- मरीजों को लाने ले जाने के नाम पर बडे स्तर पर हो रही थी तेल की चोरी
- प्राचार्य ने मांगा बूंद-बूंद तेल का हिसाब तो खड़ी कर दी गयी तमाम एम्बुलेंस
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: तेल के खेल के चलते एलएलआरएम मेडिकल की एम्बुलेंस सेवा को कुछ लोग बीमार साबित करने पर तुले हुए हैं। दरअसल हो ये रहा था कि मरीजों खासतौर से कोरोना मरीजों को लाने ले जाने के लिए प्रयोग में लायी जा रही इन एम्बुलेंस के संचालन के नाम पर बडेÞ पैनामे पर तेल का खेल किया जा रहा था, लेकिन जब तेल के खेल पर शिकंजा कसना शुरू किया और गर्दन फंसती देखी तो इनमें तमाम खामियां निकाल कर इन्हें मेडिकल कंपाउंड में खड़ा कर दिया गया है।
मेडिकल में मरीजों को लाने ले जाने के नाम पर इनके संचालन की आड़ में अरसे से तेल का खेल चल रहा था। प्रदेश सरकार की ओर से मरीजों की सुविधा के लिए नि:शुल्क एम्बुलेंस सेवा प्रदान की गयी है। इनके लिए तेल की व्यवस्था मेडिकल प्रशासन करता है, लेकिन आरोप है कि जितना तेल गाड़ियों में डलवाया जाता था, उतना एम्बुलेंस का संचालन नहीं होता था।
एम्बुलेंस के संचालन के नाम पर अरसे से चल रहे तेल के इस खेल में मेडिकल प्रशासन के कुछ अफसरों की भूमिका भी संदिग्ध मानी जा रही है। तेल के खेल का खुलासा सामने आने के बाद अब मेडिकल प्रशासन में इसको लेकर जबरदस्त सुगबुगाहट है कि इससे पहले जिनकी जिम्मेदारी थी उन्होंने क्यों नहीं कार्रवाई की।
तेल का खेल सामने आने के बाद मेडिकल प्राचार्य ने जब सख्ती करते हुए शिकंजा कसा तो तेल के खेल में मौज मारने के आदि हो चुके स्टाफ ने तमाम एम्बुलेंसों को खड़ा कर दिया। पिछले करीब दो माह से तमाम एम्बुलेंस मेडिकल परिसर में खड़ी हैं। हालांकि ऐसा नहीं कि इनको तेल नहीं दिया जा रहा है। हुआ ये कि तेल के नाम पर होने वाली मोटी कमाई बंद हो गयी।
कोरोना मरीजों की मुसीबत
एम्बुलेंस खड़ी हो जाने की वजह से मेडिकल में भर्ती कोरोना मरीजों को सबसे ज्यादा मुसीबत उठानी पड़ रही है। मरीजों को जांच तथा अन्य काम के लिए पैदल ही आइसोलेशन वार्ड से कैंपस में अन्य स्थानों तक पैदल ही इधर से उधर जाना पड़ रहा है। जबकि आईसीएमआर की गाइड लाइन में कोरोना मरीजों के लिए एम्बुलेंस की जरूरत बतायी गयी है।
तेल के खेल पर कार्रवाई
तेल का खेल रोकने के लिए मेडिकल प्राचार्य ने अब जो व्यवस्था की है उसके अनुसार तेल का पेमेंट अब सीधे पेट्रोल पंप संचालक के एकाउंट में किया जाएगा। जिसके चलते तेल के नाम पर होने वाला खेल और बंदबांट बंद हो गयी है। अब जो भी पेमेंट होगी सीधे मेडिकल के एकाउंट से पंप मालिक के एकाउंट में होगी। इसके लिए शहर के किसी भी पंप को चिह्नित कर सभी गाड़ियों के लिए वही से तेल की व्यवस्था की गयी है। ये निर्णय एम्बुलेंस स्टाफ को रास नहीं आ रहा है।
ये कहना है मेडिकल प्राचार्य का
मेडिकल प्राचार्य डा. ज्ञानेन्द्र कुमार का कहना है कि तेल के नाम पर जो खेल चल रहा था उसको बंद कर दिया गया है। अब लॉग बुक के अनुसार तेल का आवंटन किया जाता है। संबंधित पंप के लिए तेल की पर्ची स्टाफ को दी जाती है। ये व्यवस्था कुछ लोगों को रास नहीं आ रही है तो कोई बात नहीं, लेकिन तेल का खेल नहीं होने दिया जाएगा। मरीजों की सुविधा का भी ध्यान रखा जा रहा है। एम्बुलेंसों के लिए तेल का भी इंतजाम किया गया है।