- सुबह से लेकर देर रात तक यातायात व्यवस्था बनाने में जूझती रही पुलिस
- शहर के हर मार्ग और चौराहे पर लगा रहा जाम
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: देवोत्थान पर रविवार को जिलेभर में शहनाई गूंजी। शहर के सभी मंडप व धर्मशाला फुल रही। ऐसे में बाजारों में भी दिनभर भीड़ लगी रही। शहर में बारातों के आवागमन को लेकर सुबह से देर रात तक शहर की सड़कों पर जाम की स्थिति बनीं रही।
देवोत्थान पर शहर में करीब एक हजार शादियां हुई। जिस कारण शहर के सभी विवाह मंडप, धर्मशाला फुल रहे तो वहीं गली-मोहल्लों में भी टेंट लगाकर शादियां की गई। विवाह मंडपों व धर्मशालाओं में शादियों को लेकर शहर की सड़कों पर बैंड बाजों की धुनों पर लोग थिरकते नजर आए।
जिस कारण कई स्थानों पर जाम की स्थिति बनी रही। शहर के गढ़ रोड, दिल्ली रोड और एनएच-58 पर सबसे ज्यादा स्थिति खराब रही। इन मार्गों पर जाम की स्थिति बिगड़ने से शहर का यातायात पूरी तरह पटरी से उतर गया था। जिस कारण पुलिसकर्मियों को यातायात व्यवस्था बनाने में काफी मशक्कत करनी पड़ी।
शहर के हर चौराहे पर रेंगते रहे वाहन
शादी का सीजन शुरू होते ही पहले दिन शहर की यातायात व्यवस्था पूरी तरह पटरी से उतर गई थी। शहर के सभी चौराहों के हालात ऐसे थे कि पैदल चलना भी मुश्किल हो रहा था। हालांकि ट्रैफिक पुलिस यातायात व्यवस्था बनाने पूरी तरह व्यस्त रही, लेकिन वाहनों के ज्यादा आवागमन के कारण पुलिस को ज्यादा मशक्कत करनी पड़ी।
कमिश्नरी आवास चौराहा, जीरो माइल चौराहा, हापुड़ अड्डा चौराहा, तेजगढ़ी चौराहा व मेट्रो प्लाजा समेत अन्य चौराहों पर जाम के कारण देर रात वाहन रेंगते रहे।
एनएच-58 समेत बिजली बंबा मार्ग पर भी देर रात तक रहा जाम
शहर की यातायात व्यवस्था को दुरुस्त रखने वाली ट्रैफिक पुलिस के दावे शादियां शुरू होने के पहले दिन ही फेल हो गए। शादियों के पहले दिन जहां शहर के सभी मंडप फुल थे और गली-मोहल्लों में भी शहनाई गूंज रही थी। वहीं, जाम ने लोगों का पसीना निकाल दिया।
मंडपों के बाहर बारात चढ़त से जहां एक रोड ब्लॉक रहा तो वहीं, दूसरी सड़क के वन-वे होने के कारण जाम की स्थिति बनी रही। यह सिलसिला सुबह से लेकर देर रात तक चलता रहा। हालात ऐसे थे कि एनएच-58 से लेकर बिजली बंबा रोड पर भी देर रात के वाहन रेंगते हुए दिखाई दिए।
देवोत्थान: सड़कों पर रही बैंडबाजा और बरात की धूम
मेरठ: देवोत्थान एकादशी पर जहां शहर के सभी मंडप फुल रहे। वहीं, सड़कों पर बैंडबाजा और बरात की भी खूब धूम रही। वहीं, कोरोना के बाद शादियों से मैरिज इंडस्ट्रीज को भी कारोबार मिला। इस दौरान शहर के सभी बैंड, घोड़ी और बग्गी वाले बुक रहे। देवोत्थान से सहालग की शुरुआत हो गई है।
अब 14 दिसंबर तक जमकर शादियों होगी। वहीं, सड़कों व गली-मोहल्लों में बरात निकलने की वजह से जाम की स्थिति भी रही। शाम सात बजे से ही फिजाओं में बैंडबाजों की आवाज गूंजने लगी थी। बैंडबाजा बजने का क्रम आधी रात तक जारी रहा। लोग आज मेरे यार की शादी है, नागिन डांस और भांगडे आदि पर थिरकते नजर आए।
हिंदू समाज में देवोत्थान एकादशी से मांगलिक कार्यों की चार माह बाद शुरुआत होती है। रविवार को आखिर वह घड़ी आ गई। जिसका इंतजार काफी समय से वर और वधू को था। ज्योतिचार्य राहुल अग्रवाल के अनुसार अब 15 दिसंबर से खरमास शुरू होने पर मकर संक्राति तक मांगलिक कार्य नहीं होंगे।
आज शहर में थी एक हजार से अधिक शादियां
कोरोना के बाद इस साल मंडप संचालकों को शादियों के सीजन ने काफी राहत दी है। आज देवोत्थान के दिन से शादियों का सीजन शुरू हो गया है। जोकि आने वाले दिसंबर माह के अंत तक चलेगा। पहले ही दिन रविवार को शहर में मंडपों में दिन और रात में मिलाकर एक हजार से अधिक शादियां हुर्इं, जिसे लेकिर मंडप संचालक भी दिन भा शादियों की तैयारियों में जुटे रहे।
देवोत्थान के दिन रविवार को शहर में एक हजार से अधिक शादियां हुर्इं। जिससे ठप पड़े मंडप संचालकों के व्यापार को भी संजीवनी मिली। कोरोना काल की बात करें तो पिछले दो सालों में मंडपों में न के बराबर शादियां हो रही थी। पिछले साल तो मंडपों पर मानों ताला ही पड़ गया था, लेकिन इस साल मंडपों के साथ-साथ, बैंडबाजे वालों, बग्गी, फूल और डेकोरेटर्स को भी खूब काम मिला है। रविवार को पहले दिन शहर में जगह-जगह शहनाई बजी। शादियों में नाचते लोगों को देखकर ऐसा लग रहा था मानों यहां कभी कोरोना आया ही न हो।
एक सप्ताह पहले शुरू हो गई थी तैयारी
मेरठ मंडप एसोसिएशन के महामंत्री विपुल सिंघल ने बताया कि शहर में रविवार को मंडपों में एक हजार के आस पास शादियां हुर्इं। दिन और रात दोनों समय के लिये अधिकांश मंडपों में शादियां थी। उन्होंने बताया पिछले कुछ सालों से कोरोना के कारण हालात खराब थे, लेकिन इस सीजन ने सारी कमियों को पूरा कर दिया है।
मंडपों में काम वापस लौटने लगा है साथ ही मंडपों में काम करने वाले अन्य सहयोगी जैसे बैंडवाले, बग्गी वाले, टेंट वाले, क्रोकरी, हलवाई समेत सभी को इन दो माह में भरपूर रोजगार मिला है। कई जगहों पर तो बाहर से भी कारीगर बुलाये जा रहे हैं।
खूब हुआ कपड़ों का भी कारोबार
शादियों के इस सीजन में पहले ही दिन की बात करें तो कपड़ों