- नगर निगम के लापरवाह लिपिक पर वर्षों बाद अब कसेगा शिकंजा
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: नगर निगम में विभिन्न विभागों में कार्यरत लापरवाह लिपिकों पर अब कई मामलों में चल रही जांच के बाद अब उन पर शिकंजा कसने की तैयारी है। जिस समय फाइल गायब होने के मामले हुए उस समय जिन लिपिकों की तैनाती रही है। उस समय के अधिकारी तो उन पर खासे मेहरबान रहे,
लेकिन अब ऐसे लिपिकों पर शिकंजा कसने की तैयारी चल रही है। जो मामले विवादों के घेरे में रहे ऐसे तीन प्रमुख मामले चर्चा में रहे, जिसमें संबंधित अधिकारियों पर तो कार्रवाई हुई, लेकिन जिन लिपिक की तैनाती के दौरान फाइलें गायब हुई तो उन पर कार्रवाई नहीं हो सकी। अब ऐसे लिपिकों पर कार्रवाई करने की तैयारी की जा रही है।
नगर निगम के स्वास्थ्य विभाग एवं अन्य विभागों में लिपिक पर फाइलों के रखरखाव का महत्वपूर्ण जिम्मा होता है। यदि उनकी लापरवाही से फाइल के गायब होने या फिर फाइल में छेड़छाड़ के मामलों में अब तक अधिकारी एवं कर्मचारियों पर तो कार्रवाई हुई। जिनसे जुड़ी फाइलें रही, लेकिन जिन लिपिक के कार्यकाल में फाइलें गायब हुई या फिर सेवा पुस्तिकाओं में जन्मतिथि संबंधी छेड़छाड़ हुई उन लिपिकों पर उस समय के अधिकारी खासे मेहरबान रहे।
जिसके चलते उन पर कोई ठोस कार्रवाई अब तक नहीं हो सकी। निगम में वैसे तो काफी संख्या में फाइलें गायब हैं। जिसमें एक बार नगर निगम के रिकॉर्ड रूप में आग लगी थी। कुछ फाइलों को उसमें जल जाना दर्शा दिया गया था, लेकिन काफी संख्या में जो फाइलें गायब बताई जा रही हैं। जिनकी थाने में अभी तक लिखापढ़ी तक नहीं कराई गई। सूत्रों की माने तो सन् 1990 से पूर्व का अधिकतर रिकॉर्ड एवं फाइल रिकार्ड रूम में नहीं मिल पा रही है।
नगर निगम में सबसे बड़ा घोटाला चूना घोटाला सामने आया था। जिसमें कुछ अधिकारी एवं कर्मचारी तो कार्रवाई की जद में आये थे, लेकिन उस समय के लापरवाह लिपिक पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई। अब प्रश्न ये उठता है कि फाइल गायब जिस लिपिक के कार्यकाल में हुई। आखिर उस पर कार्रवाई का शिकंजा क्यों नहीं कसा जा सका। उधर, पूर्व नगर स्वास्थ्य प्रभारी डा. प्रेम सिंह के खिलाफ जिस मामले में स्वच्छता मित्रों की सेवा पुस्तिका की फाइल गायब होना बताकर मुकदमा दर्ज कराया गया। वह फाइल 2020 में मिल गई।
उसे लिपिक लगातार दो वर्ष तक दबाए बैठा रहा और वर्ष 2022 में क्राइम बांच में जांच के संबंध में यह भेजा गया कि फाइल मिल गई है। उधर, न जाने कितनी ऐसी फाइले गायब है। जिनको गुपचुप तरीके से निगम के रिकॉर्ड रूप में तलाशा जा रहा है। उधर, पूर्व में जिन लापरवाह लिपिकों के कार्यकाल में फाइलें गायब हो के मामले रहे उन पर बडेÞ स्तर से जांच शुरू हुई तो अब लिपिकों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया जा रहा है।
इसी तरह चूना घोटाले से जुड़ी फाइल एवं स्वच्छता मित्रों से जुड़ी फाइल के गायब होे के मामले में निगम के स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत पूर्व लिपिक राजेश व सुरेंद्र आदि से भी स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों द्वारा जवाब तलब किया जा रहा है। जिसके बाद अब पूर्व में उनके द्वारा की गई लापरवाही के मामलों में शिकंजा कसने की तैयारी चल रही है।
स्वच्छता मित्रों की कुछ फाइल एवं चूना घोटाला से जुड़ी फाइल के गायब होने के दौरान जिन लिपिकों की तैनाती विभाग में रही। उनसे जवाब तलब किया जा रहा है। ताकि मामले में चल रही जांच में जवाब बनाकर भेजा जा सके और लापरवाह लिपिकों पर एक्शन लिया जा सके। -डा. हरपाल सिंह, प्रभारी नगर स्वास्थ्य अधिकारी नगर निगम