- लाइफ स्टाइल बिगाड़ रही दिल की सेहत, बच्चों व युवाओं में दिल की बीमारी से विशेषज्ञ भी हैरान
- दो दशकों में 50 फीसदी बढेÞ हैं दिल के रोगी, युवाओं में बढ़ रहा हार्ट रिस्क
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: हृदय रोग, जीवन शैली पर आधारित रोग है, इसलिए इसके कई रिस्क फैक्टर हैं, जैसे-कोलेस्ट्रॉल का बढ़ना, हाई ब्लड प्रेशर, अनियंत्रित ब्लड शुगर लेवल, डायबिटीज, मसालेदार भोजन का अधिक सेवन, तंबाकू का सेवन या धूम्रपान करना आदि प्रमुख हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि युवाओं में फ्राइड और फास्ट फूड के प्रति आकर्षण बहुत तेजी से बढ़ा है। इसके कई रिस्क फैक्टर हैं, जैसे-कोलेस्ट्रॉल का बढ़ना, हाई ब्लड प्रेशर, अनियंत्रित ब्लड शुगर लेवल, डायबिटीज, मसालेदार भोजन का अधिक सेवन, तंबाकू का सेवन या धूम्रपान करना आदि प्रमुख हैं।
बच्चों में भी बढ़ रही हृदय संबंधी समस्याएं
बीते कुछ सालों में बच्चों में भी कोलेस्ट्रॉल लेवल तेजी से बढ़ा है। बच्चे आजकल घर में बना पौष्टिक खाना खाने के बजाय तले हुए खाद्य पदार्थ या जंक फूड खाना पसंद करते हैं। इसके अलावा बच्चे फिजिकल एक्टिविटी के बजाय घर में ही अपना ज्यादा समय सोशल मीडिया या आॅनलाइन गेम्स खेलने में बिताते हैं। बच्चे कोई भी फिजिकल एक्टिविटी नहीं करते हैं और रोज ही बाहर का खाना खाएंगे तो जल्द हार्ट संबंधी बीमारी के शिकार हो सकते हैं।
जीवन शैली की खामियां यानि दिल का रोग
हृदय रोग, दरअसल जीवन शैली में आने वाली खामियों के कारण होने वाला एक रोग है। अनियमित खानपान, अनिद्रा, तनाव और ज्यादातर समय मोबाइल पर बिताना आदि सभी हमारी खराब जीवनशैली का हिस्सा बन गए हैं. अपनी लाइफस्टाइल में बदलाव करके ही हम दिल की बीमारियों से खुद को बचा सकते हैं। जीवन शैली में बदलाव के लिए आप ये महत्वपूर्ण कदम उठा सकते हैं।
हार्ट अटैक के पहले ही मिलते हैं संकेत
हर व्यक्ति में हार्ट अटैक आने से पहले अलग-अलग लक्षण दिखाई दे सकते हैं। आमतौर पर अधिकांश लोगों में हार्ट अटैक आने के कुछ दिनों या कुछ घंटों पहले सीने में दर्द, जकड़न, कंधों में दर्द, शरीर में बहुत अधिक थकान, सोने में घबराहट महसूस करना, दिल की धड़कन का तेज होना और थोड़ा सा पैदल चलने पर सांस फूलने की समस्या होने लगती है। रात में सोते समय लगातार खर्राटे लेना या पर्याप्त नींद नहीं ले पाना भी हार्ट अटैक के खतरे को और भी बढ़ा देता है।
इस कारण से आता है हार्ट अटैक, रहिए सतर्क
युवाओं में हार्ट अटैक का मुख्य कारण हमारे शरीर की खून की नलियों में ब्लॉकेज होना है। हार्ट अटैक के जोखिम से बचने के लिए शरीर में कोलेस्ट्रॉल पर काबू रखना सबसे जरूरी है। शरीर में यदि कोलेस्ट्रॉल ज्यादा होता है तो ब्लॉकेज होने की आशंका भी बढ़ जाती है।
इसके अलावा यदि शरीर में डायबिटीज नियंत्रण में ना हो तो यह दिल को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचा सकती है। क्योंकि डायबिटीज होने पर ब्लड शुगर लेवल घटता और बढ़ता रहता है और यह कंट्रोल नहीं होने पर यह हार्ट अटैक का मुख्य कारण बन सकता है।
बच्चों में दिल की समस्या क्यों
कुछ शिशुओं में उनके व्यक्तिगत जीन या गुणसूत्रों में परिवर्तन के कारण हृदय संबंधी दोष होते हैं। ऐसा माना जाता है कि सीएचडी जीन और अन्य कारकों के संयोजन के कारण होता है, जैसे कि पर्यावरण में मौजूद चीजें, मां का आहार, मां की स्वास्थ्य स्थितियां या गर्भावस्था के दौरान मां की दवा का उपयोग।
