जनवाणी ब्यूरो |
मेरठ: एसटीएफ और ईओडब्ल्यू की टीमों ने मिलकर संयुक्त कार्रवाई करते हुए 3500 करोड़ रूपए के बाइक बोट घोटाले में तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। तीनों पर 50-50 हजार का इनाम घोषित था।
दोनों जांच एजेंसियों द्वारा की गई संयुक्त रूप से छापामारी में सचिन भाटी, पवन भाटी और करण पाल को गिरफ्तार कर लिया गया है। जिसमें सचिन भाटी और पवन भाटी को नोएडा तथा करण पाल को मेरठ से गिरफ्तार किया गया है।
बताया जा रहा है कि दबोचे गए आरोपियों पर बाइक बोट घोटाले में फर्जी तरीके से तमाम लोगों से मोटी रकम वसूलने का आरोप है। फिलहाल जांच एजेंसियां पूछताछ में जुटी हुई हैं।
पुलिस क्षेत्राधिकारी एसटीएफ बृजेश सिंह ने पूछने पर बताया कि गिरफ्तार किए गए आरोपियों को ईओडब्ल्यू कानूनी कार्रवाई करते हुए जेल भेजने की तैयारी कर रही है। सीओ बृजेश सिंह ने यह भी बताया है कि गिरफ्तार आरोपियों से इनके अन्य साथियों की जानकारी भी जुटाने का प्रयास किया जा रहा है ताकि उन्हें भी दबोचा जा सके।
आपको बता दें कि बाइक बोट घोटाले में 50 हजार के इनामी आरोपी को ईओडब्ल्यू मेरठ की टीम ने जुर्रानपुर फाटक से सुनील प्रजापति निवासी बुलंदशहर को गिरफ्तार किया गया था। वह कंपनी में डायरेक्टर था और कानपुर में निवेशकों को झांसा देकर ठगता था।
तो यह है पूरा मामला, जानकर हैरान रह जाएंगे
दिल्ली एनसीआर अंतर्गत ग्रेटर नोएडा के चीती गांव निवासी संजय भाटी ने बाइक चलवाने के नाम पर करीब सवा दो लाख लोगों से अरबों रुपये की बड़ी ठगी की है। निवेशकों को जमा की गई रकम का दो गुना वापस करने का झांसा दिया गया था। तीन साल तक कंपनी संचालित कर संजय भाटी व उसके साथियों ने एक बड़ी ठगी को अंजाम दिया। साल 2019 में तत्कालीन एसएसपी वैभव कृष्ण ने घोटाले का पर्दाफाश किया और सभी मुख्य आरोपितों को गिरफ्तार करते हुए सलाखों के पीछे पहुंचाया। गत वर्ष ही कंपनी की करोड़ों रुपये की संपत्ति भी जब्त की गई थी।
कई राज्यों के लोगों ने किया है निवेश
बाइक बोट स्कीम लॉन्च होने के कुछ ही दिनों में यूपी के विभिन्न जिलों से होती हुई राजस्थान, गुड़गांव, रोहतक, पानीपत, पंजाब, मध्य प्रदेश, इंदौर, महाराष्ट्र और उत्तराखंड तक फैल गई।