Friday, April 26, 2024
- Advertisement -
HomeUttar Pradesh NewsMeerutहस्तिनापुर के कायाकल्प को लेकर सीएम योगी गंभीर

हस्तिनापुर के कायाकल्प को लेकर सीएम योगी गंभीर

- Advertisement -
  • सीसीएसयू के नेताजी सुभाषचंद्र बोस प्रेक्षागृह में बोले सीएम योगी-प्रदेश के सभी विवि अपने शोध में करें शामिल
  • हस्तिनापुर: रेल लाइन के एफएसएल को केन्द्र की मंजूरी
  • खटीक भी कर चुके हैं विकास की मांग
  •    रेल मंत्रालय ने मेरठ-हस्तिनापुर-बिजनौर के 63.5 किमी नई रेल लाइन के फाइनल लोकेशन सर्वे को दी मंजूरी
  • रेल मंत्री ने बेहतर रेल कनेक्टिविटी के लिए बिजनौर के लोगों की आकांक्षाओं को किया पूरा
  • नई रेल लाइन हस्तिनापुर को पर्यटन और तीर्थस्थल के रूप में विकसित करने में फायदेमंद होगी साबित
  • मुख्यमंत्री के समक्ष रखी गई विकासपरक समस्याए
  • सांसद राजेन्द्र अग्रवाल और कमल दत्त शर्मा के मांग पत्रों पर सीएम ने दिखाई रुचि

जनवाणी संवाददाता, मेरठ |

हस्तिनापुर के अतीत को लेकर जो भी सरकार आयी चर्चा तो सभी ने की, लेकिन विकास की तरफ कदम नहीं बढ़ाया। अब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ हस्तिनापुर के विकास को लेकर बेहद गंभीर दिखाई दिये। कौरव-पांडवों का इतिहास तो हस्तिनापुर समेटे हुए हैं, वहीं भगवान श्रीकृष्ण की भी ये कार्यक्षेत्र रहा हैं। पौराणिक दृष्टि से भी हस्तिनापुर बेहद महत्वपूर्ण हैं। अब लगता है हस्तिनापुर के कायाकल्प का समय आ गया हैं।

d64279918

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने समीक्षा बैठक में आला अफसरों को स्पष्ट कर दिया कि हस्तिनापुर विकास का बड़ा केन्द्र बनाना चाहिए। इसको लेकर प्लानिंग की जाए। क्योंकि हस्तिनापुर ऐतिहासिक हैं, जिसको लेकर प्लान तैयार होना चाहिए। इसके बाद ही हस्तिनापुर को लेकर कई योजनाओं पर काम किया जाएगा। गंगा एक्सप्रेस- वे से भी हस्तिनापुर को जोड़ा जा सकता हैं। कौन-कौन सी संभावनाएं विकास की यहां बन सकती हैं, इसको लेकर प्लान करने की आवश्यकता हैं। यूपी के पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ऐसे हैं, जिन्होंने इतना खुलकर हस्तिनापुर के विकास को लेकर अफसरों के साथ चर्चा की। सिर्फ चुनावी घोषणा हुआ करती थी। घोषणा के बाद कोई भी पार्टी हस्तिनापुर पर अमल नहीं करती थी। योगी आदित्यनाथ पहले ऐसे मुख्यमंत्री हैं, जो हस्तिनापुर के कायाकल्प को लेकर गंभीर दिख रहे हैं। हस्तिनापुर के अतीत के पन्नों को पलटा जा रहा हैं, जहां पर तमाम सभ्यताएं पुरातत्व वेत्ताओं की खुदाई में सामने आ रही हैं। महाभारत कालीन चित्रित मृदभांड भी यहां खुदाई में पहले मिल चुके हैं। हस्तिनापुर की इस धरोहर को लेकर जिस तरह से योगी आदित्यनाथ गंभीर है, उसको देखकर लगता है कि अब हस्तिनापुर विकास के केन्द्र बनेगा।

खटीक भी कर चुके हैं विकास की मांग

राज्य जल शक्ति मंत्री दिनेश खटीक भी पहले यह मांग कर चुके हैं कि हस्तिनापुर को पर्यटन स्थल से जोड़कर विकसित किया जाए। इसको लेकर दिनेश खटीक ने एक मांग पत्र मुख्यमंत्री को सौंपा था। दिनेश खटीक दूसरी बार हस्तिनापुर से भाजपा के विधायक बने हैं। उन्होंने भी दावा किया था कि हस्तिनापुर पर्यटन क्षेत्र के रूप में विकसित किया जाएगा। इसके लिए हस्तिनापुर में विकास की तमाम संभावनाएं हैं।

