Thursday, April 25, 2024
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टूटा बिखरा शाहिद किससे बांटे दर्द

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  • हत्यारोपी निशा को लेकर खैरनगर में आक्रोश
  • पति ने कहा भाई बताकर घर में दी थी एंट्री

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: मैं अब किसके सहारे जिंदा रहूं। अब मेरी जिंदगी का मकसद क्या बचा है। बच्चों का चेहरा आंखों के सामने आता है तो खुद को खत्म करने का मन करता है। काश मैं अपने मीराब के लिये खिलौना लेकर आ जाता तो वो इनके कातिल हाथों से बच सकता था। दो मासूम बच्चों के कत्ल के बाद बुरी तरह से टूट चुके पिता शाहिद ने बस यही कहा कि सबसे गुजारिश है कि कातिलों को फांसी दिलाने में मदद करें।

खैर नगर के गूलर वाली गली के जिस मकान में खूबसूरत बच्चों की मुस्कराहट फिजा में गूंजती रहती थी, आज वहां मातम छाया हुआ है। बच्चों मीराब और कोनेन की मां कत्ल के आरोप में जेल में बंद है। घर में बुरी तरह से टूट चुके शाहिद के अलावा उसकी बहनें और रिश्तेदारों के अलावा सिर्फ खामोशी छाई हुई है। शाहिद के चेहरे से रौनक गायब हो चुकी है और आंखें आंसुओं के लगातार बहने से सूज गई है।

शाहिद ने बताया कि इस बात का पूरी जिंदगी दुख रहेगा कि निशा को पहचान नहीं पाया। उसने कसम खाई थी और कहा था कि वो सऊद को भाई से बढ़कर मानती है और उसे पार्षदी के चुनाव में वोट जरुर डालना। उसके कहने पर वोट भी डाला था लेकिन यह नहीं पता था कि उसकी अय्याशी उसके बच्चों को उससे दूर कर देगी। उसने बताया कि जैसे ही काम से आया तो निशा ने बच्चों के न होने की बात कह कर टेंशन में डाल दिया था।

इसके बाद निशा ने मुझे गली गली लेकर गई और बोली बच्चों को ढूंढ कर निकालो और पुलिस को बुलाओ। शाहिद को इस बात का दुख है कि बेटे मीराब ने उससे मरने से आधा घंटा पहले फोन पर कहा था कि पापा घर आना तो खिलौना लेकर आना। शाहिद के हाथ में खिलौना अब उसके जी का जंजाल बना हुआ है। उसको देखकर उसकी आंखों से आंसू निकलना शुरु हो जाते हैं।

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निशा शादी के पहले से ही तंत्र-मंत्र में अंधी थी और असीम शक्ति आने की बात कहती थी। पुलिस को आशंका है कि पूर्व में तीन बच्चों की मौत स्वाभाविक नहीं, बल्कि हत्या भी हो सकती है। एसपी सिटी पीयूष सिंह ने बताया कि पूर्व में उक्त तीनों बच्चों की मौत कैसे हुई है। इसकी भी जांच होगी। पुलिस कारण स्पष्ट करने का प्रयास करेगी।

पैदल मार्च निकाला

10 साल के मीराब और छह साल की कोनेन के हत्यारों को फांसी दो के नारे के साथ थाना देहलीगेट गेट क्षेत्र के खैरनगर में लोगों ने पैदल मार्च किया। इस दौरान पुलिस जिंदाबाद के नारे भी लगाए गए। पैदल मार्च में कैंट विधायक अमित अग्रवाल भी शामिल रहे। पैदल मार्च में शामिल लोगों के चेहरे पर नाराजगी साफ दिख रही थी और सिर्फ फांसी केी मांग कर रहे थे।

बच्चों की हत्या के बाद सऊद के साथ डिनर किया निशा ने

खैरनगर के गूलर वाली गली में रहने वाले दो मासूम बच्चों को अवैध संबंधों को मजबूत करने के लिये मौत के घाट उतारने वाली कातिल मां का दिल पत्थर से ज्यादा कठोर था। पहले उसने आंखों के सामने बच्चों को मरवाया फिर अपने प्रेमी के साथ पहले चाय पी फिर खाना खाया।

खैरनगर की गूलर वाली गली में रहने वाले सेल्समैन शाहिद की पत्नी निशा ने अपने प्रेमी निवर्तमान पार्षद सऊद फैजी के साथ मिलकर अपने दो मासूम बच्चों मीराब और कोनेन की निर्मम हत्या करा दी थी। निर्दयी मां ने अपने बच्चों के कत्ल के एक घंटे बाद सऊद के साथ उसने न केवल चाय पी बल्कि रात को खाना भी खाया। एक बार शाहिद ने पूछा भी कि बच्चे नहीं दिख रहे हैं।

इस पर निशा ने झूठ बोलते हुए कहा कि बच्चे पड़ोस में गए हैं। शाहिद ने ख्वाब में भी नहीं सोचा था कि जिस सऊद के साथ बैठकर वो चाय पी रही है वो उसके बच्चों की कातिल निकलेगी। जब अगले दिन रात में बच्चों के कत्ल का पता लगा तो पूरा परिवार सदमें में आ गया। मौहल्ले वालों का कहना था कि आखिर मां को कत्ल वाली रात कैसे नींद आई होगी जब वो बार बार पुलिस से बच्चों को ढूंढने के लिये कह रही थी।

शाहिद की बहन ने रोते हुए कहा कि जब तक हत्या में शामिल लोगों को फांसी नहीं हो जाएगी तब तक मन को शांति नहीं मिलेगी। शाहिद के घर में मातम छाया हुआ है। दिन भर घर में लोग शोक में शामिल होने के लिये आ रहे हैं। जिन बच्चों ने ठीक ढंग से दुनिया भी नहीं देखी थी उनको दुनिया से अपनी अय्याशी के लिये रुखसत कर दिया गया।

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