- एसडीएम सदर ने कार्रवाई करने दिया आश्वासन
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: पुलिस कार्यप्रणाली से आहत एक युवती ने शुक्रवार को खरखौदा थाना क्षेत्र के फंफूड़ा गांव में आत्मदाह की धमकी दी थी। धमकी भरा पत्र राष्ट्रपति से लेकर जिले के आला अफसरों को भी भेजा गया था। धमकी भरे पत्र के बाद जुआ-सट्टा बंद कराने की बजाय खरखौदा इंस्पेक्टर ने दो कास्टेबल युवती के घर के गेट पर सुबह से ही तैनात कर दिये।
युवती को उसके घर में ही पुलिस ने ‘नजर बंद’ कर लिया। युवती ने घर से बाहर जाने का प्रयास किया तो उसे पुलिस कर्मियों ने नहीं जाने दिया। पुलिस के कड़े पहरे को देखते हुए युवती ने अपने ही घर के भीतर मिट्टी का तेल उड़ेलकर आत्मदाह की कोशिश की।
युवती के इस कदम के बाद हड़कंप मच गया। पुलिस कर्मियों के भी होश उड़ गए। पुलिस कर्मियों ने किसी तरह से आग बुझाकर युवती को पीएचसी में भर्ती कराया तथा युवती के द्वारा किये गए आत्मदाह के प्रयास की सूचना इंस्पेक्टर व आला अफसरों को दी।
इस पूरे घटनाक्रम के बाद एसडीएम सदर व सीओ किठौर मौके पर पहुंचे तथा पीड़िता से बातचीत की। आग में झूलसी युवती ने एसडीएम व सीओ को बताया कि गांव के तालाब पर अवैध कब्जे लोगों ने कर रखे हैं, जिनकों हटाया जाए। यही नहीं, गांव में चल रहे जुआ-सट्टा तथा अवैध शराब की आपूर्ति बंद कराई जाए। एसएसपी प्रभाकर चौधरी बेहद सख्त है, इसलिए पूरे मामले पर पुलिस ने लीपापोती करने की कोशिश की।
क्योंकि युवती के आत्मदाह करने के प्रयास की घटना से पुलिस की खासी किरकिरी हो गई है। तालाब पर अवैध कब्जे के सरोकार की जंग महिला लड़ रही हैं, जो काम तालाबों से अवैध कब्जे हटाने का प्रशासन को पहले ही करना चाहिए था, अब प्रशासन कब्जे हटाने का आश्वासन दे रहा है।
आग में झूलसी महिला की हालत गंभीर हैं। आग से उसका एक हाथ बुरी तरह से झुलस गया। फफूंड़ा निवासी पूनम शर्मा पुत्री देवेन्द्र शर्मा ने गांव में जुआ सट्टा व अवैध शराब बिक्री बंद कराने व गांव के तालाबों की भूमि पर अवैध कब्जे होने की शिकायत प्रशासन से की थी।
कार्रवाई न होने पर राष्ट्रपति व प्रधानमंत्री कार्यालय पर पत्राचार कर शुक्रवार को आत्मदाह करने की धमकी दी थी। आत्मदाह की धमकी के चलते उसके आवास के बाहर पुलिस तैनात कर दी थी। शुक्रवार दोपहर तक कोई कार्रवाई न होने पर पूनम शर्मा ने अपने घर का दरवाजा बंद कर अपने बाएं हाथ कपड़ा लपेट कर उस पर मिट्टी का तेल डालकर आग लगा ली।
आग की लपटे उठते ही चीख निकल गई। चीख सुनकर मकान के बाहर तैनात पुलिस ने दरवाजा खुलवाने का प्रयास किया। दरवाजा न खुलने पर किसी तरह दरवाजा तोड़ अंदर पहुंच आग बुझाई और आलाधिकारियों को घटना की जानकारी दी। सूचना पर एसडीएम सदर संदीप भागिया, सीओ किठौर ब्रिजेश सिंह मौके पर पहुंचे और शीघ्र कार्रवाई का आश्वासन दिया। महिला को मेडिकल के लिए सीएचसी भेजा।
वहीं, एसडीएम सदर ने बताया कि तालाब की जमीन पर अतिक्रमण करने वालों के खिलाफ एडीएम प्रशासन कार्यालय से कार्रवाई शुरू कर दी गई है और शीघ्र कब्जा मुक्त कराया जायेगा। वहीं, सीओ किठौर ब्रिजेश सिंह ने शराब की अवैध बिक्री बंद कराने के साथ जुआ सट्टा भी बंद कराने का आश्वासन दिया।
आधी आबादी के हिस्से में दर्द बेशुमार
आधी आबादी के हिस्से में दर्द ही दर्द है। खरखौदा की यह पहली घटना नहीं हैं, बल्कि एक सप्ताह पहले परीक्षितगढ़ थाने में एक पीड़ित किशोरी ने पहुंचकर जहरीला पदार्थ खाकर जान दे दी थी। किशोरी की तो जिंदगी खत्म हो गई, लेकिन दारोगा को सिर्फ निलंबित किया गया। इस मामले में कार्रवाई नहीं होने का जिम्मेदार दारोगा ही नहीं, थाने के इंस्पेक्टर भी है।
इसके बावजूद मामले को जांच के नाम पर ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है। आखिर पुलिस की कार्यप्रणाली के खिलाफ महिलाएं जान तक दे रही हैं, लेकिन इसके बाद भी पुलिस सबक नहीं ले रही है। ऐसा तब हो रहा है जब जनपद के पुलिस कप्तान प्रभाकर चौधरी बेहद ईमानदार अधिकारी है।
एसएसपी को थानेदार स्पोर्ट नहीं कर रहे हैं, जिसके चलते इस तरह की बार-बार घटनाएं सामने आ रही है। पल्लवपुरम में भी छेड़छाड़ से त्रस्त एक छात्रा ने अपने घर में पहुंचकर आत्महत्या कर ली थी। इसमें भी पुलिस आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं कर रही थी, जिसके चलते छात्रा ने आत्महत्या कर जान दे दी।
इस तरह की घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए पुलिस को कार्यप्रणाली में बदलाव करना होगा। त्वरित गति से पीड़ित को न्याय दिलाने के लिए कदम उठाने होंगे।