- बच्चों के वजन की फीडिंग में जनपद राज्य में छठे स्थान पर आदर्श आंगनबाड़ी केंद्रों के निर्माण में तेजी, मूल्यांकन के आधार पर तय होगी श्रेणी
जनवाणी संवाददाता |
सहारनपुर: सम्भव अभियान सक्षम आंगनबाड़ी, पोषण 2.0 कार्यक्रम को गतिमान किया जा रहा है। बच्चों के वजन की फीडिंग, आदर्श आंगनबाड़ी केंद्रों का निर्माण भी तेजी हो रहा है। इस बाबत जिलाधिकारी की अध्यक्षता में जिला पोषण समिति तथा जिला कन्वर्जेंस समिति की बैठक हुई, जिसमें इन कार्यक्रमों की समीक्षा की गई।
जिला कार्यक्रम अधिकारी आशा त्रिपाठी ने बताया कि जिला पोषण समिति के मुख्य बिंदु एजेंडे के अनुसार थे। उन्होंने बताया कि इसमें मुख्य एजेंडा आदर्श आंगनबाड़ी केंद्रों का भी करना और उसमें मूलभूत सुविधाओं का संचरण कराना रहा। बैठक की प्रेजेंटेशन जिला कार्यक्रम अधिकारी आशा त्रिपाठी ने दी। उन्होंने बताया कि बच्चों के वजन वृद्धि मापन की फीडिंग की जा रही है। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता इसमें पूरा सहयोग कर रही हैं। वह मोबाइल के माध्यम से पोषण ट्रैकर ऐप पर फीडिंग कर रही हैं। बच्चों के वजन की फीडिंग में सहारनपुर जनपद पूरे राज्य में छठे स्थान पर है।
जिला कार्यक्रम अधिकारी ने बैठक में बताया कि आदर्श आंगनबाड़ी केंद्र का निर्माण सितंबर माह तक पूर्ण किया जाना है। इसके मूलयांकन के लिए100 अंक विभिन्न सुविधाओं के लिए उस केंद्र को दिए जाएंगे । 80 से कम अंक प्राप्त करने वाले केंद्र की संतोषजनक स्थिति रहेगी। 80 से ज्यादा अंक प्राप्त करने पर केंद्र आदर्श आंगनबाड़ी केंद्र की श्रेणी में आएगा। जनपद में 26 जिला स्तरीय अधिकारियों द्वारा 78 आंगनबाड़ी केंद्र गोद लिए गए हैं।
यही नहीं, जनप्रतिनिधियों द्वारा 21 आंगनबाड़ी केंद्र गोद लिए गए हैं। सभी केंद्रों को शासन के निदेर्शों के क्रम में सितंबर माह में आदर्श आंगनबाड़ी केंद्र में परिवर्तित किया जाना है, जिसमें विद्युतीकरण, पेयजल, शौचालय,समूह आधारित गतिविधियां, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता की दक्षता इत्यादि पर नंबर दिए जाने हैं। इस आधार पर आंगनबाड़ी केंद्र आदर्श आंगनबाड़ी केंद्र की स्थिति में आएगा। जिला कार्यक्रम अधिकारी नेबताया जियो टैगिंग में जनपद की स्थिति 97 परसेंट है।
मुख्य विकास अधिकारी विजय कुमार ने पूरक पोषाहार की समीक्षा की तो उसमें बताया गया कि आईजीआरएस पोर्टल पर किस प्रकार की शिकायतें ज्यादा आ रही हैं। जिलाधिकारी द्वारा निर्देशित किया गया कि समस्त शिकायतों का गुणवत्ता परक निस्तारण किया जाए ताकि दोबारा वह शिकायत न आने पाए। पोषाहार विलंब से आ रहा है, उसके बारे में प्रचार प्रसार किया जाए तथा लाभार्थियों को यह बताया जाए कि किस कारण से पोषाहार प्राप्त होने में देरी हुई है। किसी भी शिकायत का गुणवत्ता परक निस्तारण होगा तो लाभार्थी प्राय: शिकायत नहीं करेगा। जिला कार्यक्रम अधिकारी द्वारा बताया गया कि इस माह की 20 तारीख तक बालक-बालिका स्पर्धा कार्यक्रम की मॉनिटरिंग की जाएगी। सभी स्वस्थ बच्चों की फीडिंग पोषण ट्रैकर एप पर की जाएगी।।
इसमें एनजीओ ,स्थानीय क्लब तथा एसोसिएशन की मदद ली जा सकती है। सभी बच्चों का वजन किया जाना है और निर्धारित थीम के अनुसार साप्ताहिक कार्यों का क्रियान्वयन किया जाना है। जिलाधिकारी अखिलेश सिंह ने कहा कि कुपोषित बच्चों को कुपोषण से दूर लाने में क्रियाशील भूमिका निभाए । पोषाहार का वितरण नियमानुसार और पारदर्शी तरीके से किया जाए। इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही नहीं हो।