- बारिश की कमी में ड्रिप सिंचाई बन सकती है बेहतर विकल्प
- गन्ना की अच्छी पैदावार के साथ खरपतवार में होती है 50 प्रतिशत की कमी
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: अब तक लगाए गए अनुमान के अनुसार इस बार मानसून ने खूब छल किया है और सामान्य के मुकाबले 47 प्रतिशत ही बारिश हो पाई है। इसको देखते हुए जनपद में 2249 हेक्टेयर भूमि को ड्रिप सिंचाई योजना से सिंचित करने का लक्ष्य रखा गया है। जिला उद्यान अधिकारी के अनुसार इस योजना में शामिल होने वाले किसानों को 80 से 90 प्रतिशत तक सब्सिडी मिलती है।
वहीं, जिला गन्ना अधिकारी के साथ हुई बैठक में इस योजना के अंतर्गत गन्ना किसानों को भी शामिल करने की योजना बनाई गई है। जिसको देखते हुए गन्ना विभाग ने इसके लिए किसानों से संपर्क करते हुए योजना के बारे में जानकारी देने का अभियान चलाया गया है।
जिसमें अवगत कराया गया है कि कृषि के लिए पानी की घटती हुई उपलब्धता को देखते हुए पानी का सदुपयोग अत्यन्त ही आवश्यक है। पानी की कमी वाले क्षेत्रों में गन्ने की अच्छी पैदावार लेने के लिए ड्रिप सिंचाई पद्धति का उपयोग अत्यन्त आवश्यक है।
जिला उद्यान अधिकारी गमपाल सिंह ने अवगत कराया कि एकीकृत बागबानी विकास मिशन योजना के तहत लीची, आम, स्ट्रोबेरी, करौंदा, जैक फ्रूट, शाक भाजी क्षेत्र विस्तार, पुष्प क्षेत्र विस्तार, मसाला क्षेत्र विस्तार, पुराने बागों का जीर्णोद्धार, जैविक खेती की योजना लघु और सीमांत किसानों के लिए लागू होगी। जिसमें उपकरणों पर लघु किसानों को 90 और सीमांत किसानों को 80 प्रतिशत सब्सिडी दिए जाने का प्रावधान रखा गया है।
इसमें गन्ने के साथ-साथ विभिन्न फसलें और सब्जी की बुवाई की जा सकती है। इसके साथ प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई ह्यपर ड्राप मोर क्रापह्ण योजना भी लागू की गई है। जिसमेें ड्रिप इरीगेशन, मिनी स्प्रिंकलर, पोर्टेबल स्प्रिंकलर, रेनगन स्प्रिंकलर में अनुदान की राशि कम या ज्यादा की गई है। इसके लिए आनलाइन पंजीकरण कराना होगा, जिसमें भूमि की खतौनी, आधार कार्ड, बैंक पासबुक का खाताधारक के विवरण वाला पन्ना और दो फोटो की आवश्यकता होगी।
उपरोक्त संदर्भ में जिला गन्ना अधिकारी डा. दुष्यंत कुमार ने बताया कि गन्ना किसान ड्रिप सिंचाई प्रणाली को अपनाकर 40 प्रतिशत से अधिक क्षेत्रफल में सिंचाई कर सकते हैं और 40 से 60 प्रतिशत तक गन्ने की अधिक उपज प्राप्त कर सकते हैं। किसान ड्रिप सिंचाई से जल में घुलनशील खाद/रसायन इत्यादि के प्रयोग करने से पौधे उसका भरपूर उपयोग करते हैं और किसान गन्ने की सिंचाई से 40 प्रतिशत तक पानी की बचत कर सकते हैं।
उन्होंने कहा कि परिक्षेत्र-मेरठ के अंतर्गत पर ड्राप मोर क्राप योजना से बर्ष 2021-22 में 0.78 हेक्टेयर गन्ना क्षेत्रफल आच्छादित है। ड्रिप सिंचाई के प्रयोग से गन्ने के खेतों में खरपतवार में कमी आती है और इस पद्धति से सिंचाई करने से ऊर्जा, बिजली व पानी की खपत एवं लागत में कमी आती है।