जनवाणी ब्यूरो |
नई दिल्ली: पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के लिए काम करने वाले और भारत विरोधी कार्यों में संलिप्त खालिस्तानी आतंकी लखबीर सिंह रोडे की पाकिस्तान में मौत हो गई। लखबीर सिंह खालिस्तान लिबरेशन फोर्स और इंटरनेशनल सिख यूथ फेडरेशन का मुख्य सरगना था। यह खालिस्तानी आतंकी जरनैल सिंह भिंडरावाले का भतीजा था।
लखबीर पाकिस्तान में बैठकर भारत के खिलाफ साजिश रचने का काम करता था। इसके अलावा वह पाकिस्तान से ड्रोन के जरिये भारत में आरडीएक्स भेजता था। जानकारी के अनुसार पाकिस्तान में उसके कई ठिकाने थे। वह पाकिस्तान में लाहौर, हाउस नंबर 20, डिफेंस काॅलोनी और पीआईए काॅलोनी में रहता था।
पंजाब के मोगा जिले के रोडे गांव का रहने वाला लखबीर सिंह दुबई के रास्ते पाकिस्तान पहुंचा था। इसके बाद उसने पाकिस्तान को ठिकाना बनाया था। वहीं लखबीर का परिवार कनाडा में रहता है। वह पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के लिए भी काम करता था।
आईएसआई का सहयोगी था लखबीर सिंह
भारतीय खुफिया एजेंसी की मानें तो पंजाब से फरार होकर पाकिस्तान में बैठे कई खालिस्तानी आतंकी अभी आईएसआई के लिए काम करते हैं। इसमें बब्बर खालसा इंटरनेशनल के वधावा सिंह, खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स के रंजीत सिंह नीटा, खालिस्तान कंमाडो फोर्स का परमजीत सिंह पंजवड़ शामिल हैं। ये सभी आईएसआई के साथ मिलकर भारत के खिलाफ साजिश रचने का काम करते हैं। हालांकि इसमें से परमजीत सिंह और लखबीर सिंह की मौत हो चुकी हैं।
टिफिन बम एक्सपर्ट था लखबीर
एनआईए की मानें तो लखबीर का एकमात्र मकसद पंजाब में दहशत फैलाना था। उसने आईएसआई के जरिये पंजाब में 200 युवकों के स्लीपर सेल का ऐसा नेटवर्क तैयार कर लिया था जो उसके कहे अनुसार आतंकी गतिविधियों को अंजाम देता था। भारत ने साल 2022 में पाकिस्तान को 20 आतंकियों की लिस्ट सौंपी थीं। इन सभी आतंकियों को पाकिस्तान को भारत को सौंपना था। इसमें लखबीर का नाम भी शामिल था। रोडे पर आरोप है कि उसने लोकल गैंगस्टर्स की मदद से भारत में कई हमले कराए।
इस साल एनआईए ने लखबीर सिंह की मोगा स्थित एक जमीन को जब्त किया था। 15 सितंबर 2021 को पंजाब के फाजिल्का में एक टिफिन बम में ब्लास्ट हुआ था। जांच एजेंसियों की माने तो इस हमले के पीछे रोडे का हाथ था। इसके अलावा वह टिफिन बम का भी एक्सपर्ट था। एनआईए ने साल 2021 से 2023 के बीच हुई कई आतंकी घटनाओं में उसका हाथ बताया था।