्मशान से घरों तक चिताओं असर वातावरण में दिखाई देता है।
वहीं, छतों से कई बार रात भर चिताएं जलती नजर आती हैं जिनके उपर टिन शेड तक नहीं हैं। लोगों कहा कि यदि ऐसे ही हालांत यहां बने रहे तो पलायन करने को मजबूर होना पडेगा। इस मौके पर बबलू कश्यप, गौरव, रिषभ, आशीष कश्यप आदि मौजूद रहे।
खुले में ही पड़ी रहती हैं पीपीई किट और ग्लब्स
हिंदुस्तान यूनिटी मिशन के अध्यक्ष सुमित शर्मा क्षेत्रवासियों के साथ मौके पर पहुंचे। उन्होंने कहा कि श्मशान पर रोजाना संक्रमित शवों का भी अंतिम संस्कार किया जाता है। ऐसे में यहां स्वास्थ्य कर्मियों और परिजनों के पीपीई किट और ग्लब्स खुले में ही फेंक दिए जाते हैं।
जिसको कुत्ते आदि जानवर उठाकर बाहर तक ले जाते हैं। ऐसे में संक्रमण फैलने का खतरा क्षे़त्र में बना रहता है। वहीं, इस मौके पर बाहर की ओर अस्थाई रूप से बनाए श्मशान को शिफ्ट करने की भी मांग की गई। कहा कि श्मशान में पीछे की ओर भी काफी जमीन खाली पड़ी हुई है, लेकिन उसको इस्तेमाल में नहीं लिया गया।