Sunday, June 4, 2023
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मासूमों पर कहर ढा रहा डायरिया अस्पतालों में लगी कतारें

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  • मेडिकल, जिला अस्पताल में रोज पहुंच रहे 200 से ज्यादा बच्चे

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: मौसम में गर्मी बढ़ने के साथ डायरिया के मरीजों की संख्या में भी इजाफा हो रहा है। इसके सबसे ज्यादा शिकार एक माह से लेकर 12 साल तक के बच्चे हो रहे हैं। मेडिकल की पिडियाट्रिक ओपीडी में रोजाना 200 जबकि जिला अस्पताल में 300 तक उल्टी-दस्त से ग्रसित बच्चे इलाज के लिए पहुंच रहे हैं। जबकि निजी अस्पतालों में इनका कोई रिकार्ड नहीं है, लेकिन वहां भी रोजना बड़ी संख्या में डायरिया जैसे लक्षण वाले बच्चों को परिजन इलाज के लिए लेकर पहुंच रहे हैं।

मेडिकल में रोजाना पहुंच रहे 200 बच्चे

गढ़ रोड स्थित एलएलआरएम मेडिकल कॉलेज की पीडियाट्रिक ओपीडी में बुधवार को उल्टी-दस्त व डायरिया जैसे लक्षणों वाले बच्चों की लंबी कतार लगी थी। इनमें एक माह से लेकर 12 साल तक के बच्चे शामिल है जो शरीर में पानी की कमी के साथ बुखार के भी शिकार थे। पिछले एक सप्ताह से इसी तरह के हालात रोजाना मेडिकल की पीडियाट्रिक ओपीडी में रहते हैं।

बताया जा रहा है गर्मी बढ़ने की वजह से बच्चों में डायरिया के लक्षण पैदा हो रहे हैं। साथ ही नवजातों की संख्या भी काफी ज्यादा है। इस समय पीकू वार्ड में एक माह तक के 72 बच्चे भर्ती है। जबकि बच्चा वार्ड में कुल 118 बच्चे भर्ती है जो उल्टी-दस्त व बुखार से ग्रसित है।

जिला अस्पताल में भी यही हालात

प्यारे लाल जिला अस्पताल की पीडियाट्रिक ओपीडी में भी रोजाना दो से 300 बच्चों को लाया जा रहा है। हालांकि यहां बने बच्चा वार्ड में कम ही बेडों पर बच्चों को भर्ती किया गया है लेकिन डायरिया के लक्षण वाले बच्चे पिछले एक सप्ताह से बड़ी संख्या में इलाज के लिए पहुंचे रहे हैं। चिकित्सकों का कहना है केवल ऐसे बच्चों को ही भर्ती किया जा रहा है जिनकी हालत ज्यादा नाजुक है। जबकि अधिकतर बच्चों को ओपीडी में चिकत्सक जांच के बाद दवाएं देकर घर भेज रहे है।

ये बरते सावधानी

गर्मी के मौसम में इंसानों खासकर बच्चों में उल्टी-दस्त की शिकायत बढ़ जाती है। ऐसे में शरीर में पानी की कमी हो जाती है जिससे डीहाइड्रेशन होने का खतरा बढ़ जाता है। इससे बचाव के लिए ज्यादा से ज्यादा पानी व तरल पदार्थ बच्चों को पिलाने चाहिए। इनमें शिकंजी, शरबत व ओआरएस का घोल जैसे पेय पदार्थ शामिल है। बच्चों को खाली पेट नहीं रखना चाहिए, एक से दो घंटे के भीतर कुछ भी खिलाते रहें।

हमेशा ताजा खाना ही बच्चों को दे, क्योंकि गर्मी में रखा हुए खानें में बैक्टिरीया पनपने का खतरा रहता है जो नुकसान दायक है। घर में सफाई का विशेष ध्यान रखना चाहिए, खासकर मक्खियों को पनपने से रोकना जरूरी है। यदि बच्चे में उल्टी-दस्त की शिकायत हो तो उसे तुरंत चिकित्सक के पास लेकर जाना जरूरी है।

पिछले एक सप्ताह से मौसम में अचानक गर्मी बढ़ी है जिस वजह से बच्चे उल्टी-दस्त से ग्रसित हो रहें है जो डायरिया का ही लक्षण है।

ऐसे में इनके इलाज में जरा सी भी लापरवाही नहीं होनी चाहिए। बीमार होते ही बच्चे को सीधे डाक्टर के पास लेकर जाएं। -डा. नवरतन गुप्ता, आचार्य व एचओडी, पीडियाट्रिक विभाग मेडिकल, मेरठ।

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