जनवाणी ब्यूरो |
लखनऊ: राज्यपाल ने सुशासन, जवाबदेही और पारदर्शिता को बढ़ावा देने के लिए साझा मिशन के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि सर्वोच्च लेखा परीक्षा संस्थानों की भूमिका यह सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण है कि सार्वजनिक संस्थानों का प्रभावी उपयोग किया जाता है। उन्होंने इसके प्रति कायम सार्वजनिक विश्वास को भी महत्वपूर्ण बताया।
प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने सोमवार को यहाँ गोमतीनगर स्थित एक होटल में आयोजित शंघाई सहयोग
संगठन-एससीओ के सांई प्रमुखों की 6वीं बैठक का उद्घाटन किया। इस अवसर पर बैठक को सम्बोधित करते हुए राज्यपाल ने सम्बोधन में बैठक के चयनित विषय कृत्रिम बुद्धिमत्ता और साइबर सुरक्षा को तेजी से ग्लोबल होती दुनिया के कामकाजों के लिए महत्वपूर्ण चर्चा बताया। उन्होंने कहा कि ये सूचनाओं के संकलन मेें तेजी के साथ-साथ इसको उपयोग करने वाले को प्रामाणिक निर्णय लेने में मदद करता है।
सम्मेलन को अत्यंत महत्वपूर्ण बताते हुए राज्यपाल जी ने कहा कि नई तकनीक और उपकरणों को अपनाने से धोखाधड़ी और कुप्रबन्धन का पता लगाने की क्षमता में सुधार किया जा सकता है। राज्यपाल ने सुशासन, जवाबदेही एवं पारदर्शिता को बढ़ावा देने में संगठन के कार्यों के लिए आभार व्यक्त किया और सहायोग एवं सहकारिता को बढ़ावा देना जारी रखने की अपेक्षा की।
उन्होंने कहा कि हम अपने लेखा परीक्षा कार्य की गुणवत्ता और प्रभावशाली सुधार के लिए कार्य कर सकते हैं। राज्यपाल ने बैठक में शामिल सभी शंघाई सहयोग संगठन र्साइं प्रमुखों को इस ऐतिहासिक नगर, लखनऊ के पर्यटन के लिए भी आग्रह किया। इस अवसर पर बैठक में भारत के नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक गिरीश चंद्र मुर्मू ने राज्यपाल आनंदीबेन पटेल को स्मृति चिह्न भेंटकर सम्मानित किया।
राज्यपाल को बैठक में प्रतिभाग करने वाले विभिन्न देशों से आये सांई प्रमुखों ने परिचय प्रस्तुत किया। बैठक में अतिरिक्त उपनियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक रेबेका मथाई सहित चीन, तजाकिस्तान, किर्गिजस्तान, पाकिस्तान, कजाकिस्तान, उजबेकिस्तान, रूस, एससीओ सेक्रेटिएट से बाइस प्रमुखों और अधिकारियों ने प्रतिभाग किया।