Wednesday, September 18, 2024
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सनातन धर्म को स्कूली शिक्षा में शामिल करना चाहिए: सोनल मानसिंह

  • पद्मविभूषण से सम्मानित मशहूर भारतीय शास्त्रीय नर्तक सोनल मानसिंह रामायण कांन्क्लेव में पहुंची

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: चौधरी चरणसिंह विश्वविद्यालय में आयोजित रामायण कांन्क्लेव में पद्म विभूषण से सम्मानित सोनल मानसिंह भी शामिल रही। उन्होंने श्रीराम कथा के कई प्रसंगों को अपने नृत्य व भावों मंच पर प्रस्तुत किया। इस दौरान जब उनसे पूछा गया कि क्या अब वह समय आ गया है कि स्कूली शिक्षा में सनातन धर्म को भी पाठ्यक्रम में शामिल करना चाहिए। इस पर उन्होंने श्रीराम के जीवन पर आधारित प्रसंगो व सनानत धर्म को स्कूली शिक्षा में शामिल होने का समर्थन किया।

सोनल मानसिंह की उम्र लगभग 80 वर्ष है, लेकिन उनमें कला को लेकर जो समर्पण भाव है, वह आज भी पहले जैसा ही है। रामायण कांन्क्लेव में राम कथा का मंचन करने पहुंची सोनल का जन्म मुबंई में 30 अप्रैल 1944 में हुआ था। उन्हें 1992 में भारत सरकार द्वारा कला के क्षेत्र पद्मविभूषण व पद्मभूषण के अलावा और भी बड़े पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है। वह भारतीय शास्त्रीय नर्तक व भरतनाट्यम और ओडिसी नृत्य में एक गुरू के समान है।

उन्होंने चार साल की उम्र में मणिपुरी नृत्य नागपुर में अपनी बड़ी बहन के साथ सीखना शुरू किया था। इसके बाद सात साल की उम्र में उन्होंने पांडानल्लुर में अलग-अलग गुरूओं से भरतनाट्यम सीखा। सोनल मानसिंह ने बुधवार को चौधरी चरणसिंह विश्वविद्यालय में रामायण कांन्क्लेव के दौरान श्रीराम कथा का विभिन्न नृत्यों द्वारा मंचन किया। वह रामकथा व सनातन धर्म को आज के माहौल के मुताबिक स्कूली शिक्षा में शामिल करने के पक्ष में है।

आस्कर गणेश नटराज का प्रतीक

हाल ही में अमेरिका के लांसएंजलिस में आयोजित फिल्म-फेयर समारोह में देश को दो आॅस्कर पुरस्कार मिले है जो बड़े गर्व की बात है। हालांकि पहले भी भारतीय फिल्मों को आॅस्कर पुरस्कार मिल चुका है लेकिन एक साथ दो पुरस्कार बड़ी बात है। यह पुरस्कार तेलगु फिल्म आरआरआर के गाने नाटू-नाटू व शॉर्ट डोक्यूमेंट्री द एलिफेंट व्हिस्पर्स के लिए मिलें है।

सोनल मानसिंह ने दोनों आॅस्कर पुरस्कारों को लेकर कहा यह गणेश-नटराज का प्रतीक है। उन्होंने कहा जिस नाटू-नाटू गानें के लिए पहला आॅस्कर मिला है वह नटराज का प्रतीक है। नाटू का अर्थ नटराज से है जबकि दूसरा पुरस्कार द एलिफेंट व्हिस्पर्स के लिए मिला है, एलिफेंट यानी भगवान गणेश का प्रतीक। इसलिए दोनों आॅस्कर्स पुरस्कारों को गणेश-नटराज के प्रतीक के रूप में देखा जाना चाहिए।

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