- एमडी से शिकायत, जांच के आदेश, आरोपी जेई पर बड़ी कार्रवाई की आहट
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: बगैर एस्टीमेंट जमा कराए पीवीवीएनएल के एक अवर अभियंता पर लाइन शिफ्ट करने का आरोप है। इस मामले की एमडी से शिकायत की गयी है। जांच के बाद दोषी पाए जाने पर अवर अभियंता पर बड़ी कार्रवाई से इंकार नहीं किया जा सकता। इसके अलावा एसडीओ भोला पर भी कई गंभीर आरोप लगाए गए हैं। इन तमाम मामलों को लेकर आरटीआई एक्टिविस्ट पं. नरेश शर्मा ने एमडी पीवीवीएनएल को शिकायत सौंप कर जांच की मांग की है। पं. नरेश शर्मा ने आरोप लगाया कि जेई रोहटा और एसडीओ भोला ने भ्रष्टाचार के नये कीर्तिमान स्थापित किये हैं।
उन्होंने मीरपुर गांव में मन्दिर का ट्रांसफार्मर किनौनी मिल के सामने दुकानदार को बेचकर मन्दिर को टाउन के फीडर से जोड़ दिया, इसके अलावा क्षेत्र में 7 से 8 लाइन शिफ्टिंग अवैध रूप से बिना एस्टीमेट जमा किए उपभोक्ता से सुविधा शुल्क लेकर कर दी, जिनमें इन्होंने परविंदर ठेकेदार के भट्टे की 14 खंभों की लाइन 2.5 लाख रिश्वत लेकर बिना एस्टीमेंट के बना दी हैं, इसके अलावा क्षेत्र के निर्माणाधीन स्कूल की लाइन का एस्टीमेंट छह खंभों का बनाकर मौके पर 10 खंभों की लाइन बना दी गयी।
आरोप है कि जेई और एसडीओ के पास यदि कोई भी उपभोक्ता अपने कनेक्शन या लाइन शिफ्टिंग संबंधी कार्य को लेकर आता है तो उनसे कार्य के एस्टीमेट की राशि का आधा पैसा सुविधा शुल्क के रूप में लेकर बिना एस्टीमेंट जमा किये ही उस कार्य को कर दिया जाता है, जिससे विभाग को अब तक लाखों रुपये की वित्तीय हानि पहुंच चुकी है। इन्हीं तमाम शिकायतों की जांच की मांग एमडी से करते हुए पं. नरेश शर्मा ने जांच के बाद कार्रवाई की मांग की है। जिसके चलते आरोपी कर्मचारियों पर कार्रवाई की बात कही जा रही है।
कारगुजारी बाबुओं की, कीमत चुकाएंगे संविदा कर्मचारी
मेरठ: जनपद में पीवीवीएनएल के चार ईयूडीडी के संविदा कर्मचारियों के सामने इस बार बच्चों के स्कूल की फीस, डाक्टर व दवाई का खर्च तथा दूध व राशन का बिल चुकान का संकट पैदा हो गया है। इसकी वजह उन्हें इस माह सेलरी नहीं मिलने जा रही है। बड़ा सवाल यही पूछा जा रहा है कि सेलरी के बगैर कैसे परिवार का गुजारा करेंगे और इस सब मुसीबत की वजह जिन बिजलीघरों पर ये संविदा कर्मचारी काम करते हैं, वहां से जो भी संबंधित बाबू इनकी सेलरी के बिल मुख्यालय भेजता है उसने लापरवाही बरती। देरी से से बिल भेजने की वजह से एकाउंटेंट ने सेलरी के बिल कंप्यूटर पर चढ़ाने से हाथ खडेÞ कर दिए।
क्योंकि तय तारीख से यदि विलंब से बिल भेजे जाते हैं तो कंप्यूटर पर चढ़ाए नहीं जा सकते। जिन ईयूडीडी के संविदा कर्मचारियों के घरों के चूल्हे सेलरी न मिलने की वजह से ठंडे पड़ने की आशंका जतायी जा रही है। उनमें रुलर के ईयूडीडी-1 व अरबन के ईयूडीडी-2-3-5 शामिल हैं। बाबू की इस लापरवाही का खामियां उन तमाम संविदा कर्मचारियों को भुगतना पड़ रहा है जो जान जोखिम में डालकर बिजली की आपूर्ति में निरंतरता बनाने में कोई कोरकसर नहीं छोड़ते हैं। इसके बाद भी यदि सेलरी के दिन घर पर खाली हाथ जाएंगे तो सवाल तो पूछा जाएगा कि इसके लिए जिम्मेदार कौन हैं और पीवीवीएनएल चलाने वाले इस जिम्मेदार पर क्या कार्रवाई कर रहे हैं।