- युवतियों से की जाती है छेड़खानी, पूरे शहर को कर देते हैं जाम
- पुलिस प्रशासनिक अधिकारियों से मिला व्यापार संघ का प्रतिनिधिमंडल
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: बेलगाम हो चुके ई-रिक्शा व आटो चालकों की वजह से शहर में कभी भी फसाद के हालात बन सकते हैं। आटो में बैठने वाली महिलाओं व युवतियों से छेड़खानी की घटनाएं आम हो गयी हैं।
जबकि ई-रिक्शा शहर में जाम की वजह बने हुए हैं। दो दिन पहले हापुड़ रोड स्थित हाइफन प्लाजा में भी ई-रिक्शा चालकों ने एक मोबाइल कारोबारी पर हमला बोल दिया था। इसी मामले को लेकर सोमवार को व्यापार संघ अध्यक्ष अजय गुप्ता के नेतृत्व में क्षेत्र के कारोबारी व व्यापारी नेता जिनमें अंकुर गोयल, महामंत्री स. दलजीत सिंह, नीरज त्यागी, सुधीर रस्तोगी, ललित गुप्ता, अंकित गुप्ता, सुधांशु महाराज, अशोक रस्तोगी, पवन गर्ग, मयंक जैन, प्रदीप शर्मा आदि शामिल थे, एडीएम सिटी अजय तिवारी व एसपी सिटी से मिलने पहुंचे।
अजय गुप्ता ने उन्हें बताया कि आटो चालक व ई-रिक्शा शहर के लिए सिरदर्द बन गए हैं। इनमें बड़ी संख्या में अवैध वाहन भी शामिल हैं। पूरे शहर में एक संगठित गिरोह की तर्ज पर इनका संचालन कराया जा रहा है। अवैध रूप से सड़कों पर दौड़ रहे आटो व ई-रिक्शा पर किसके इशारे पर कार्रवाई नहीं की जा रही।
इनसे धन उगाही करने वाले कौन हैं। किसका उन्हें संरक्षण हासिल है। इन तमाम बातों की जांच करायी जानी चाहिए। अजय गुप्ता ने दो टूक कहा कि इसके पीछे थाना पुलिस व ट्रैफिक पुलिस के अलावा राजनीतिक संरक्षण भी काम कर रहा है।
अधिकारी बोले, चलाएंगे अभियान
एडीएम सिटी व एसपी ट्रैफिक ने ऐसे वाहनों के खिलाफ अभियान चलाए जाने की बात कही। उन्होंने कहा कि इसमें आरटीओ से भी बात की जाएगी। आरटीओ के अधिकारी भी इस अभियान का हिस्सा होंगे। पूरे शहर में ऐसे वाहनों के खिलाफ संगठित होकर अभियान चलाएंगे।
छेड़खानी की घटनाएं आम
शहर में चल रहे आटो में बैठने वाली युवतियों व महिलाओं से छेड़खानी की घटनाएं आम हो गयी हैं। आटो में तेजी आवाज में म्यूजिक सिस्टम बजाया जाता है। यदि कोई विरोध करता है तो उससे मारपीट की जाती है। कई बार तो हालात ऐसी होती है कि युवती अकेले ही आटो में होती है। रास्ते से चालक अपने कुछ साथियों को फोन कर बुला लेते हैं और जमकर छेड़खानी की जाती है। शर्म व बदनामी के डर से ऐसी घटनाओं को किसी से कहा भी नहीं जाता।