हस्तिनापुर: रेल लाइन के एफएसएल को केन्द्र की मंजूरी

कमिश्नरी सभागार में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ समीक्षा बैठक ले रहे थे। हस्तिनापुर के विकास को लेकर प्लानिंग पर
चर्चा चल रही थी। वहीं, दूसरी ओर दिल्ली में रेल मंत्रालय ने शुक्रवार को मेरठहस्तिनापुर-बिजनौर नई रेल लाइन के फाइनल लोकेशन सर्वे को मंजूरी दी। इस 63.5 किमी लंबी नई रेल लाइन के सर्वेक्षण के लिए 1,58,75,000 रुपये खर्च किया जाने का अनुमान है। केन्द्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने 23-24 अगस्त को उत्तर प्रदेश के बिजनौर और धामपुर जिलों के अपने दो दिवसीय दौरे पर मेरठ-हस्तिनापुरबिजनौर रेल लाइन के फाइनल लोकेशन सर्वे पर त्वरित निर्णय के लिए क्षेत्र के लोगों से वादा किया था। रेल मंत्रालय ने दो दिनों के रिकॉर्ड समय में नई रेल लाइन के एफएसएल को मंजूरी दी है।

हस्तिनापुर और बिजनौर शहर इस लाइन के चालू होने से दिल्ली, लखनऊ और देश के प्रमुख शहरों से जुड़ जाएंगे। बिजनौर भारत का प्रमुख चीनी उत्पादक क्षेत्र है। नई लाइन के निर्माण से लोगों के लिए मार्केटिंग और यात्रा करने के अवसर बढ़ेंगे। हस्तिनापुर महाकाव्य महाभारत में उल्लेखित एक प्राचीन शहर है। बेहतर यात्रा सुविधाएं इस
क्षेत्र को पर्यटन और तीर्थस्थल के रूप में विकसित करने में सहायक होंगे। अभी तक हस्तिनापुर रेल लाइन नहीं होने से पिछड़ा हुआ था। हाइवे से भी हस्तिनापुर कनेक्ट नहीं हैं। इसी वजह से केन्द्र सरकार ने हस्तिनापुर को रेल लाइन से जोड़ने के लिए मंजूरी दे दी हैं। रेल लाइन पर स्वीकृति की मुहर लगने के बाद हस्तिनापुर के विधायक एवं राज्यमंत्री दिनेश खटीक ने भी खुशी जाहिर की है तथा इसके लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का आभार व्यक्ति किया हैं।

मुख्यमंत्री के समक्ष रखी गई विकासपरक समस्याए

सांसद राजेन्द्र अग्रवाल और कमल दत्त शर्मा के मांग पत्रों पर सीएम ने दिखाई रुचि

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शुक्रवार को मेरठ में समीक्षा बैठक करने पहुंचे। वहीं बैठक के दौरान भाजपा सांसद राजेंद्र
अग्रवाल और कमल दत्त शर्मा ने कई बड़े मुद्दे मुख्यमंत्री के सामने रखे। नेताओं ने मुख्यमंत्री से अधूरे पड़े प्रोजेक्टों को पूरा कराने की मांग की है। कमिश्नरी सभागार में आयोजित समीक्षा बैठक में भाजपा सांसद राजेंद्र अग्रवाल व भाजपा के कैंट विधायक अमित अग्रवाल ने मुख्यमंत्री के सामने मुद्दे रखते हुए कहा कि 11 साल से लटके पड़े प्रोजेक्टों को पूरा कराया जाए। सांसद राजेंद्र अग्रवाल ने मेरठ के खिलाड़ी पूरी दुनिया में भारत का नाम रोशन कर रहे हैं, लेकिन यहां सिंथेटिक रनिंग ट्रेक तक नहीं है। उन्होंने जागृति विहार आवास योजना में मुआवजे के कारण जनता को हो रही परेशानी का मुद्दा भी रखा है। जुर्रानपुर में बनाए गए सेतु का कार्य भी पूर्ण कराने की मांग की है। यह कार्य लंबे समय से अटका हुआ है। उन्होंने बताया कि जलालपुर रेलवे लाइन के ऊपर रेल मंत्रालय द्वारा रेलवे पुल भी बनाया जा चुका है, लेकिन अभी तक संपर्क मार्ग पर काम नहीं हो सका है, इससे यातायात प्रभावित होता है। वहीं शहर विधानसभा प्रत्याशी रहे कमल दत्त शर्मा ने इनर रिंग रोड का मुददÞा उठाया और सोलह साल से प्रोजेक्ट अटका पड़ा हुआ है। दिल्ली रोड से लेकर वेदव्यासपुरी तक सड़क निर्माण कार्य पूरा कराया जाए। किला रोड से गढ़ रोड तक की सड़क का चौड़ीकरण किया जाए। भाजपा नेता ने कहा कि रेलवे स्टेशन रोड को बागपत रोड से जोड़ने का कार्य किया जाए। मेरठ महायोजना में यह प्रस्तावित थी। अगर सेना जमीन नहीं दे रही है तो एलीवेटेड रोड बना दी जाए। तहसील कंपाउंड से बच्चा पार्क तक एलीवेटेड रोड का प्रस्ताव लंबित पड़ा हुआ है। शासन की स्वीकृति के बाद भी कार्य आगे नहीं बढ़ पाया है। भाजपा नेता ने हापुड़ अड़डे से भूमिया का पुल होते हुए मेट्रो प्लाजा तक सड़क के चौड़ीकरण का काम कराने की मांग की। शहर के नालों के आधुनिकीकरण
का मुद्दा भी उठाया। इसके अलावा सपा विधायक ने भी कई मुद्दे उठाये।

What’s your Reaction?
+1
0
+1
1
+1
0
+1
0
+1
0
+1
0
+1
0
- Advertisement -

Recent Comments