Tuesday, February 11, 2025
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क्षमाशील ही श्रेष्ठ

Amritvani


एक राजा ने कई खूंखार जंगली कुत्ते पाल रखे थे। जिनका इस्तेमाल वह अक्सर लोगों को, उनकी गलतियों पर मौत की सजा देने के लिए करता था। एक बार राजा के एक पुराने मंत्री से कोई गलती हो गई। क्रोधित होकर राजा ने उसे शिकारी कुत्तों के सम्मुख फिंकवाने का आदेश दे डाला। राजा ने मंत्री से उसकी आखिरी इच्छा पूछी। राजन! मैंने आज्ञाकारी सेवक के रूप में आपकी 10 सालों से सेवा की है…मैं सजा पाने से पहले आपसे 10 दिनों की मोहलत चाहता हूं। राजा ने उसकी बात मान ली। दस दिन बाद राजा के सैनिक मंत्री को पकड़ कर लाएं और खूंखार कुत्तों के सामने फेंक दिया। परंतु यह क्या कुत्ते मंत्री पर टूट पड़ने की बजाए अपनी पूंछ हिला-हिला कर प्यार से उसके पैर चाटने लगते हैं। राजा आश्चर्य से यह सब देख रहा था उसने मन ही मन सोचा कि आखिर ये खूंखार कुत्ते इस तरह क्यों व्यवहार कर रहे हैं? आखिरकार राजा से रहा नहीं गया उसने मंत्री से पुछा, ये क्या हो रहा है? ये कुत्ते तुम्हारे साथ खेल क्यों रहे हैं? राजन! मैंने आपसे जो 10 दिनों की मोहलत ली थी, उसका एक-एक क्षण मैंने इन बेजुबानों की सेवा करने में लगा दिया। मैं रोज इन कुत्तों को नहलाता, खाना खिलाता व हर तरह से उनका ध्यान रखता। ये कुत्ते खूंखार और जंगली होकर भी मेरे दस दिन की सेवा नहीं भुला पा रहे हैं, परंतु खेद है कि आप प्रजा के पालक हो कर भी मेरी 10 वर्षों की स्वामीभक्ति भूल गए और मेरी एक छोटी सी त्रुटि पर इतनी बड़ी सजा सुना दी! राजा को अपनी भूल का एहसास हो चुका था। उसने तत्काल मंत्री को आजाद करने का हुक्म दिया और आगे से ऐसी गलती न करने की सौगंध ली। व्यक्ति को क्षमाशील होना चाहिए। किसी की हजार अच्छाइयों को उसकी एक त्रुटि के सामने छोटा न होने दें। क्योंकि वो एक त्रुटि भूलवश भी हो सकती है।


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