- आवास विकास की अधिग्रहित जमीनों को अर्जन मुक्त कराकर बिल्डरों को बेची जमीन
- बसपा राज में हापुड़ और गढ़ रोड पर कुकुरमुत्तों की तरह उगी थी कालोनियां
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: प्रयागराज में राजू पाल हत्याकांड के गवाह उमेश पाल की निर्मम हत्या के मामले में बाहुबली अतीक अहमद का नाम सामने आने पर एक बार फिर से उसके काले कारनामे सामने आने शुरू हो गए हैं। अतीक अहमद ने आवास विकास की अधिगृहित 70 एकड़ जमीन को अर्जन मुक्त करा कर बहुजन समाज पार्टी से जुड़े स्थानीय बिल्डरों को मनमाने दामों पर बेच कर करोड़ों रुपये कमाये थे।
अतीक अहमद का मेरठ कनेक्शन
बसपा राज में अतीक का जमीनों में निवेश का मामला खुलकर सामने आया है। 2011 में इलाहाबाद हाईकोर्ट में दाखिल याचिका में इस बात का जिक्र किया गया है कि जागृति विहार योजना संख्या 11 के लिये 1130031 एकड़ जमीन अधिगृहित की गई थी। इसकी अनुमानित लागत 41313.22 लाख रखी गई थी। आवास विकास की 20 जनवरी 2007 को हुई 182वीं बैठक में इस योजना को अमली जामा पहनाने पर स्वीकृति लगी थी। इस बाबत समाचारपत्रों में विज्ञापन भी प्रकाशित किया गया था। आपत्तियों पर सुनवाई 8 और 9 जनवरी 2003 में की गई थी।
नियोजन समिति की संस्तुतियां पर दोबारा विचार किया गया। इसमें कहा गया कि नियोजन समिति के प्रस्तावों पर विश्लेषण समिति की दिनांक 11 अगस्त 2003 और 4 सितंबर 2003 को फिर बैठक हुई। इस बैठक में कहा गया कि ऐसी भूमि जिनके मानचित्र मेरठ विकास प्राधिकरण द्वारा स्वीकृत नहीं किये गए उनको अधिग़ृहण में शामिल करते हुए 70 एकड़ भूमि ले ली जाए। याचिका में यह भी कहा गया कि अतीक अहमद सांसद के संलग्न पत्र जो मुख्यमंत्री मायावती को संबोधित था, उसमें उल्लखित 70 एकड़ जमीन को छोड़ने का अनुरोध किया गया है।
उन्होंने अपने पत्र में कहा है कि उक्त खसरे की भूमि पर अधिकांश किसानों ने अपने अपने छोटे निजी भवन बना रखे हैं तथा किसानों के द्वारा आवासी कालोनी के निर्माण के लिये एमडीए में मानचित्र विभिन्न तिथियों को जमा किये हैं, लेकिन एमडीए ने मानचित्र स्वीकृत नहीं किये हैं। इसके बाद शासन के प्रमुख सचिव ने आदेश जारी कर दिये।
इसमें फूल विहार के प्रदीप कुमार को खसरा संख्या 14, 15/2, 16, 17, 18 ग्राम सरायकाजी, प्रदीप कुमार को खसरा संख्या 3, 64, 65 ग्राम सरायकाजी, इकबाल अहमद खसरा संख्या 60/2, 61, 101, 103, 104, 105, 106, 108, 109, 110, 111, 112, 115, 118, 119 और 120 ग्राम सरायकाजी, कीर्ति पैलेस एक्सटेंशन 6378, 6376, 6381 कस्बा मेरठ और 233, 23, 235, 236, 237, 238 ग्राम सरायकाजी, श्याम सिंह ग्राम काजीपुर आवंटित कर दी गई।
दरअसल अतीक अहमद के पत्र में 70 एकड़ जमीन का जिक्र किया गया है। आवास विकास से अर्जन मुक्त कराई जमीनें अधिग्रहण हुई जमीनें अतीक की खातिर छोड़ी गई। अतीक के गुर्गों के जरिये प्लाटिंग कर करोड़ों रुपये कमाए गए। फूलबिहार, कीर्ति पैलेस, काजीपुर में जमीनें थी।
सराय काजी में इन जमीनों पर कालोनियां बसी थी। कई बसपा नेताओं के जरिये अतीक अहमद ने की कमाई की थी। मेडिकल कॉलेज के सामने इलाके में भी जमीनें थी। दरअसल, फूलबाग कालोनी में माफिया अतीक अहमद की बहन का घर है। अतीक अहमद के नाम पर गद्दी बिरादरी के मुस्लिम नेताओं ने जमीनों पर खुलकर कब्जे किये थे।