जनवाणी ब्यूरो |
लखनऊ: अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा की डबल इंजन सरकार की गलत नीतियों ने किसानों को बर्बादी की कगार पर पहुंचा दिया है। किसान चौतरफा संकट के दौर से गुजर रहा है। भाजपा सरकार पिछले 6 वर्षों से किसानों को झूठा दिलासा देते रही है। किसानों को खाद नहीं मिल रही है। पूरे प्रदेश में खाद की कालाबाजारी हो रही है। गेहूं और अन्य फसलों की बुआई के समय पहले डीएपी नहीं मिली और अब यूरिया नहीं मिल रही है। इस ठंड में खाद के लिए किसानों को लाईन लगानी पड़ रही है।
यादव ने कहा कि वर्ष 2022 बीत गया लेकिन किसानों की आय दोगुनी नहीं हुई। महंगाई लगातार बढ़ती जा रही है। अब तो भाजपा सरकार किसानों को बिजली की दरें बढ़ाकर एक और झटका देने की तैयारी में है। पूरे प्रदेश में किसानों को कहीं भी उनकी फसलों की एमएसपी नहीं मिली। धान खरीद में बिचौलिये हावी रहे।
अभी तक किसानों का पिछले गन्ना पेराई सत्र का हजारों करोड़ रुपया चीनी मिलों पर बकाया है। भाजपा सरकार बकाया भुगतान कराने के लिए कोई प्रयास नहीं कर रही है। गन्ना किसान परेशान है। गन्ना किसानों की उपेक्षा का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि मध्य जनवरी आ गई लेकिन अभी तक नए सत्र में गन्ना मूल्य की घोषणा नहीं हुई है। सरकार गन्ना किसानों के साथ छल कर रही है।
अखिलेश यादव ने कहा कि समाजवादी पार्टी तत्काल गन्ना मूल्य घोषित करने और किसानों का पिछला गन्ना मूल्य का बकाया तुरन्त भुगतान किए जाने की मांग करती है।
यादव ने कहा कि यूपी के हर गली, खेत, बाजार, सड़क पर छुट्टा पशुओं का आतंक है। भाजपा सरकार के कार्यकाल में छुट्टा और हिंसक पशुओं के हमलों में सैकड़ों किसान और आम लोग जान गवां चुके हैं। लेकिन भाजपा सरकार गूंगी, बहरी और अंधी बनी हुई है। पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान प्रधानमंत्री जी ने भी इस समस्या के तत्काल समाधान कराने का आश्वासन दिया था लेकिन करीब एक साल होने को है यह समस्या और विकराल होती जा रही है।
भाजपा सरकार लगातार किसान विरोधी काम कर रही है। विशेषज्ञों ने माना है कि कोविड संक्रमण काल में भी कृषि क्षेत्र की वजह से ही देश की आर्थिक स्थिति में सुधार आया और देश आर्थिक संकट से उबर सका था। कृषि की उपेक्षा कर पूंजीनिवेश सम्मेलनों से खुशहाली लाने का सपना सपना ही साबित होगा। भाजपा देशी, विदेशी निवेश का लाख ढिंढोरा पीटती रहे, खेती उजाड़ कर भाजपा सरकार देश का विकास नहीं कर सकती।