जनवाणी ब्यूरो |
नई दिल्ली: दिल्ली-एनसीआर की आबोहवा अभी भी बहुत खराब श्रेणी में बनी हुई है। बुधवार की सुबह दिल्ली का समग्र वायु गुणवत्ता सूचकांक 379 दर्ज किया गया। आपातकालीन प्रयास के बावजूद भी हवा ‘बहुत खराब’ स्तर में जारी है।
दिल्ली के आनंद विहार इलाके में हवा 432 एक्यूआई के साथ गंभीर श्रेणी में बनी हुई है। वहीं आयानगर में एक्यूआई 349 दर्ज किया गया। बवाना में 417 एक्यूआई के साथ गंभीर श्रेणी में है।
राजधानी में प्रदूषण को कम करने के लिए कई प्रयास किए जा रहे हैं। केंद्र सरकार ने दिल्ली-एनसीआर के सभी राज्यों को 21 नवंबर तक अपने दफ्तरों में 50 प्रतिशत कर्मचारियों की उपस्थिति के साथ काम करने के लिए कहा है। इसके अलावा अगले आदेश तक सभी स्कूल बंद रहेंगे। इसको लेकर बुधवार को भी सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी।
सुप्रीम कोर्ट की सख्ती के बाद वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) ने दिल्ली तथा उसके पड़ोसी राज्यों के साथ बैठक कर मंगलवार देर रात प्रदूषण से निपटने के आपात उपायों की घोषणा कर दी।
बैठक में उत्तर प्रदेश, दिल्ली, पंजाब, हरियाणा और राजस्थान के शीर्ष अधिकारी शामिल हुए। एनसीआर के सभी राज्यों के मुख्य सचिवों को इन उपायों की निगरानी की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
21 तक वर्क फ्रॉम होम
आयोग के सदस्य सचिव अरविंद नौटियाल ने बयान जारी कर दिल्ली-एनसीआर के राज्यों के लिए बाध्यकारी फैसलों की घोषणा की।
आयोग द्वारा लिए गए फैसले में उद्योगों, निर्माण गतिविधियों, वाहनों, धूल के प्रबंधन, वर्क फ्रॉम होम जैसे उपाय शामिल हैं। निजी क्षेत्र को भी इस बात के लिए प्रोत्साहित करने के लिए कहा गया है कि वो अपने यहां कम से कम 21 नवंबर तक 50 फीसदी कर्मियों को वर्क फ्रॉम होम की सुविधा दें।
छह ताप बिजली संयंत्र बंद, गैस से चला सकेंगे उद्योग
दिल्ली के 300 किमी के दायरे में आने वाले 11 तापीय बिजली संयंत्रों में से छह को 30 नवंबर तक बंद करने का आदेश दिया गया है।
ये सभी संयंत्र कोयला आधारित हैं जिनका धुआं प्रदूषण फैलाने में बड़ी भूमिका निभाता है। इसके अलावा, एनसीआर के सभी उद्योग जहां गैस का कनेक्शन है, उन्हें सिर्फ गैस से चलाने की ही अनुमति होगी।
निर्माण गतिविधियां 21 नवंबर तक बंद
रेलवे, मेट्रो, एयरपोर्ट और राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े निर्माण को छोड़कर अन्य सभी निर्माण गतिविधियों को 21 नवंबर तक रोकने का आदेश दिया गया है। बड़े पैमाने पर एंटी स्मॉग गन और धूल सोखने वाले वाहनों के उपयोग और पानी के छिड़काव के भी निर्देश दिए गए हैं।
ट्रकों के प्रवेश पर रोक पुराने वाहनों पर सख्ती
दिल्ली में जरूरी चीजों की आपूर्ति को छोड़कर अन्य सभी ट्रकों का प्रवेश 21 नवंबर तक रोक दिया गया है। 10 साल से पुराने डीजल वाहन और 15 साल से पुराने पेट्रोल वाहनों पर सख्ती बढ़ाई जाएगी। प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों पर खास नजर रखी जाएगी। ट्रैफिक जाम न लगे, इसके लिए ज्यादा टीमें उतरेंगी।