- सरधना के सभी नाले करा दिए गए कवर्ड, तहसील रोड का नाला पड़ा है खुला
- पालिका अपने आगे स्लेब डलवाकर हुई बेपरवाह मार्ग की हालत भी खराब
जनवाणी संवाददाता |
सरधना: सरधना का वीआईपी मार्ग माना जाने वाला तहसील रोड नगर पालिका की उपेक्षा का शिकार हो रहा है। पालिका द्वारा इस मार्ग व यहां के लोगों के साथ सौतेला व्यवहार किया जा रहा है। पालिका ने नगर के सभी नालों को कवर्ड करा दिया, लेकिन आज तक इस मार्ग पर बने नाले को स्लेब नसीब नहीं हुए हैं।
नगर पालिका ने अपने परिसर के आगे नाला ढकवाकर आंखे बंद कर ली। बाकी लोगों को मुसीबत भरने के लिए छोड़ दिया है। अब इस नाले में किसी का बच्चा डूबकर मरे तो मरे, पालिका को इससे कोई मतलब नहीं है। बात यहां खत्म नहीं होती है। इस मार्ग की हालत भी ठीक नहीं है। चंद मीटर के इस मार्ग पर दर्जनों गड्ढे बने हुए हैं। मगर पालिका प्रशासन को इस बात से कोई मतलब नहीं है। पालिका प्रशासन की मनमानी का दंड इस रोड पर रहने वाले लोग भुगत रहे हैं।
सरधना का तहसील रोड इस लिए वीआईपी रोड कहा जाता है, क्योंकि अधिकांश सरकारी दफ्तर इसी मार्ग पर हैं। कोतवाली से लेकर सीएचसी, तहसील, सिविल कोर्ड, पशु अस्पताल, नगर पालिका आदि सभी इस मार्ग पर हैं। मगर वर्तमान में यह मार्ग नगर पालिका के सौतेले व्यवहार का शिकार है। कहने को पालिका प्रशासन नगर में खूब विकास कार्य कराने का ढोल बजा रहा है, लेकिन इस मार्ग पर एक र्इंट लगाने को तैयार नहीं है।
पालिका ने नगर के अधिकांश नालों को कवर्ड करा दिया है। जहां आबादी भी नहीं है, वहां तक नाले कवर्ड हो गए हैं। मगर तहसील रोड पर बने नाले को ढकवाने के लिए तैयार नहीं है। कुछ समय पहले नगर पालिका ने अपने परिसर के आगे नाले पर स्लेब डलवाए और फिर काम बंद करा दिया। मतलब पालिका से आगे और पीछे पूरा नाला खुला पड़ा है। अब इस नाले में चाहे किसी का बच्चा डूबकर मरे या पशु फंस, पालिका को इस बात से कोई मतलब नहीं है।
मुख्य चौराहे से नगर पालिका तक चंद मीटर की दूरी है। इस छोटे से सड़क के टुकड़े का हालत भी ठीक नहीं है। दर्जनभर से अधिक स्थानों पर गड्ढे बने हुए हैं। सड़क बनवाने के बजाए एक-दो बार पेंचवर्क कराके पल्ला झाड़ लिया गया। पालिका प्रशासन की मनमानी का खामियाजा इस मार्ग पर बसे लोग भुगत रहे हैं। इस संबंध में ईओ शशि प्रभा चौधरी से संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन संपर्क नहीं हो सका।
पालिका ने अपने आगे डलवा लिए स्लेब
कुछ महीने पहले नगर पालिका द्वारा अपने परिसर के बाहर नाले पर स्लेब डलवाए गए। सौंदर्यीकरण के लिए उन पर बड़े गमले भी करवाए गए। तब लोगों को उम्मीद जगी कि शायद इस नारकीय नाले से उन्हें भी निजात मिलेगी। मगर पालिका प्रशासन अपना मेकअप करके बैठ गया। पालिका से आगे व पीछे पूरा नाला खुला हुआ है। खुले नाले में कई बार बच्चे और पशु गिर चुके हैं। गनीमत यह है कि हर बार समय रहते उन्हें निकाल लिया गया।
रोड की हालत भी ठीक नहीं
तहसील रोड की हालत भी ठीक नहीं है। पिछले कार्यकाल में नगर पालिका द्वारा इस मार्ग को प्रेसिंग से बनवाया गया था। उसमें भी खानापूर्ति कर दी गई थी। जिसका नतीजा यह हुआ कि कुछ महीने बाद ही सड़क क्षतिग्रस्त होने लगी थी। वर्तमान में मार्ग पर दर्जनभर से अधिक जगह पर गड्ढे हो गए है। नगर पालिका के ठीक सामने बड़ा गड्ढा सड़क पर बना हुआ है। मगर पालिका इस ओर कोई ध्यान नहीं है।
पुलिया निर्माण के चलते हाइवे पर लगा भीषण जाम
गुरुवार को दबथुवा गांव में पुलिया का निर्माण कार्य चलने के कारण मेरठ-करनाल हाइवे पर दिनभर भीषण जाम लगा रहा। हाइवे पर वाहनों की लंबी कतार लग गई। जाम में फंसे राहगीरों को गर्मी में बुरा हाल हो गया। जाम खुलवाने व व्यवस्था बनवाने में पुलिस को भी खूब पसीना बहाना पड़ा। मगर पूरे दिन राहगीरों को परेशानी से दो-चार होना पड़ा। रात तक जाम की समस्या बनी रही।
मेरठ-करनाल हाइवे पर लंबे समय से निर्माण कार्य चल रहा है। फिलहाल दबथुवा गांव में पुलिया का निर्माण किया जा रहा है। सड़क खोदकर उसमें पाइप दाबने का काम चल रहा है। रविवार को पूरे दिन निर्माण कार्य जारी रहा। इस कारण हाइवे को वन-वे कर दिया गया था। हाइवे पर अधिक ट्रैफिक होने के कारण एक मार्ग पर भीषण जाम की समस्या बन गई।
मार्ग पर दूर तक वाहनों की लंबी कतार लग गई। पूरे दिन हाइवे पर वाहनों के पहिए रैंगते हुए नजर आए। जाम में फंसे राहगीरों का गर्मी में बुरा हाल हो गया। व्यवस्था बनाने में पुलिस ने भी खूब पसीना बहाया। मगर कोई फायदा नहीं हुआ। रात तक हाइवे पर लोग जाम की भीषण समस्या से जूझते रहे।