- सीसीएसयू के हिंंदी विभाग में वेब गोष्ठी का आयोजन
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय परिसर में संचालित हिंदी विभाग में गुरुवार को मातृभाषा हिंदी तथा नई शिक्षा नीति विषय पर गोष्ठी एवं निबंध लेखन प्रतियोगिता, आशुभाषण प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के द्वितीय सत्र में मातृभाषा हिंदी तथा नई शिक्षा नीति विषय पर गोष्ठी आयोजित की गई। गोष्ठी का संचालन जूम ऐप एवं फेसबुक पर भी किया गया।
गोष्ठी में स्वागत भिषण में प्रो. नवीन चन्द्र लोहनी ने कहा कि हमारा विश्वविद्यालय मातृभाषा में शिक्षण कार्य को प्रोत्साहित करने के लिए अग्रसर है। नई शिक्षा नीति के क्रम में हम भविष्य में अपनी मातृभाषा मे शिक्षा प्राप्त करें और अन्य भाषाओं में शिक्षा प्राप्त करने की मजबूरी हमारी नहीं रहेगी। उन्होंने कहा कि इस संगोष्ठी से क्षेत्रीय भाषाओं और बोलियों के प्रचार प्रसार और महत्व बढेगा। इतना हीं नहीं राष्ट्रीय स्तर पर, प्रदेशीय स्तर पर और विश्वविद्यालिय स्तर पर नई शिक्षा नीति के सन्दर्भ में प्रयास हो रहे हैं।
यह संगोष्ठी उन प्रयासों को आगे बढाने और विद्वानों तक पहुंचाने का प्रयास है। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रो. विनोद मिश्र, महासचिव, अंतरराष्ट्रीय हिंदी सचिवालय, मॉरीशस ने कहा कि भारत मातृ भाषाओं का देश है। मातृ भाषा राष्ट्रीय भाषा से आगे विश्व भाषा बनती है। हिंदी दुनिया की प्रथम पांच समृद्ध भाषाओं में से एक है। भारत के नीति नियंताओं की प्राथमिकता हिंदी होनी चाहिए।
जनता और सत्ता भाषा का अन्तर समाप्त होनी चाहिए। भाषा नीतियों से लेकर हमें मैकाले की नीतियों का केवल आलोचक नहीं बनना है बल्कि ऐसी नीतियां बनाने की जरूरत है जो जमीनी स्तर पर काम करें। इसी क्रम में प्रतिकुलपति प्रो. वाई विमला ने कहा कि हमारे देश में अनेक मातृभाषाएं हैं। क्षेत्रीय बोलियों को भी हम मातृभाषा के रूप में समझते हैं। मातृभाषा माता के समान होती है।
कार्यक्रम के तीसरे सत्र में आशुभाषण प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। साथ ही निबंध प्रतियोगिता और आशुभाषण प्रतियोगिता के विजेताओं को पुरस्कार वितरित किए गया। सत्रों का संचालन डा. विद्यासागर सिंह, डा. अंजू, डा. आरती राणा तथा डा. यज्ञेश कुमार ने किया। कार्यक्रम डा. कविश्री, विनय, पूजा, अरूण, कीर्ति चौधरी, विशाल चौधरी, लक्ष्य राठी, प्रियंका कुशवाहा, शाहवेज, इल्मा, भावित धवलिया, रेशमा जहां आदि उपस्थिति रहे।