Wednesday, April 17, 2024
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जनपद के 21 ब्लैक स्पॉट चिह्नित, सुरक्षा के प्रबंध हो

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  • जिला स्तरीय सड़क सुरक्षा समिति की बैठक में लिये गये कई महत्वपूर्ण निर्णय
  • प्रदूषण प्रमाण पत्र न होने पर 10 हजार की पेनाल्टी

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: जिला स्तरीय सड़क सुरक्षा समिति की विकास भवन सभागार में अध्यक्षता करते हुये अपर जिलाधिकारी वित्त सुभाष चन्द्र प्रजापति ने कहा कि शहर के प्रमुख चौराहों, बस अड्डों व टोल प्लाजा आदि स्थानों पर यातायात नियमों के प्रति आमजन को आॅडियो क्लिप के माध्यम से जागरूक करने के लिए कहा। उन्होंने जनपद के 21 ब्लैक स्पॉटों पर आवश्यक कार्रवाई करने के लिए एनएचएआई व लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों को निर्देशित किया।

जिला स्तरीय सड़क सुरक्षा समिति की अध्यक्षता करते हुये अपर जिलाधिकारी वित्त ने कहा कि हिट एंड रन दुर्घटना के मामलों में लागू सोलेशियम स्कीम के अंतर्गत पीड़ितों को आर्थिक सहायता राशि नियमानुसार उपलब्ध करायी जाये। परिवहन सुरक्षा समिति की बैठकें आयोजित करने के लिए कहा।

जनपद में कुल 539 विद्यालयों में से 458 में उक्त समिति गठित हो चुकी है शेष पर कार्रवाई जारी है। पुलिस अधीक्षक जितेन्द्र श्रीवास्तव ने बताया कि आमजन यातायात नियमों का पालन करें व वाहन के सभी दस्तावेज आवश्यक रूप से बनवाये। वाहन के लिए प्रदूषण प्रमाण पत्र न होने पर 10 हजार की पेनाल्टी का प्रावधान है।

सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी (एआरटीओ) प्रवर्तन दिनेश चन्द्र ने बैठक का संचालन करते हुये बताया कि वर्ष 2020 में गत वर्ष की तुलना में सड़क दुर्घटनाओं तथा घायलों व मृतकों की संख्या में काफी कमी आयी है। कि सड़क दुर्घटना में घायल व्यक्तियों को स्वैच्छिक मदद प्रदान करने वाले गुड सेमेरिटन को चिन्हित कर दो हजार की पुरस्कार राशि से पुरस्कृत किया जायेगा।

जनपद में 21 ब्लैक स्पॉट है, जिसमें घाट मोड़, परतापुर तिराहा, खड़ौली चैराहा, दायमपुर कट, डाबका कट, मटौर कट, सकौती तिराहा, रूहासा कट, वालिदपुर कट, सुभारती कालेज के पास, मवाना खुर्द बाइपास बहसूमा, झुनझुनी मोड़, नौगजा पीर, बिजौली रोड व शौल्दा रोड सहित कुल 15 ब्लैक स्पॉट राष्ट्रीय राजमार्गों पर तथा रिठानी पीर, भूड़बराल, गेझा मोड़, मोहिउद्दीनपुर शुगर मिल, मवाना खुर्द बहसूमा बाईपास एवं जई पुलिया सहित कुल छह मार्गों पर स्थित है।

चौराहों पर सिग्नल लाइट, नहीं होता नियमों का पालन

शहर भर में ट्रैफिक की समस्या देखने को मिलती है। विभिन्न चौराहे पर ट्रैफिक पुलिस एवं ट्रैफिक सिग्नल लाइट की व्यवस्था की गई है। ट्रैफिक को सही रूप संचालन किया जा सके, लेकिन उसके बावजूद शहर भर में ट्रैफिक जाम लगा रहता है। व्यवस्था में कोई सुधार देखने को नहीं मिलता।

दरअसल, कहने को तो शहर भर में विभिन्न चौराहों पर सिग्नल लाइट का लगायी गयी है, लेकिन चौराहे पर ट्रैफिक पुलिस द्वारा ट्रैफिक का संचालन न किया जाए तो कोई भी सिग्नल का पालन नहीं करता। यहां तक कि रेड सिग्नल होने के पश्चात भी लोग गाड़ियों को निकालते रहते हैं। रेड सिग्नल होने के बावजूद अगर कोई व्यक्ति पैदल चौराहे को पार करना चाहे तो उसके लिए एक बड़ी चुनौती होती है।

चाहे उस साइड के सभी वाहनों की गतिविधि को रेड सिग्नल होने के वजह से रोक दिया गया। उसके बावजूद कोई पालन नहीं करते अच्छे कई बार दुर्घटना भी हो जाती हैं। बता दें कि ट्रैफिक व्यवस्था को सुधारने के लिए शासन एवं जिला प्रशासन द्वारा भरपूर प्रयास किए जा रहे हैं। जिससे शहर को जाम से मुक्त कराया जा सके।

इसके लिए शहर भर में ट्रैफिक पुलिस को बाइक, गाड़ियां एवं अन्य प्रकार के साधन उपलब्ध कराए गए हैं। ताकि कहीं पर भी जाम की परिस्थिति बने तो उसे निपटारा किया जा सके, लेकिन वास्तविक सच्चाई यह है कि भूमिया पुल, बेगम पुल, हापुड़ अड्डे आदि अन्य स्थानों पर जाम समस्या जस की तस बनी हुई है।

वहीं, दूसरी ओर गांधी आश्रम चौराहे पर तो सिग्नल सिर्फ नाम के लिए वहां पर उसका कोई पालन नहीं होता। ऐसे में में सवाल उठता है कि जब ट्रैफिक नियमों को तोड़ने वाले लोगों पर जुर्माना लगाया जाता है, उसके बावजूद सुधार क्यों नहीं होता।

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