हाई ब्लड प्रेशर वालों को ज्यादा खतरा
ऐसे युवाओं में हाई ब्लड प्रेशर भी हार्ट अटैक का एक मुख्य संकेत माना जाता है। रक्तचाप लगातार ज्यादा रहता है तो दिल को काम करने के लिए बहुत ज्यादा मेहनत करना पड़ती है। ऐसे में दिल की मांसपेशियों पर दबाव पड़ने से दिल का दौरा पड़ सकता है। जो युवा लेट नाइट या फिर नाइट डयूटी करते हैं, उनको सावधान रहना चाहिए।
रोज 40 मिनट करें कार्डियो एक्सरसाइज
अनियमित जीवनशैली होने पर शरीर कई तरह के विकार से ग्रस्त हो जाता है। रोज करीब 45 मिनट ब्रिस्क वॉक करने से हार्ट में ब्लॉकेज होने का खतरा कम हो जाता है। कार्डियो एक्सरसाइज के लिए साइकिल चलाना, स्विमिंग करना या रस्सी कूदने जैसी फिजिकल एक्टिविटी भी कर सकते हैं। अब तक हुए कई शोधों में पता चला है कि रोज करीब 30 से 40 मिनट पैदल चलने से दिल संबंधी बीमारियों का जोखिम कम किया जा सकता है।
किस उम्र में हो सकती है दिल की समस्या
अधिकांश दिल के दौरे के शिकार मध्यम आयु वर्ग या अधिक उम्र के होते हैं, सच्चाई यह है कि दिल की बीमारी किसी भी उम्र के किसी भी व्यक्ति को प्रभावित कर सकता है, यहां तक कि उन लोगों को भी जो व्यायाम करते हैं और सभी सही खाद्य पदार्थ खाते हैं।
बचपन की कौन से बीमारी से जवानी में दिल का रोग
आमवाती हृदय रोग, आमवाती बुखार की सबसे गंभीर जटिलता है, जो स्ट्रेप गले के लिए जिम्मेदार बैक्टीरिया के कारण होने वाली बीमारी है। आपके बच्चे की प्रतिरक्षा प्रणाली स्ट्रेप संक्रमण से लड़ने के लिए एंटीबॉडी का उत्पादन कर सकती है, लेकिन कुछ मामलों में, ये एंटीबॉडी हृदय वाल्व को नुकसान पहुंचा सकते हैं, जिससे आमवाती हृदय रोग हो सकता है।
रहेगा दिल जवां, ये चीज खाएं हमेशा
ब्रोकली, गाजर, और पत्तीदार सब्जियां हृदय के स्वास्थ्य के लिए अच्छी होती हैं। डेयरी उत्पाद कैल्सियम, प्रोटीन और विटामिन से भरपूर डेयरी उत्पाद कार्डियोवैस्कुलर बीमारियों को रोकने में मदद कर सकते हैं। कम फैट वाले या फैट-फ्री डेयरी उत्पाद ज्यादा फैट वाले विकल्पों से ज्यादा स्वस्थ होते हैं।
इनसे करें परहेज
फुल फैट क्रीम, दूध, दही, घी, इन सारी चीजों को खाने से बचें। अगर आपकी लाइफस्टाइल में फिजिकल वर्क कम शामिल है तो इन्हें खाने से सेहत को नुकसान होता है और हार्ट डिसीज होने का खतरा रहता है। अगर आपकी एज 40 के पार है तो एग यॉक को खाने से बचें। इसमे कोलेस्ट्रॉल का लेवल काफी हाई होता है।
नहीं ठीक हो सकते हैं दिल के ये मरीज
कोरोनरी हृदय रोग को ठीक नहीं किया जा सकता है, लेकिन उपचार लक्षणों को प्रबंधित करने और दिल के दौरे जैसी समस्याओं की संभावना को कम करने में मदद कर सकता है।
जिम्मेदार हम खुद
मेदांता हॉस्पिटल के सीनियर कार्डियोलॉजिस्ट डा. संजय मित्तल का कहना है कि युवाओं मेें दिल की बीमारी के लिए वो खुद जिम्मेदार हैं। नशा, जंक फूड, मशीनों पर निर्भारता और एक्सरसाइज से दूरी इसकी एक मात्र वजह है।
दैनिक दिनचर्चा सबसे कारण
सीनियर कार्डियालॉजिस्ट डा. अमित युवाओं में दिल की बीमारी का बड़ा कारण उनकी दैनिक दिन चर्चा को मानते हैं। उनका कहना है कि जब से बीस साल पहले युवाओं में यह बीमारी नहीं होती थी। लेकिन अब दिन चर्चा के नाम पर काफी चीजें खराब हो चुकी हैं।